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Best मिर्ज़ाग़ालिब Shayari, Status, Quotes, Stories

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Eklakh Ansari

Sikandar ( Firaq Kherwari )

महान शायर #मिर्ज़ाग़ालिब (27 दिसम्बर 1797 - 15 फ़रवरी 1869) का आज जन्मदिवस है। ग़ालिब जो एक मिथक की सी हैसियत रखते हैं, उनकी शायरी का हर कोई दीवाना है। गुलज़ार साहब के मिर्ज़ा ग़ालिब सीरियल और जगजीत सिंह द्वारा गाई गई ग़ज़लों के हवाले से हम ग़ालिब को याद करते रहते हैं। आइए, आज उनको अपने अंदाज़ में याद करें। #Collab #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi

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शायरे-आज़म ग़ालिब के बारे मे कुछ कहने की मेरी औक़ात नहीं ।
शेरो-सुख़न की दुनियाँ मे , मिली किसी को ऐसी शोहरत
की सौगात नहीं।  
फिर भी उन्हीं के चन्द अशआर के ज़रिए, उन्हें ख़िराज़े-अक़ीदत पेश करता हूँ :-
ये न थी हमारी क़िस्मत, कि विशाले-यार होता ।
ग़र और जीते रहते, यही इन्तज़ार होता।
ये मसाइले-तसव्वुफ , ये तेरा बयान"ग़ालिब",
तुझे हम वली समझते , जो न बादाख़्वार होता। 
ये कहाँ की दोस्ती है , कि बने हैं दोस्त नासेह,
कोई चारासाज़ होता , कोई ग़म-ग़ुसार  होता।
हुए हम जो मर के रुसवा, हुए क्यों न ग़र्क़े-दरिया,
न कभी जनाज़ा उठता , न कहीं मज़ार होता।
 ---        और अब ग़ालिब की नज़र मे , विशाले-यार की
अहमियत वेखिए ---
तेरे वादे पे जिए हम , तो ये जान , झूठ जाना ,
के ख़ुशी से मर न जाते , ग़र एतबार होता   ।।
   --* अगर आज ग़ालिब कहीं से नमूदार हो कर हमारी
फितरते-ज़माना देखें, तो क्या कहेंगे-×××
अच्छा हुआ जो ग़ालिब , तू आज ना हुआ ।
अज़मते-शेरो-सुख़न , यूँ  बर्बाद ना हुआ।
कपड़ों की तरह लोग, बदलते हैं हम सफर,
अपनो से बिछड़ कर कोई भी, नाशाद ना हुआ।
          महान शायर #मिर्ज़ाग़ालिब (27 दिसम्बर 1797 - 15 फ़रवरी 1869) का आज जन्मदिवस है। ग़ालिब जो एक मिथक की सी हैसियत रखते हैं, उनकी शायरी का हर कोई दीवाना है। गुलज़ार साहब के मिर्ज़ा ग़ालिब सीरियल और जगजीत सिंह द्वारा गाई गई ग़ज़लों के हवाले से हम ग़ालिब को याद करते रहते हैं। आइए, आज उनको अपने अंदाज़ में याद करें।
#collab   #YourQuoteAndMine
Collaborating with YourQuote Didi

Anuj Jain

महान शायर #मिर्ज़ाग़ालिब (27 दिसम्बर 1797 - 15 फ़रवरी 1869) का आज जन्मदिवस है। ग़ालिब जो एक मिथक की सी हैसियत रखते हैं, उनकी शायरी का हर कोई दीवाना है। गुलज़ार साहब के मिर्ज़ा ग़ालिब सीरियल और जगजीत सिंह द्वारा गाई गई ग़ज़लों के हवाले से हम ग़ालिब को याद करते रहते हैं। आइए, आज उनको अपने अंदाज़ में याद करें। #Collab #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi

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पूछते हैं वो कि ग़ालिब कौन है
सूरज को दिया दिखाये बताओ कौन है महान शायर #मिर्ज़ाग़ालिब (27 दिसम्बर 1797 - 15 फ़रवरी 1869) का आज जन्मदिवस है। ग़ालिब जो एक मिथक की सी हैसियत रखते हैं, उनकी शायरी का हर कोई दीवाना है। गुलज़ार साहब के मिर्ज़ा ग़ालिब सीरियल और जगजीत सिंह द्वारा गाई गई ग़ज़लों के हवाले से हम ग़ालिब को याद करते रहते हैं। आइए, आज उनको अपने अंदाज़ में याद करें।
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Dr Upama Singh

महान शायर #मिर्ज़ाग़ालिब (27 दिसम्बर 1797 - 15 फ़रवरी 1869) का आज जन्मदिवस है। ग़ालिब जो एक मिथक की सी हैसियत रखते हैं, उनकी शायरी का हर कोई दीवाना है। गुलज़ार साहब के मिर्ज़ा ग़ालिब सीरियल और जगजीत सिंह द्वारा गाई गई ग़ज़लों के हवाले से हम ग़ालिब को याद करते रहते हैं। आइए, आज उनको अपने अंदाज़ में याद करें। #Collab #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi

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पूछते हैं वो को ग़ालिब कौन हैं
जो नहीं जानता उनको 
उनका साहित्य में क्या है काम महान शायर #मिर्ज़ाग़ालिब (27 दिसम्बर 1797 - 15 फ़रवरी 1869) का आज जन्मदिवस है। ग़ालिब जो एक मिथक की सी हैसियत रखते हैं, उनकी शायरी का हर कोई दीवाना है। गुलज़ार साहब के मिर्ज़ा ग़ालिब सीरियल और जगजीत सिंह द्वारा गाई गई ग़ज़लों के हवाले से हम ग़ालिब को याद करते रहते हैं। आइए, आज उनको अपने अंदाज़ में याद करें।
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Madhav Jha

महान शायर #मिर्ज़ाग़ालिब (27 दिसम्बर 1797 - 15 फ़रवरी 1869) का आज जन्मदिवस है। ग़ालिब जो एक मिथक की सी हैसियत रखते हैं, उनकी शायरी का हर कोई दीवाना है। गुलज़ार साहब के मिर्ज़ा ग़ालिब सीरियल और जगजीत सिंह द्वारा गाई गई ग़ज़लों के हवाले से हम ग़ालिब को याद करते रहते हैं। आइए, आज उनको अपने अंदाज़ में याद करें। #Collab #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi

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तुम अपने शिकवे की बातें
न खोद खोद के पूछो
हज़र करो मिरे दिल से
कि उस में आग दबी है...

― मिर्ज़ा ग़ालिब

चला हूँ जबसे दिल्लगी तुझे बुलाये
राज़ दफन है ताज बन के
हवा भी रूह न बुलाये
ये मेरी गलियां लाल हैं
शुकराना है कि यादों में हूँ मैं अबतक महान शायर #मिर्ज़ाग़ालिब (27 दिसम्बर 1797 - 15 फ़रवरी 1869) का आज जन्मदिवस है। ग़ालिब जो एक मिथक की सी हैसियत रखते हैं, उनकी शायरी का हर कोई दीवाना है। गुलज़ार साहब के मिर्ज़ा ग़ालिब सीरियल और जगजीत सिंह द्वारा गाई गई ग़ज़लों के हवाले से हम ग़ालिब को याद करते रहते हैं। आइए, आज उनको अपने अंदाज़ में याद करें।
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कुलदीप कुमार शब्द

महान शायर #मिर्ज़ाग़ालिब (27 दिसम्बर 1797 - 15 फ़रवरी 1869) का आज जन्मदिवस है। ग़ालिब जो एक मिथक की सी हैसियत रखते हैं, उनकी शायरी का हर कोई दीवाना है। गुलज़ार साहब के मिर्ज़ा ग़ालिब सीरियल और जगजीत सिंह द्वारा गाई गई ग़ज़लों के हवाले से हम ग़ालिब को याद करते रहते हैं। आइए, आज उनको अपने अंदाज़ में याद करें। #Collab #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi

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 बता दो उन्हें 
जिसके अंदाज ए शायरी के आगे हम मौन हैं महान शायर #मिर्ज़ाग़ालिब (27 दिसम्बर 1797 - 15 फ़रवरी 1869) का आज जन्मदिवस है। ग़ालिब जो एक मिथक की सी हैसियत रखते हैं, उनकी शायरी का हर कोई दीवाना है। गुलज़ार साहब के मिर्ज़ा ग़ालिब सीरियल और जगजीत सिंह द्वारा गाई गई ग़ज़लों के हवाले से हम ग़ालिब को याद करते रहते हैं। आइए, आज उनको अपने अंदाज़ में याद करें।
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Aamir Qais AnZar

222th Birth anniversary of Mirza Asadullah Khan Ghalib - one of the greatest intellectual, scholar, philosopher and poet to grace the world.. His letters and poetry are considered as master pieces in Urdu !! आज ही के दिन, 27 दिसंबर 1797 को आगरा में मिर्ज़ा ग़ालिब की पैदाइश हुई। मिर्ज़ा ग़ालिब मुग़ल दरबार मे शाही उस्ताद थे। उन्हें शहज़ादा फ़ख़रुद्दीन मिर्ज़ा की तरबियत के लिए मुक़र्रर किया गया था। लेकिन दुनिया मे उनकी पहचान मुग़ल दरबार के शाही मुलाज़िम की तरह नही बल्कि एक महान शायर के रूप में है। मिर्ज़ा ग़ाल

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तेरे लिखने में असर नहीं ग़ालिब,
मेरे पढ़ने में है, वरना लॉयल्टी 
इतने बरसो तक नहीं मिलती ! 222th Birth anniversary of Mirza Asadullah Khan Ghalib - one of the greatest intellectual, scholar, philosopher and poet to grace the world.. His letters and poetry are considered as master pieces in Urdu !!

आज ही के दिन, 27 दिसंबर 1797 को आगरा में मिर्ज़ा ग़ालिब की पैदाइश हुई। मिर्ज़ा ग़ालिब मुग़ल दरबार मे शाही उस्ताद थे। उन्हें शहज़ादा फ़ख़रुद्दीन मिर्ज़ा की तरबियत के लिए मुक़र्रर किया गया था।

लेकिन दुनिया मे उनकी पहचान मुग़ल दरबार के शाही मुलाज़िम की तरह नही बल्कि एक महान शायर के रूप में है। मिर्ज़ा ग़ाल

Aamir Qais AnZar

222th Birth anniversary of Mirza Asadullah Khan Ghalib - one of the greatest intellectual, scholar, philosopher and poet to grace the world.. His letters and poetry are considered as master pieces in Urdu !! आज ही के दिन, 27 दिसंबर 1797 को आगरा में मिर्ज़ा ग़ालिब की पैदाइश हुई। मिर्ज़ा ग़ालिब मुग़ल दरबार मे शाही उस्ताद थे। उन्हें शहज़ादा फ़ख़रुद्दीन मिर्ज़ा की तरबियत के लिए मुक़र्रर किया गया था। लेकिन दुनिया मे उनकी पहचान मुग़ल दरबार के शाही मुलाज़िम की तरह नही बल्कि एक महान शायर के रूप में है। मिर्ज़ा ग़ाल

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जज़्बात, ख़यालात और अल्फ़ाज़
मोहब्बत करना और जताना 
दिल का समझना और समझाना 
हर ज़िक्र का उमदा अफसाना 

एे "ग़ालिब" तेरा हर 
कलाम है कमाल  
यौम-ए-पैदाइश पर 
करते हैं इस्तकबाल 222th Birth anniversary of Mirza Asadullah Khan Ghalib - one of the greatest intellectual, scholar, philosopher and poet to grace the world.. His letters and poetry are considered as master pieces in Urdu !!

आज ही के दिन, 27 दिसंबर 1797 को आगरा में मिर्ज़ा ग़ालिब की पैदाइश हुई। मिर्ज़ा ग़ालिब मुग़ल दरबार मे शाही उस्ताद थे। उन्हें शहज़ादा फ़ख़रुद्दीन मिर्ज़ा की तरबियत के लिए मुक़र्रर किया गया था।

लेकिन दुनिया मे उनकी पहचान मुग़ल दरबार के शाही मुलाज़िम की तरह नही बल्कि एक महान शायर के रूप में है। मिर्ज़ा ग़ाल

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