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Best कलम_से Shayari, Status, Quotes, Stories

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Shitanshu Rajat

ज़र्फ़ : पात्र/vessel रोशनाई : स्याही/ink हर्फ़: अक्षर/letters #bikharna #अस्तित्व #कलम_से.... मेरी कलम और मेरी इक बातचीत...... पर कभी कभी शायद कलम नहीं संभाल पाता, #yqbaba #yqdidi

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ना थाम सका रजत तुमको ज़र्फ़ बनकर,
चिंगारी भी दी हैं तो अक्सर बर्फ बनकर।
जितना अधूरा था सब मुक्कमल होने को,
तेरी रोशनाई से गिरता हूँ अब हर्फ़ बनकर.... 
ज़र्फ़ : पात्र/vessel
रोशनाई : स्याही/ink
हर्फ़: अक्षर/letters

#bikharna #अस्तित्व #कलम_से....
मेरी कलम और मेरी इक बातचीत......
पर कभी कभी शायद कलम नहीं संभाल पाता,

Ekta Gour

कलम मेरी दोस्त हैं
उसका साथ मेरे लिए अनमोल हैं

 #कलम_से 
#yqhindi

Akshit Ojha

जिम्मेदारियां- बीमारियां, इकरार- तकरार,
जमाने के अल्फाज,शर्म और लिहाज , 
रकीबों के मेले, नये नये झमेले ,

           बहुत थे 
मगर, 
 सब भूलकर उसने कहा-

 कबूल है मैंने भी कहा कबूल है।।  #कबूलनामा #इजहार_ए_मोहब्बत #कल्पना #कलम_से #मुहब्बती_अहसास #रूहानी_सा_रिश्ता

Roohi Bhargava

मेरी कलम मेरी ताक़त हैं।  #कलम #कलम_से #yqdidi

Neetish Patel

भूल हुई हमसे जो उनको
समझा बिल्कुल अपने जैसा 
भीड से एकदम अलग 
अपना करीबी हिमायती जैसा ।।
इन्कार के इकरार मे बदलने कि
मेरी उम्मीद अधूरी रह गई
एहसास कराया उसने आखिर
भूल बडी ये हम से हो गई ।। #भूल #एहसास #कलम_से #yqbaba #yqdidi #yqhindi #openforcollab

Devesh Roy

कलम पकड़ने का कोई ख़ास शौक नही है मुझे
वो तो कहीं तुझसे नफ़रत कम ना हो जाये इसीलिए लिखता हूँ #कलम_से #नफरत़ 
#yqdidi #yqbaba #yqtales #yqlove #yqbhaijan  #YourQuoteAndMine
Collaborating with  Santwana Bhargava

Deepesh Kumar

घर कि चौखट चाहे कितनी भी ऊँची हो जाए, स्त्रियों कि गर्दन आज भी झुकी है पुरुषसत्ता के भार से।

#कलम_से

©Deepesh Kumar #कलम_से

Deepesh Kumar

परिणाम की इच्छा किये बग़ैर
मैं तमाम प्रयोगों से गुज़रना चाहता हूँ। यह जानते हुए कि परिणाम किसी के पक्ष या विपक्ष में नहीं होता । यह हमेशा अपने अक्ष पर होता है।

#कलम_से

©Deepesh Kumar #कलम_से

#spark

Deepesh Kumar

युद्ध के विरुद्ध
_________________________
...तब उसकी आत्मायें भटकती होगी 
बन्द शहर के खुले अस्पतालों में। 
सुनसान सड़क पर सहमी पदचापों में।
बेंडा बन्द घरों में भूखे अकुलाय दुधमुँहे बच्चों में।

...जब उसकी मौत, असामयिक हुयीं हों।
...जब उसकी नरेटी, दबा दी गयी हो, बलपूर्वक।
सिर्फ यन्त्र समझ, हिटलरी गुमान में। 
 खैर...
फूलों का पत्थर बनना समझते हो ??
फिर, ध्वनियों का अचानक चुप हो जाना।
तुम क्या ही समझोगे..???????

#कलम_से

©Deepesh Kumar

Simmi Saini

मैं खुद को यू बार बार समेटति रही रही 
और तुने हर बार तोड़ दिया मुझे 
जैसे टूट कर गिर हो मोती 
फर्श पर.....

©Simmi Saini
  #simmisays #love #lovequotes #कलम_से  #कलम_के_अल्फ़ाज #जज़्बात #mylife
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