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Manish Rohit Garai
Manish Rohit Garai
Manish Rohit Garai
तू तीनों लोक बन जाए मैं चारों धाम बन जाऊँ बनो आरंभ तुम मेरे औ मैं अंजाम बन जाऊँ सिखाऊँ मैं विरह तुमको मुझे तुम प्रेम सिखला दो बनो तुम राधिका मेरी मैं तेरा श्याम बन जाऊँ #मनीष_के_मुक्तक #मुक्तक #राधिका #श्याम #NojotoHindi #NojotoQuote #Mrgwrites
Manish Rohit Garai
हमें आज़ाद करने को कहीं आज़ाद जन्मा था पचीसी मौत मरने को कहीं आज़ाद जन्मा था कि उसके खूँ के छींटे से हुआ था बाग भी पावन बधाई भारती माँ को यहीं आज़ाद जन्मा था ©मनीष रोहित गराई✍
Manish Rohit Garai
हदें औ सरहदें सारी लो मैं तोड़ आया हूँ , रिश्ता रूह से रूह का, मै तुझसे जोड़ आया हूँ , तुझे पाने की नही चाहत, तुझमे खोने की तमन्ना है , तुझसे मिलने की खातिर खुद मे खुद को छोड़ आया हूँ #मनीष_के_मुक्तक हदें औ सरहदें सारी लो मैं तोड़ आया हूँ , रिश्ता रूह से रूह का, मै तुझसे जोड़ आया हूँ , तुझे पाने की नही चाहत, तुझमे खोने की तमन्ना है , तुझसे मिलने की खातिर खुद मे खुद को छोड़ आया हूँ #nojoto #nojotohindi #mrgwrites
Manish Rohit Garai
उदासी देख कर तेरी बहारें रूठ जाती है तड़पता है हृदय मेरा औ सांसें छूट जाती है तुम्हारे प्रेम मे मैंने प्रिय इतना ही सीखा है जिसे झुकना नहीं आता वो शाखें टूट जाती है #मनीष_के_मुक्तक उदासी देख कर तेरी बहारें रूठ जाती है तड़पता है हृदय मेरा औ सांसें छूट जाती है तुम्हारे प्रेम मे मैंने प्रिय इतना ही सीखा है जिसे झुकना नहीं आता वो शाखें टूट जाती है _*©मनीष रोहित गराई✍*_
Manish Rohit Garai
नज़र में नफ़रतें लेकर, ज़बाँ से ज़हर उगलते है यहाँ कुछ लोग औरों की तरक्की से जो जलते है ना चलते हैं, ना रुकते है, ना थमते है, ना ठहरते है ये वो पत्थर है जो ठोकर भी खाकर नहीं सँभलते है #मनीष_के_मुक्तक नज़र में नफ़रतें लेकर, ज़बाँ से ज़हर उगलते है यहाँ कुछ लोग औरों की तरक्की से जो जलते है ना चलते हैं ना रुकते है, ना थमते है, ना ठहरते है ये वो पत्थर है जो ठोकर भी खाकर नहीं सँभलते है ©मनीष रोहित गराई✍