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Anjali Singhal
RadhakrishnPriya Deepika
मेरे इस दिल में तेरे होने का अहसास है, "ओ श्याम प्यारे" लेकिन, ये कोशिश "शब्द ऐ कलम" से.. बयां कर पाना मेरे बस की बात नही है "ओ माधव प्यारे" ©®राधाकृष्णप्रिय Deepika... #कृष्णा #श्याम #माधव #करूणा #रहमतें #वर्णन Chandramukhi Mourya Bhagat Kaju Gautam Priya dubey आकांक्षा नन्दन
Satya Prakash Upadhyay
#DaughtersDay क्यों होतीं हैं बेटियां ख़ास? जब समाज प्रश्न ये करता है,तब समझो उनकी स्थिति दयनीय है। है अवतार जो सरस्वती लक्ष्मी शक्ति की वो तो बस वन्दनीय हैं।। बेटियों से आता संस्कार,संस्कृति की वो जननी है। जिस घर मे हों बेटियां शुभता अवश्य हीं होनी है।। पायलों की रुनझुन बोली हो या मीठी तोतली बोली हो। माँ के आंचल की भोली हो या भाई के सर की रोली हो।। बचपन की प्यारी होली हो या परिवार के साथ दीवाली हो। सब की आंखे नम हो जाती जब आंगन से उठती डोली हो। सब खुशियों की झोली है,रौनक की मानो टोली है। पिता के आंगन की लाडली वो,सब तनाव हटाने की गोली है।। बड़ी बेटी होती जिस घर में,छोटों को होता दूसरी माँ का एहसास। कितना भी कर लूं वर्णन नहीं बता सकता क्यों बेटियाँ होतीं हैं ख़ास।। क्यों होतीं हैं #बेटियां ख़ास? जब #समाज #प्रश्न ये करता है,तब #समझो उनकी #स्थिति #दयनीय है। है #अवतार जो #सरस्वती #लक्ष्मी #शक्ति की वो तो बस #वन्दनीय हैं।। बेटियों से आता #संस्कार,#संस्कृति की वो #जननी है। जिस #घर मे हों बेटियां #शुभता #अवश्य हीं होनी है।।
कवि मनीष
जानिए महाभारत वास्तविकता के बारे में ये रोचक तथ्य.. 1: द्वारका नगरी द्वापरयुग के अंत में भगवान कृष्ण की द्वारका नगरी जलमग्न हो गयी थी | पुरातत्व शास्त्रियों ने गुजरात से लगे हुए समुद्र के भीतर से लेकर अरब सागर तक एक ऐसे प्राचीन नगर और सभ्यता को खोज निकाला है, जिसे महाभारत काल का ही माना जा रहा है | यहाँ की वास्तुकला से इस बात को और भी बल मिलता है | 2: राजवंश महाभारत धर्मग्रन्थ की का आरंभ राजा मनु से हुआ था | इस वंश के पचास से भी अधिक शासकों का उल्लेख महाभारत में किया गया है | अगर ये मात्र कोई क
Kumar Pankaj
क्यों उलझी रहती हो हर वक्त कश्मकश में या फिर खुद को उलझा गयी हो, आज फिर से देखा मैंने हसीन चेहरा तुम्हारा तुम पहले से मुरझा गयी हो -Kumar Pankaj #चेहरा #एहसास #वर्णन #अदा #पंकज #impankaj
mishraharsh
नारी" ईश्वर की अद्वितीय रचना है विश्व के उद्भव की कल्पना है। सृष्टि के आरम्भ का प्रतिरूप है, इस धरा पर ब्रह्म का वह रूप है।। कई स्वरूपों में इसका ही वर्णन है, देवों के द्वारा भी "माँ" का महिमामंडन है। माँ के लिये कुछ भी नहीं लिखूंगा मैं, माँ के द्वारा ही स्वयं मेरा उदगम है।। पत्नी स्वरूप में वह किरदार सभी अपनाती है, माँ के जैसी ममता और एक कुशल मित्र बन जाती है।। बेटी स्वरुप में हो जब तो वह माँ की झलक दिखाती है, बहन स्वरुप में आकर वह जीवन का मर्म बताती है।।।। कवि, शायरों ने नारी का वर्णन तो खूब बताया है, उनने बस केवल उसके सौंदर्य रूप को ही दिखाया है।। किसी ने उसकी ममता, वात्सल्य,प्रेमभाव का चित्र नहीं खींचा होगा, किसी ने उसकी भौतिक सौंदर्य से हो विरक्त भावस्थल को शब्दों से नहीं सींचा होगा।।।।। मिश्रा हर्षित मिश्रा #first step in Nojoto's world😊😊😊😊
आयुष पंचोली
क्या सच मे होते हैं स्वर्ग या नरक, या यह सिर्फ एक कोरी कल्पना मात्र हैं...!? क्या नरक और स्वर्ग सच मे होते हैं, या यह सिर्फ कोरी कल्पना मात्र हैं..!? यह प्रश्न भी उतनी ही गहन सोच का विषय हैं , जितना की आत्मा। अगर आप मानते हैं की आत्मा होती हैं, तो यह भी आपको मानना पड़ेगा की नरक और स्वर्ग भी होते हैं। पर कहां होते हैं, यह विषय शोध का हैं। क्योकी अगर बात की जाये गीता के ज्ञान की तो आत्मा अजर अमर हैं, और वह एक शरीर त्यागकर दुसरा गृहण करती हैं। तो स्वर्ग और नरक का सवाल ही कहां आता हैं। इस हिसाब से गरूड पुराण मे सभी नरक यात्नाये, और 36 नरक सभी गलत हैं। और अगर गरुड़ पुराण मे व
डॉ.प्रितम हनुमंत दरवडे
तुझ्या विरहातील कवितांनी भरली माझी वही पण तूला एकदा पण ती वाचायची ईच्छा झाली नाही कधी आपल्या भेटीचे वर्णन तर कधी आपल्या विरहाचे वर्णन तू मात्र एकदाही माझी आठवण काढली नाहीस तुझा विरह
anil kumar y625163
pradeep
चरित्र पहले की नारियों के चरित्र का वर्णन देवता नहीं कर पाते थे . क्योंकि तब तकनीक नहीं थी परंतु आज की नारियों का वर्णन ? क्योंकि आप भी फेसबुक पर हैं और हम भी व्हाट्सएप पर my filing