Find the Best जबकि Shayari, Status, Quotes from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about जबकि साहब की बानी, जबकि से वाक्य, जबकि का मतलब, जबकि का अंग्रेजी, जबकि means in english,
Anuj Ray
जब दिल को धुन लग जाती है, रोज-रोज खतरों से खेलने की आदत पड़ जाती है। बढ़ते बढ़ते अभ्यास साधना में शामिल हो,कभी-कभी अवॉर्ड विनर बन जाती है। ©Anuj Ray #जबकि
SUFIYAN"SIDDIQUI"
देख रही थी वो मदहोश निगाहों से ऐसे, मानो किसी का दिल कभी दुखाया ही नहीं वो कसमे फिर से मुस्कुरा के खिलाई है आज, जबकि पूराना वादा निभाया ही नही वो। सुफियान"सिद्दीकी" अररिया बिहार । ©SUFIYAN"SIDDIQUI" #जबकि पूराना वादा निभाया ही नही वो,
Rooh_Lost_Soul
तेरे सिवा क्यूँ मैं चाहूँ, किसी और को, और क्यूँ तू चाहे, हो जाऊं मैं किसी और की । तेरे सिवा क्यूँ जियूँ मैं , एक पल भी जबकि तू मेरे बिना एक कदम भी ठीक से चल सकता नही। तेरे सिवा क्यूँ मैं किसी और को, अपना बना लू, जबकि तू, मेरे बगैर,जी सकता नही ।। तेरे सिवा मैं कुछ भी नही और तू मेरे बिना अधूरा सा है ।। 💐💐💐💐💐💐💐💐💐 तेरे सिवा, रब से मांगा कुछ भी नही । #nojoto #nojotohindi
Madanmohan Thakur (मैत्रेय)
Akram Raza
World Ozone Day सबसे समझदार लड़के क़स्बे के होते है। बारीक सी बात है लेकिन गौर कीजियेगा। गाँव का लड़का जब पहली बार शहर जाता है, शुरू शुरू में शहर वाले उसे जमकर बेवकूफ़ बनाते है। क्योंकि उसे शहर की ज़िंदगी की बहुत सी चालाकियां नही पता होती है और न उनके जोक्स और न उनकी बातें समझ आती है। शहर के रहना वाला लड़का जब पहली बार गाँव जाता है तो उसे गाँव वाले खूब बेवकूफ बनाते है क्योंकि उसे ये भी नही पता होता कि खेत की पगडंडियों पर कैसे चला जाता है। वहीं कस्बे के लड़को को दोनों बेवकूफ नही बना पाते क्योंकि उसे खेती किसानी की भी समझ होती है। उसे शहर की बुनियादी चीज़े सोच रहन सहन भी पता होता है। शहर में आप कोई भी नैतिक अनैतिक काम करते है तो आस पास के लोगो से कोई मतलब नही होता, क्योंकि आप सबके घर नही जाते सबके आपसे ताआलुक़्कात भी नही होते, मसलन इश्क़ भी कर रहे है जबकि घनी आबादी है लेकिन कोई ध्यान नही देग़ा इसलिये आपको इतना चालाक या समझदार नही होना पड़ता। दूसरी तरफ़ गाँव मे लोग इतने कम होते है कि आप किसी से भी इश्क़ करे तो कोई देखने वाला नही। एक तो पूरा गांव परिवार है किसी के भी घर मुंह उठाकर चले जाओ लिहाज़ा समझदारी दिखाने की ज़रूरत ही क्या है। जबकि कस्बे का अजब माहौल है। घनी आबादी है लेकिन आप सबके घर जा नही सकते। मुहल्ले वाले आपसे इतना मतलब नही रखेंगे लेकिन इश्क़ करने की सोचा तो हर आदमी आपके पीछे खड़ा रहेगा। आप न तो गांव की तरह खेत नदियों नालों मैदानों में मिल सकते है और न शहर की तरह पार्क रेस्त्रां मॉल्स में जाकर मिल सकते है। कस्बे वाले लड़के इश्क़ भी करते है तो भयानक किस्म का दिमाग़ लगाकर। इसलिये मैं हमेशा से मानता आया हूँ कस्बाई लड़का बड़ा दिमागी होता है। (रजां इन मूड)
Rahul kori (Aasko ke moti)
जिस तरहा किसी को जब प्यार होता है खुद से सम्पर्क टूट जाता है ओर उस से संपर्क जुड़ जाता है जिससे बह प्यार करने लगता. जबकि उस समय खुद को खुद की भी जरुरत होती है जीने के लिये.. इसी तरह शायद विककर्म रोवर को चाँद से प्यार होगया होगा शायद इसलिए उसका संपर्क ऑर्विट से टूट गया जबकि उस समय उसको खुद की जादा जरुरत थी..... #nojoto #nojoto hindi #sayri #chandryan2 #love
Anita Subhash Deshmukh
जिंदगी आसान है बहुत, फिर भी इतनी उलझन है,आखिर क्यों? औरों पर नजर है सबकी, खुद के हाथ मे जब दरपन है,आखिर क्यों? न मिला प्रेम कभी उनसे, जिनपर किया सबकुछ अर्पण है,आखिर क्यों? साँसे थम गई है फिर भी, चल रही जबकि धड़कन है,आखिर क्यों? न हो पाएंगे वो हमारे कभी, फिर भी उसे ही पाने की तड़पन है,आखिर क्यों? न दिखती है चिंगारी भरी रौशनी, हो रही जबकि इतनी घर्षण है,आखिर क्यों? न है कुछ पाने की है लालसा, पर करते रोज उसी के दर्शन है,आखिर क्यों ? ये प्यार नही मिलता हर किसी से, पर यही चाहता अपना मन है,आखिर क्यों? मालूम है हर बेचैनी का हल खुद के है अंदर, पर उसपर न झाँकता कभी अंतर्मन है,आखिर क्यों? आखिर क्यों?
कवि राहुल पाल 🔵
2 Years of Nojoto हुए हम जिनके लिए बर्बाद , वो समझे हमको यूरिया खाद ! फिर भी फ़ोन पे हम उनसे बतियाये जायेंगे , ये जान रहे है जबकि हम लतियाये जाएंगे ।। जबसे देखी उनकी सुरतिया खुद से हम हो गए है दूर , जबसे जेब हुई कंगाल चन्दा मागे पे हम हुए मजबूर ! फिर भी उनको फटफटिया पे ऐसे घुमाये जाएंगे ये जान रहे है जबकि हम गरियाये जाएंगे ये जान रहे है जबकि हम लतियाये जाएंगे•• #हुए_हम_जिनके_लिए_बर्बाद , #वो_समझे_हमको_यूरिया_खाद ! फिर भी फ़ोन पे हम उनसे बतियाये जायेंगे , ये जान रहे है जबकि हम लतियाये जाएंगे ।। जबसे देखी उनकी सुरतिया खुद से हम हो गए है दूर , जबसे जेब हुई कंगाल चन्दा मागे पे हम हुए मजबूर !
Madanmohan Thakur (मैत्रेय)