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" शमी सतीश " (Satish Girotiya)
घर लौट के आने का एहसास, कितना ही खूबसूरत क्यों ना हो, पीछे छूटा हुआ शहर, किराए का कमरा, पीछे छूटे हुए दोस्त, उनसे सब से जुड़ी यादें , अक्सर बेचैन कर ही देती हैं। ©" शमी सतीश " (Satish Girotiya) #city_life
#कहेंगे ना...
कभी -कभी किसी शहर के बारे में हम बस इतना जानते हैं कि वहां एक शख़्स रहता है, जिससे हमें प्यार है। ©Soni s... #city_life
Aditya
मंज़िल गर आसमान पर है तो मुझे उसे उतारना होगा✍️ अगर सब मेरे खिलाफ़ हैं तो सबको हारना होगा ।। ©Aditya #city_life
Ak
वो सजा रही है अपनी दुनिया। मेरी मोहब्बत का आशियाना जला कर। वो खुश है, अपने मोहब्बत की बाहों में आजकल। मुझे सारी रात तड़पा कर। वो सुकून से हर लम्हा जी रही है। मेरी जिंदगी की खुशियों को तबाह कर। वो अब किसी और के हो गए। मुझे गैर बना कर। ©Ak #city_life
imkuldeeprajput1
जवानी ताक पर रख नौकरी को निकला हूं मैं छोड़ गलियां मोहब्बत कि मंजिल की राह पर निकला हूं । थोड़ा सब्र रखना तू ये जिंदगी मेरी मैं सपनों का घरौंदा तोड़ हकीकत के महल बनाने निकला हूं।। ©RAJPUT UNNAVI Hindu #city_life #L♥️ve #Ram #luck #Life #Love #Dard #Live Satyaprem Upadhyay Mukesh Poonia Tamanna Sharma Ishita Chakrabarti nayansi parmar
मनीष कुमार पाटीदार
गॉंव की मिट्टी से मोहब्बत है साहब! शहर की चकाचौंध में रहना सबके बस की बात नहीं। ©मनीष कुमार पाटीदार #city_life
Alkesh Lodhi
💫Focus on yourself instead of others.. Decide your specific goal & stick to them.. until get a sucees..💫 Alkesh ©Alkesh Lodhi #city_life
" शमी सतीश " (Satish Girotiya)
मैं छोड़कर चला आया हूं शहर उसका, मगर यादें उसकी मेरे ज़हन से नहीं जाती हैं । ये इश्क-ए-बीमारी, "शमी" , मुझे खानदानी सी लगती है, इलाज़ करा भी लूं मगर जड़ से खत्म नही हो पाती है। ©" शमी सतीश " (Satish Girotiya) #city_life
R.S.Meghwal
दिल मेरा बनारस सा हैं , पर मिजाज लखनऊ सा है ! ©R.S.Meghwal R.S.Meghwal #city_life
R.S.Meghwal #city_life
read moreSonam Verma
क्या खोया क्या पाया ना जाने क्या अज़ाब हुआ... रौनकों से मशगूल शहर ना जाने कब वीराँ हुआ... उस शहर की उस बस्ती की उस गली के उस घर में... हर दर-ओ-दीवार भी चीख़ उठी वो मंजर देख कर... क्या अर्श क्या फ़र्श ना जाने क्या हाल-ए-इन्सां हुआ... मुश्किलों से जूझता हर शख़्स-ए-आम परेशां हुआ... वो नन्ही सी जाँ.. साँस लेना सीखा जिसने कल ही... वो तरसती रही इक साँस को जिंदा रहने के लिए... थी नायाब कली वो मासूम उस दर-ए-जहां की... कि इक जाँ के ख़ातिर जिसने जाँ कुर्बां कर दी।। ©Sonam Verma #city_life#earthquakememory#JourneyOfLife