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Dr Manju Juneja
ज़रूरी है समय से सीखे समय की कद्र करना ।जो लोग समय की कद्र नही करते ।समय उनकी कद्र नही करता । ऐसे ही जो लोग खुदा के बनाए जीवो की कद्र नही करते ।खुदा उनकी क़द्र नही करता। ©Dr Manju Juneja #समय #सीखे #कद्र #खुदा #जीवो #नही #thoughtoftheday #positivethoughts #anmolvachan #PoetInYou
TARUN KUMAR VIMAL
"अगर इंसान बुद्धिमान नहीं होता तो, ख़तरनाक जीवो ने इसके अस्तित्व को कब ख़त्म कर दिया होता. " GOOD MORNIG #tarun_kumar_vimal अगर #इंसान #बुद्धिमान नहीं होता तो, #ख़तरनाक #जीवो ने इसके #अस्तित्व को कब #ख़त्म कर दिया होता. GOOD MORNIG #tarun_kumar_vimal #tarunkumarvimal #Barrier
आयुष पंचोली
"दशावतार" जब जब धर्म की होंने लगती हैं हानि, धरती पर बढने लगते हैं, अधर्मी मनुष्य और अभिमानी । रोती हैं जब यह धरती माता खून के आँसू, गोओ का रूदन जब चित्कार मचाता हैं। तब हरने को पीड़ा इनकी, काल उतर कर युग परिवर्तन करने आता हैं। तब तब अवतरित होकर निराकार का परम अंश, धरकर कितने ही विविध रूप अपनी सर्वोच्च सत्ता की महानता का एहसास सबको कराता हैं।
Manoj Das
*जीव हत्या करना मांस खाना अल्लाह का आदेश नहीं है* वर्तमान में सर्व मुसलमान समाज मांस खा रहे हैं नबी मुहम्मद जी परमात्मा की बहुत नेक आत्मा थीं। उन्होंने कभी मांस नहीं खाया, न अपने 1,80,000 शिष्यों को खाने को कहा। केवल रोजा ,बंग तथा नमाज किया करते थे गाय आदि को बिस्मिल (हत्या) नहीं करते थे "नबी मुहम्मद नमस्कार है, राम रसूल कहाया, 1लाख 80 कूं सौगंध, जिन नहीं करद चलाया। अरस कुरस पर अल्लह तख्त है, खालिक बिन नहीं खाली। वे पैगंबर पाक़ पुरुष थे, साहिब के अब्दाली।" फिर मुसलमान भाई निर्दोष जीवो की हत्या करके पाप के भागी क्यों बन रहे हैं..?? "मारी गऊ शब्द के तीरं ऐसे होते मुहम्मद पीरं।” मोहम्मद जी ने वचन से गाय मारी और वचन से ही जीवित कर दी। मुहम्मद जी जैसी भक्ति कोई मुसलमान नहीं कर सकता। मुहम्मद जी ने जब वचन की सिद्धि से मरी गाय जीवित की तो लोगों ने इसे पर्व का रूप दे दिया। दूधु दही घृत अंब्रित देती। निरमल जाकि काइआ। गोबरि जाके धरती सूची, सातै आणी गाइआ(गाय)।। मुसलमान गाय भखी, हिन्दु खाया सूअर गरीबदास दोनों दीन से, राम रहिमा दूर।। आज मुस्लिम और हिंदू दोनों ही मजहब निर्दोष जीवो की हत्या कर मांस का भक्षण कर रहे हैं जैसे हिंदू सूअर का मांस खा रहा है तो मुसलमान गाय बकरे आदि का मांस खा रहे हैं। अब इन दोनों मजहब से ही अल्लाह परमात्मा कोसों दूर हैं और यह दुगुने पाप बढ़ाकर नरक जाने की तैयारी कर रहे हैं। अर्थात इन सभी बातों से स्पष्ट है कि कुरान में मुसलमान समाज को बहुत दयालु, अहिंसावादी व्यक्तित्व विचारधारा वाला व्यक्ति बनने के लिए कहा गया है परंतु आज के समय में वे इन बेजुबान तथा निर्दोष जीवों को मारकर खा रहे हैं और अब मुसलमान समाज स्वयं विचार करें कि आखिर आप किस महापुरुष की अनुपालना करके इतना बड़ा महापाप कर रहे हैं। मुस्लिम धर्म के बारे में ओर अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए देखें- "साधना चैनल" 7:30 से 8:30 pm तक सत्य वचन
vasu's advice
इस दुनिया की जमीन के मालिक सिर्फ मनुष्य ही नहीं है. इस दुनिया में रहने वाला हर एक छोटा बड़ा जीव इस दुनिया का मालिक है. मनुष्य तो सिर्फ माध्यम है इन जीवो को मदद करने के लिए. लेकिन आज का मनुष्य वह फर्ज नहीं निभा रहा है. जो सबका मालिक है उस मालिक ने हमको कुछ फर्ज निभाने के लिए इस दुनिया में भेजा है. तो यह भी एक हमारा फर्ज है कि हम छोटे बड़े हर एक जीव की मदद करें. तो आइए हम सब मिलकर हम से हो सके उतनी इन जीवो के लिए मदद करें.
vasu's advice
इस दुनिया की जमीन के मालिक सिर्फ मनुष्य ही नहीं है. इस दुनिया में रहने वाला हर एक छोटा बड़ा जीव इस दुनिया का मालिक है. मनुष्य तो सिर्फ माध्यम है इन जीवो को मदद करने के लिए. लेकिन आज का मनुष्य वह फर्ज नहीं निभा रहा है. जो सबका मालिक है उस मालिक ने हमको कुछ फर्ज निभाने के लिए इस दुनिया में भेजा है. तो यह भी एक हमारा फर्ज है कि हम छोटे बड़े हर एक जीव की मदद करें. तो आइए हम सब मिलकर हम से हो सके उतनी इन जीवो के लिए मदद करें.
vasu's advice
इस दुनिया की जमीन के मालिक सिर्फ मनुष्य ही नहीं है. इस दुनिया में रहने वाला हर एक छोटा बड़ा जीव इस दुनिया का मालिक है. मनुष्य तो सिर्फ माध्यम है इन जीवो को मदद करने के लिए. लेकिन आज का मनुष्य वह फर्ज नहीं निभा रहा है. जो सबका मालिक है उस मालिक ने हमको कुछ फर्ज निभाने के लिए इस दुनिया में भेजा है. तो यह भी एक हमारा फर्ज है कि हम छोटे बड़े हर एक जीव की मदद करें. तो आइए हम सब मिलकर हम से हो सके उतनी इन जीवो के लिए मदद करें.
kunwar KhuShwant🇮🇳
#क्रप्या_इसे_पढ़े_और_अपनी_राय_दे_ऐसे_जिव_होते_है_या_नहीं । नोटः यह कहानी लोकस्मृति और कथाओं से प्रेरित है जिसका लोग आज भी दावा करते है । एक समय की बात है जब रेगिस्तानी बीहड़ो में आबादी बहुत कम हुआ करती थी । वहाँ जंगली जीवो का डेरा हुआ करता था वोह भी र्रेगिस्तानी जिव जोह बहुत ही खूंखार प्रवर्ति के होते थे उन सबमे एक जिव जिसका नाम 'फेडिकाल' थोड़ा अजीब पर आज भी पच्चिमी राजस्थान के आम लोग इस नाम से अच्छी तरह से परिचित है ।अभी इन जीवो का कही पता नहीं है पर लोग कहते थे कि उनकी आवाज से ही लोगो की हालत खस
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