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i am Voiceofdehati

विलुप्त होते जीव जंतु और वनस्पतियों के संरक्षण का विश्व प्रकृति दिवस पर संकल्प लेना व उसकी रक्षा करना हमारा कर्तव्य है, 
जल जंगल जमीन इन तीनों तत्वों के बिना प्रकृति अधूरी है
विश्व में भारत को समृद्ध बनाने के लिए आओ इन तीनों तत्वों का संरक्षण करें।।
#विश्व प्रकृति दिवस #विश्वप्रकृतिदिवस 
#पृकृति #पृथ्वीकोबचाना

Brajesh Trivedi

हिंदी मेरी पहचान है, हिंदी दिवस हिंदी' शब्द की व्युत्पत्ति
हिन्दी शब्द का सम्बंध संस्कृत शब्द सिंधु से माना जाता है। 'सिंधु' सिंध नदी को कहते थे और उसी आधार पर उसके आस-पास की भूमि को सिन्धु कहने लगे। यह सिंधु शब्द ईरानी में जाकर ‘हिंदू’, हिंदी और फिर ‘हिंद’ हो गया। बाद में ईरानी धीरे-धीरे भारत के अधिक भागों से परिचित होते गए और इस शब्द के अर्थ में विस्तार होता गया तथा हिंद शब्द पूरे भारत का वाचक हो गया। 

" मेरी हिन्दी भाषा बहुत ही प्यारी हैं अपने अनुभवों को शब्दों के माध्यम से व्यक्त करने के लिए हिंदी भाषा अत्यंत सहज हैं " ।
* उदाहरण *
अक्षर= जेसे आकाश से कुछ झर रहे हैं । #पृकृति#दर्शन#सत्य#अनुभव

Brajesh Trivedi

|| श्री || #पृकृति#दर्शन#सत्य#अनुभव

Brajesh Trivedi

 #पृकृति#दर्शन#सत्य#अनुभव

Brajesh Trivedi

 #पृकृति#दर्शन#सत्य#अनुभव#कृष्ण

Brajesh Trivedi

Signs  of  Love

ददाति प्रतिगृह्णाति गुह्यमाख्याति पृच्छति ।
भुङ्क्ते भोजयते चैव षड्विधं प्रीतिलक्षणम् ॥
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Giving, taking, revealing secrets and hearing them, 
eating and feeding - these six are the signs of love.
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देना, लेना, रहस्य बताना और उन्हें सुनना, खाना 
और खिलाना - ये छह प्रेम के संकेत हैं।
---------------------------- #पृकृति#दर्शन#सत्य#अनुभव

Brajesh Trivedi

रक्षा बंधन की हार्दिक शुभकामनाएं ।

परस्परं भावयन्तः।
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Let us take care of each other.
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आओ हम एक दुसरे का ख्याल रखें।
--------------- #पृकृति

Brajesh Trivedi

" Spiritual "

प्राचीन काल में सामाजिक व्यवस्था के दो स्तंभ थे - वर्ण और आश्रम मनुष्य की प्रकृति-गुण, कर्म और स्वभाव-के आधार पर मानवमात्र के कल्याण के लीये 
चार आश्रमों की व्यवस्था की गई :- 
(१)  ब्रह्मचर्य,  (२)  ग्रहस्थ,
(३)  वानप्रस्थ और (४)  संन्यास
लेकिन 
" वृद्धा आश्रम  की व्यवस्था नही हैं  " ।
______________ #पृकृति#दर्शन#सत्य#अनुभव

Brajesh Trivedi

मेरे साथ सात कदम चलो
वहीं से दोस्ती शूरू । #मित्र#पृकृति#दर्शन#सत्य#अनुभव

Brajesh Trivedi

" सुदामा की नगरी में 
सुदामा कहीं पर भी नहीं मिले " । #पृकृति#दर्शन
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