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writer maurya Anil

#roseday

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*#हो_सके ☝ तो #सम्भाल 😌 कर #रखना #वो_लम्हे 😘 जो #हमने 👫 #साथ_बिताए ☝ थे...*
*#क्यूंकि 😌 #हम_याद 😒तो #आएंगे मगर #लौट कर😏 #नही ।। Miss y❤u

©Anil kumar maurya #roseday

Brij Heartbeat

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*#क्यूंकि 😌 #हम_याद 😒तो #आएंगे मगर #लौट कर😏 #नही ।। Miss y❤u
#brijmohan🚶

Sardar Jagjeetsingh Kalra

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कुछ कुछ होता है  *#हो_सके ☝ तो #सम्भाल 😌 कर #रखना #वो_लम्हे 😘 जो #हमने 👫 #साथ_बिताए ☝ थे...*
*#क्यूंकि 😌 #हम_याद 😒तो #आएंगे मगर #लौट कर😏 #नही ।। Miss y❤u

"निश्छल किसलय" (KISALAY KRISHNAVANSHI)

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चुप रहता हूँ क्यूंकि अभी तुमसे खुला नहीं हूँ मैं
शहद की तरह तेरे कानों में अभी घुला नहीं हूँ मैं,
एक बार जो घुल गया मिठास ता उम्र याद रहेगी
 ख़ामोश हूँ ,कहकहे लगाना अभी भुला नहीं हूँ मैं,
ये अदब तो हमें अपनी विरासत में हासिल हुई है
अभी तो अपनी पहचान से कभी मिला नहीं हूँ मैं,
करता रहता हूँ गुफ़्तगू क़लम रोशनाई से यूँ अक्सर
गर्द राहें मंज़िल की है क्यूंकि अभी धुला नहीं हूं मैं,
ये उन दिनों की बात है जब हम उल्फ़त में जीते थे
ख़त के वो पन्ने बिखरें है उन्हें अभी सिला नहीं हूँ मैं,
तुम्हें पाने की हसरत में तो नाक़ाम हम कई दफ़ा हो गए
कोशिश ता उम्र रहेगी, क्यूंकि तुम्हें अभी भूला नहीं हूँ मैं,
ना जश्न मना मेरी गुमसूदगी का ऐ जाने वफ़ा  शोख़ गज़ल
बस थोड़ी आँख लग गयी थी,ख़ाक में अभी मिला नहीं हूँ मैं
©किसलय कृष्णवंशी"निश्छल"

नितिन कुमार 'हरित'

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जीतना जरूरी है क्यूंकि क्यूंकि, बात जीत की नहीं,
ज़ज़्बे की है ।।

Umesh Kushwaha

प्यार आज भी उससे है।

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"प्यार आज भी उससे है"
 प्यार में होना और प्यार से उबरना दो अलग अलग बात है। प्यार में होना यानी अमूर्त हो जाना। फिर आप कहीं इतना खो जाते है, जैसे बारिश की पहली बूंदे मिट्टी पर पड़ती हो तो वो सोंधी सोंधी खुशबू आपके मन को पूरी तरह मोह लेती है या धीरे धीरे आप इसके वस में हो जाते हैं,आप मोहित हो जाते है।
     उस मिट्टी की आवो हवा में आप जीने लगते है,फिर वही रोज़ की आदत में शुमार हो जाता है।आप चाह कर भी उस गोलाई की परिध से बाहर नहीं आ सकते,फिर आपकी दिनचर्या इस 
कदर जकड़ जाती है कि जब तक आप उस सौंधी सौंधी खुशबू को मस्तिष्क में उतार न ले तब तक आप खुश नहीं रह सकते,फिर क्या ये धीरे धीरे आपकी आदत आपका स्वभाव बन जाती है।
     जब कोई चीज़ आपके स्वभाव में आ जाए तो उसे बदलना कठिन होता है लेकिन ये और भी भयावह हो जाता जब धीरे धीरे इसकी कद्र कम होने लगती है। फिर क्या झल्लाहट और अकेलापन इस कदर हावी हो जाता है कि आप हर समय खाली खाली महसूस करने लगते हैं।
     नीरस और बेमन होकर जीना जैसे अंश और हर का कायदा हो,फिर आप उस अंश के ही होकर रह जाते हैं यानी हर चीज के आदी जैसे वो रास्ते,बाजार घूमना - फिरना यहां - वहां आना - जाना।यहां तक कि वहां की हवा भी आप के जहन में बस जाती है, जो कि प्राणवायु है। फ़िर आप इससे उबर नहीं सकते अंत तक चाहे कितना भी धैर्य रख लीजिए क्यूंकि वो वायु प्रणय बनकर आपके दिलोदिमाग से लेकर पूरे शरीर में वास कर रही होती है।
       जब वो अंश आपसे अलग होता है, वो तो यही सोचता है कि वो पूरी तरह अलग हो गया है लेकिन ये सिर्फ उसके ही परिपेछ्या से दृष्टागत है। वो कहीं अलग किसी और के साथ खुश है लेकिन आप उस साथ को इतना जी चुके होते हैं की वो फिर आपको नहीं छोड़ता जो की हर समय आपके साथ होता है और नहीं भी, यही बात सबसे ज्यादा तकलीफ देय होती है।
      वो सारे मंजर फिर याद आते हैं, वो सड़के जहां हम साथ चले थे,वो कचौरी का ठेला फिर पानी पूरी की बात" भैया दही वाली ही देना" और वहीं पास वाली आइस्क्रीम की दुकान से  हर बार तुम जिद करके सिर्फ एक ही आइसक्रीम लिया करते थे,और फिर धीरे धीरे पार्क पहुंच जाते थे।फिर क्या तुम बोलती और मैं सुनता था।
        इतना ही नहीं हर रोज़ तुम्हारे ऑफिस से घर तक छोड़ना, पर हां वो हाईवे वाला पुल जहन में बना ही रहता है, जब तुमने अचानक बाइक रोकने को कहा था और हम कुछ देर रुके थे । तब पहलीवार तुमने हमें "किस" किया था,जो आज भी वो पुल वाला किस याद है जिसे भूलाया नही जा सकता।
        हर वो चीज याद है जो हम साथ में जिये हैं,वो गली - वो मोहल्ले! एक एक पल जो हम बातें करते थे और हां वो रेलवे का ओवरब्रिज कैसे भूल सकता हूं मै वहीं पर तो झगड़ा हुआ था हमारा, तुम उस दिन गुस्से में थी। फिर हमारी कई दिनों तक बात नहीं हुई और न ही मिलना जुलना। उस दिन बहुत कोशिश की थी तुमको समझाने की लेकिन तुमने अकेले ही फैसला कर लिया था।
         तुम्हारे लिए तो आसान था पर शायद आज तक मैं उन चीजों से उबर नहीं पाया हूं,खोजता रहता हूं मै तुम्हे ही उन्ही रास्तों में जहां जहां हम साथ चले थे। पर अब वो गलियां हमें चुभती हैं हवाओं में भी एक अजीब सी चुभन है जो गले ही नही उतरती। लेकिन तब भी उन सारी जगहों को एक बार फिर देख लेना चाहता हूं,मानो मै तुम्हे महसूस के रहा होता हूं जब उन सारी जगहों से गुजर रहा होता हूं चाहे वो तुम्हारे घर की पास वाली गली हो या रेलवे फाटक के खुलने का वो दो मिनट का इंतजार पर आज भी लगता है कि तुम उस पार से कहीं मुझे निहार रही होगी और दौड़कर फिर मेरे पास आना चाहती होगी लेकिन फिर मैं मौन हो जाता हूं तुम्हे खोकर,क्यूंकि मै जीना चाहता था तुम्हारे साथ,जब तुम साथ होती थी तो अच्छा लगता था लेकिन शायद अब तुम्हे मंजूर नहीं था मेरे साथ रहना , वो प्रश्न आज भी मेरे अंदर कहीं उस उत्तर को खोजना चाहता है जिसका जवाब सिर्फ तुम हो।
  मै तुम्हे ढूडना चाहता हूं फिर वही उसी पार्क में की तुम आओगी उसी मेज पर जहां हम साथ बैठा करते थे,आज भी मैं रोज उसी मेज़ पर जाकर अकेले बैठता हूं इसी उम्मीद में कि एक दिन तुम जरूर आओगी। अब तो दिल की धड़कने और तेज़ होने लगी थी क्यूंकि मेरे जाने का यानी इस शहर को छोड़ने का समय कुछ ही दिन और बचा था।
 उस शहर को छोड़ने से पहले मैं हर एक चीज को समेट लेना चाहता था,हर वो लम्हा जी लेना चाहता अब अकेले ही जैसे तुम्हारे साथ जिया था। तुम्हारे न होने का दुख तो था वो अकेलापन लेकिन तुम मुझमें हर वक्त होती थी ऐसा लगता था कि तुम मेरे साथ चल रही हो,कुछ कह रही हो और मैं सुनता जा रहा हूं आज भी उसी तरह पूरी तनमयता से।
     कुछ भी हो ये शहर तो अब जहन में बस गया है वो भी सिर्फ तुम्हारे लिए जिसे अब भूलाया नहीं जा सकता। इश शहर ने हमें बहुत कुछ दिया और बहुत कुछ सिखाया भी है। अब यहां खोने को कुछ बचा भी नहीं था क्यूंकि आप यहां अपना दिल हार चुके है और उससे बेहद कीमती कुछ हो भी नहीं सकता। 
      इस शहर ने प्रेम करना सिखाया, प्यार में होना सिखाया लेकिन प्यार से उबरना नहीं सिखा पाया जिसकी टीस आज भी चुभ रही है जो शायद अब जीवन पर्यंत रहे क्यूंकि जब कोई प्यार में होता है तो वो फुल स्विंग के साथ  पूरी ईमानदारी और लगन से होता है और फिर जब कोई बीच में ही छोड़ के चला जाए तो फिर बहुत दुखता है इसीलिए कहता हूं प्यार में होना और प्यार से उबरना दो अलग - अलग बात है। प्यार आज भी उससे है।

Nishh.

#jeet

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जीतना जरूरी है क्यूंकि हार हार कर थक गयी मैं।
चमकना है अब मुझे क्यूंकि
अँधेरो में कहीं खो गयी मैं।
यकीन है मिल ही जाएगा
वो तख़्त मुझे,
जिसके लिए अब उठ गई मैं। #jeet

TAHIR CHAUHAN

#jeet

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जीतना जरूरी है क्यूंकि जीतना जरूरी है क्यूंकि।
हारने वाला इंसान अकेला रह जाता है।।।
ताहिर #jeet

Subhash Singh

#स्वरचित ठा.सुभाष सिंह, कटनी म.प्र.

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जीतना जरूरी है क्यूंकि जीतना जरूरी है क्यूंकि, 
हार कर आये हैं।
मैदान- ए-जंग सखे सब,वार आये हैं। #स्वरचित
ठा.सुभाष सिंह, कटनी म.प्र.

Bhupendra Soni

जीतना जरूरी है क्यूंकि जीतना जरूरी है क्यूंकि हालातो से अब हारना नही है,
काँटो से भरे रास्ते हो मगर अब कही भी रुकना नही है,
अब तो तेरी ही तालाश रहती है हर वक़्त ऐ-मंजिल मुझे,
एक पल भी अपनी नज़रों से तुझे अब दूर करना नही है।
बढ़ रहे है संकट भी बीच राह में जाल अपना फैला रहे है,
सैलाब कैसा भी लाये वो तुफानो का मुझे झुकना नही है,
अब तेरी ही और बड़ा रहे है कदम ऐ-मंजिल हम अपने,
जोश दिल के अंदर का थोड़ा भी कम होने देना नही है।

                    -SBhuPEndRA- #ज़िदज़रूरीहैक्यूंकि #हारना #loveyoujindgi #attitude #ज़िद
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