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Hariom Shrivastava
White -कुण्डलिया छंद- सच्चाई कुछ और है, कहते हैं कुछ और। देख रही दुनिया अभी, अर्थ हुआ सिरमौर।। अर्थ हुआ सिरमौर, शेष सब इसके छौने। दिग्गज धर्म धुरीण, अर्थ के सम्मुख बौने।। धन कुबेर की आज, बजे शाही शहनाई। जग में अर्थ प्रधान, यही अब है सच्चाई।। - हरिओम श्रीवास्तव - ©Hariom Shrivastava #akshaya_tritiya_2024
ajaynswami
White विमला रानी की रंग रगीली कहानी ___________________ विमला रानी है बड़ी सयानी, उसकी थोड़ी है अजीब कहानी। ट्विटर पर रोज़ खोजती है बहुरानी, दूध की जगह पिलाती सिर्फ सदा पानी। शोशल मीडिया की बनती बड़ी चौधरानी, सिद्धि वेदु पर रोब झाड़कर बनती है नानी। खाली-खाली बातों की है वो महारानी, खर्चे के नाम पर दिखाती है पहलवानी। विमला रानी है बड़ी सयानी, उसकी है थोड़ी अजीब कहानी। ©ajaynswami #akshaya_tritiya_2024
Vikas Gupta
White एक दफ्तर के बाबू ने काम क्या छोड़ा हँसने के लिए आ गया पूरा शहर दौड़ा एक ने कहा, अरे! भाई अभी-अभी तो नौकरी लगी थी फिर ऐसा क्या हुआ की नौकरी छोड़नी पड़ी? बगल खड़ी मौसी भी बोल पड़ी अरे इतनी सी तंख्वाह मे पूरा दिन काम कराते है खाना खाने का भी समय, समय देखकर बताते है अभी भी तो बच्चा है ,कहाँ ये सब झेल पायेगा अच्छा है कल से उस बंदी खाने मे नही जायेगा समय भी सोच रहा, मुँह पे चिंता मन मे मुस्कुराहट आज वही हो रहा है जो थी इनकी चाहत बुजुर्ग ने भी बोल दिया अब अकेले पाठक जी कितना संभालएंगे बुढी उम्र मे कितना कमाएंगे कितना खायेंगे ये आज कल के बच्चे न जाने किसकी बात मानते है हालातों को नजरंदाज कर सिर्फ अपना पेट भरना जानते है दफ्तर का बाबू हैरान है उसके आस पास उससे ज्यादा लोग परेशान है पाठक जी के घर पे चल रहा युद्ध घमासान था पूरा का पूरा घर आज संसदे हिंदुस्तान था अरे भाई शांत रहो अब कुछ लड़के को भी कहने दो आँखे झुकी हुई लड़के ने कहा ,कोशिश जारी है –Vikas Gupta ©Vikas Gupta #akshaya_tritiya_2024
SUNIL DUTT KUMAR
White दुश्मन बनाना आसान नही, बहोतों का भला करना पड़ता है ✍️✍️🙏 ©SUNIL DUTT KUMAR #akshaya_tritiya_2024 #fareb #dhokha
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read moreसंगीत कुमार
White नेह निहारे स्वप्न सजाये। सखी कब तुम आओगी।। अपनी बाते तुझे बताऊ। प्रेम रस कब लाओगी।। नेह निहारे स्वप्न सजाये। आँखों की पलको पे सजाऊ। मिलने अब कब आओगी।। बीती बाते फिर,कब हमे बताओगी। साथ फिर कब तू आओगी।। नेह निहारे स्वप्न सजाये। प्रेम रस उर में संजोये। गले कब लग जाओगी।। हाथ में हाथ रखे। प्रेम पथ पर कब आओगी।। नेह निहारे स्वप्न सजाये। नेह का दीप जलाये। तिमिर कब मिटाओगी।। प्रेम रस का अलख जगाने। फिर मिलने कब आओगी।। नेह निहारे स्वप्न सजाये। प्यार की ज्योति जलाये। तुझे हम दिल से पुकारे।। स्पर्श कब हो पाओगी। आओ फिर प्रेम का दीपक जलाये।। नेह निहारे स्वप्न सजाये। जीवन मे सूर्य की प्रभा बिखरे। पूनम की चमक सजाये।। अंधेरे में तू दीप जलाने। प्रेम जगाने जो आओगी।। नेह निहारे स्वप्न सजाये ©संगीत कुमार #akshaya_tritiya_2024
Surendra Bhagat
White सफलता पाने के लिए नींद, नारी और नशा से दूरी बनाए रखें। ©Surendra Bhagat #akshaya_tritiya_2024
Anil Kumar Baghpat Up
White कुछ वक्त ओर दिया जाय इन बेइमान लोगों को देखें तो सही ये सोने को तपाकर मिलावट कैसे करते हैं ©Anil Kumar Baghpat Up #akshaya_tritiya_2024
अनिल कसेर "उजाला"
White भगवन की कृपा है ज़िंदगी में, जीवन कटे उन्हीं की बंदगी में। बेवफ़ा हुआ यार मेरा तो क्या, मैं तो रहूँगा हरदम ही खुशी में। ग़म मिले या खुशी जी तुमको, मगर रोना नहीं, रहना हँसी में। वतन का भी तो कर्ज है यारा, सब कुछ ही नहीं आशिकी में। उजाला ज़ख्म भरते हैं बेवफ़ाई के, सदा के लिए कुछ नहीं जिंदगी में। ©अनिल कसेर "उजाला" #akshaya_tritiya_2024
alka mishra
White जैसे ही वृद्धा ने आँखें मूंदी कुछ पलकों से बरसीं बून्दी कुछ के लब लगे फड़कने आंखे कुछ की लगी चमकने बुढ़िया तो थी बड़ी कंजूस कभी न रखा हमको खुश न जाने कितने गहने गढ़ाई सन्दूक की चाभी कहाँ छिपाई शायद रखा हो सोने का घड़ा कभी न किसी को पता पड़ा सब की सुन मैं झल्लाई कैसे ये रिस्तेदार हैं भाई एक घड़े सा होता नारी जीवन नाजुक गहरा होता तन मन नाजों से रखता परिवार देकर हर घड़ी प्यार-दुलार पीहर में भरते सब उसमें मान मर्यादा घर के संस्कार बचते बचाते ठोकरों से करती वो हर छण पार आधी भरी वो सज धज आ पहुंची साजन द्वार सोने से सुनहरे ख्वाबों को नए रिस्तों पर दिया वार समय शरीर नींद-चैन सब सोने से क्या थे कमतर सबको सँजोये रखा खुद में अपना सब कुछ किया निसार जीर्ण-श्रृंण हुई आज वो झेलते हुए वक्त की मार अब चूर कर इस घड़े को धातु(सोना)ढूंढ़ रहा परिवार ©alka mishra #akshaya_tritiya_2024
Rohini Singh
White तमन्ना और आकांक्षा सपनों के बुनती हैं जाल गहरी धंसी कर्म सरिता में जब वापस में कर देती हैं मालामाल।। ©Rohini Singh #akshaya_tritiya_2024