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Manjul
रफ़ूगरी करेगा, कोई मेरी..? भरोसा खा गया है, जगह जगह से मुझे..!! ©Manjul Sarkar #भरोसा #रफू #Ka #हिंदी#हिंदी_कोट्स_शायरी #nojato
dream saler
यूँ तो ज़िन्दगी हर इक की है पैबन्दबस्त, बात तो इतनी सी है कि रफूगर कौन कितना अच्छा यूँ तो ज़िन्दगी हर इक की है पैबन्दबस्त, बात तो इतनी सी है कि रफूगर कौन कितना अच्छा #रफूगर #रफू #ज़िन्दगी #पैबन्द #lifequotes
अविनाश पाल 'शून्य'
कुछ ख्वाब के धागे कर रहा हूँ एकत्र, जिंदगी की उधड़न को फिर रफू करूँगा। थोड़ा सब्र कर अभी सफर में हूँ दोस्त, मंजिल पर पहुंचकर तुझसे गुफ्तगू करूँगा। #शून्य© #अविनाश #जिंदगी #सफर #रफू #धागे #गुफ्तगू #सब्र
arrey.oh.chachu
Yeh Zindagi Woh Darji Hai Kitna Bhi Naap Dedo Woh Apney Hissab Se Hee Kapdey Banayega Aur Majboor Bhi Karega Ussey Pehney Key Liye #ज़ख़्म #रफू #ashupandey #YourQuoteAndMine Collaborating with आशू Pandey⭐
Raushan
कभी कभी जब मैसेंजर स्क्रॉल हो जाता है अचानक से सिला हुआ फिर से कुछ उधड़ने लगता है रफ़ू कर के देखा था जिसे उन धागों की सारी परतें निकलने लगती है अनायास ही कोई धुन जो सुनाई दे जाती है किसी गाने की याद दिला जाती है किसी शख्स की फिर हौले से मुस्कुरा देता हूं कितना कुछ बदल जाता है न। #थ्रेड #धागे #मैसेंजर #रफू #yqdidi #yqquotes
Drx Mukaddar
पोस्ट को पूरा पढ़े ज़्ज़ाकल्ला खैर साईंस की नज़र में तदफीन (दफनाने) के एक दिन बाद यानी ठीक 24 घंटे बाद इंसान की आंतों में ऐसे कीड़ों का गिरोह सरगर्म अमल हो जाता है जो मुर्दे के पाखाना के रास्ते से निकलना शुरू हो जाता है, साथ ही ना क़बीले बर्दाश्त बदबू फैलना शुरू करता है, जो दरअस्ल अपने हम पेशा कीड़ों को दावत देते हैं, ये ऐलान होता है के बिच्छू और तमाम कीड़े मकोड़े इन्सान के जिस्म की तरफ़ हरकत करना शुरू कर देते हैं और इन्सान का गोश्त खाना शुरू कर देते हैं- तद्फीन के 3 दिन बाद सब से पहले नाक की हालत तब्दील होना शुरू हो जाती है, 6 दिन बाद नाख़ून गिरना शुरू हो जाते हैं, 9 दिन के बाद बाल गिरना शुरू हो जाते हैं, इंसान के जिस्म पर कोई बाल नहीं रहता और पेट फूलना शुरू हो जाता है, 17 दिन बाद पेट फट जाता है और दीगर अजज़ा बाहर आना शुरू हो जाते हैं, 60 दिन बाद मुर्दे के जिस्म से सारा गोश्त ख़त्म हो जाता है, इंसान के जिस्म पर बोटी का एक भी टुकड़ा बाक़ी नहीं रहता, 90 दिन बाद तमाम हड्डियां एक दुसरे से जुदा हो जाती हैं, एक साल बाद तमाम हड्डियां बोसीदा (मिट्टी में मिल जाना) हो जाती हैं, और बिल आख़िर जिस इंसान को दफनाया गया था उसका वुजूद ख़त्म हो जाता है, तो मेरे दोस्तों और अज़ीज़ों ग़ुरूर, तकब्बुर, हिर्स, लालच, घमंड, दुश्मनी, हसद, बुग्ज़, जलन, इज़्ज़त, वक़ार, नाम, ओहदा, बाद्शाही, ये सब कहाँ जाता है?? सब कुछ ख़ाक़ में मिल जाता है, इंसान की हैसियत ही क्या है?? मिट्टी से बना है, मिट्टी में दफ़न हो कर, मिट्टी हो जाता है, 5 या 6 फिट का इन्सान क़ब्र में जा कर बे नामों निशां हो जाता है, दूनियाँ में अकड़ कर चलने वाला, क़ब्र में आते ही उसकी हैसियत सिर्फ़ "मिट्टी" रह जाती है, लिहाज़ इंसान को अपनी अब्दी और हमेशा की ज़िंदगी को ख़ूबसूरत पुर सुकून बनाने के लिये हर लम्हा फिक़्र करनी चाहिये, हर नेक अमल और इबादत में इख्लास पैदा करना चाहिये, और ख़ात्मा बिलख़ैर की दुआ करनी चाहिये! अल्लाह तआला मुझे ओर आप सबको अमल की तौफीक़ अता फरमाएं आमीन ۔۔ #रफू ©Drx Mukaddar #Thoughts
ओम प्रकाश
#Pehlealfaaz उधेड़ देता है जमाना जब जज़्बात मेरे, मैं ✍️कलम से अपने हालात रफ़ू कर लेता हूँ....!! ✍️ ओम प्रकाश उधेड़ देता है जमाना जब जज्बात मेरे, मैं #कलम से अपने हालात #रफू कर लेता हूँ....!!
Prashant Singh
इस दौर के फटे हुये, पैच वर्क किये हुये, रफू किये हुये किन्तु ब्राण्डेड कपडों से अगर हम सीखें तो हमें यह पता चलता है कि जिन्दगी मे कितनी भी टूटन क्यों न हो, कितनी भी विषम परिस्थितियां क्यों न हों, हम दुबारा से जिन्दगी क्यों न शुरू कर रहे हों यानी की जिन्दगी मे कितने रफू क्यों न हों, हम कई बार लोगों द्वारा रिजेक्ट क्यों न किये गये हों अगर हम इन सब चीजों को दरकिनार करें और अपनी उन कमियों को ही अपना हुनर बनायें । या उनको मांज कर उनमें कुछ सुधार कर सकें तो जिन्दगी मे कुछ तो बदलाव हो सकता है । जिन्दगी ब्रांडेड हो तो सकती है। अगर हम चाहें तो। - प्रशान्त सिंह # कारवां मेरी कविताओं का
Niharika singh chauhan (अद्विका)
महीन धागों से लबों को रफू किया है जबसे सिलाई दिखती नही, तमीजदार हुए जमाने मे गर बढ़ी घुटन औ दुश्वारियाँ रिश्तों के रफू मे कलम से रफू किया करेगें अपने फ़साने को.... रफ़ू.... #nojoto #nojotohindi #kalakaksh #life #philosophy