Nojoto: Largest Storytelling Platform

Best मम Shayari, Status, Quotes, Stories

Find the Best मम Shayari, Status, Quotes from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about

  • 3 Followers
  • 4 Stories
    PopularLatestVideo

Priya Dubey

#मम धेनु #Society

read more
mute video

sudhanshu

#कला

read more
|अथ देव्यपराधक्षमापनस्तोत्रम् || 

devi apradh kshama stotram :-

न मन्त्रं नो यन्त्रं तदपि च न जाने स्तुतिमहो 
न चाह्वानं ध्यानं तदपि च न जाने स्तुतिकथाः |

न जाने मुद्रास्ते तदपि च न जाने विलपनं 
परं जाने मातस्त्वदनुसरणं क्लेशहरणम् ||१||

विधेरज्ञानेन द्रविणविरहेणालसतया विधेयाशक्यत्वात्तव चरणयोर्या च्युतिरभूत् |

तदेतत् क्षन्तव्यं जननि सकलोद्धारिणि शिवे 
कुपुत्रो जायेत क्वचिदपि कुमाता न भवति ||२||

पृथिव्यां पुत्रास्ते जननि बहवः सन्ति सरलाः 
परं तेषां मध्ये विरलतरलोऽहं तव सुतः |

मदीयोऽयं त्यागः समुचितमिदं नो तव शिवे 
कुपुत्रो जायेत क्वचिदपि कुमाता न भवति ||३||

जगन्मातर्मातस्तव चरणसेवा न रचिता न वा दत्तं देवि द्रविणमपि भूयस्तव मया |

तथापि त्वं स्नेहं मयि निरुपमं यत्प्रकुरुषे कुपुत्रो जायेत क्वचिदपि कुमाता न भवति ||४||

परित्यक्ता देवा विविधविधसेवाकुलतया मया पञ्चा शीतेरधिकमपनीते तु वयसि |

इदानीं चेन्मातस्तव यदि कृपा नापि भविता 
निरालम्बो लम्बोदरजननि कं यामि शरणम् ||५||

श्वपाको जल्पाको भवति मधुपाकोपमगिरा 
निरातङ्को रङ्को विहरति चिरं कोटिकनकैः |

तवापर्णे कर्णे विशति मनु वर्णे फलमिदं जनः को जानीते जननि जननीयं जपविधौ ||६||

चिताभस्मालेपो गरलमशनं दिक्पटधरो जटाधारी कण्ठे भुजगपतिहारी पशुपतिः |

कपाली भूतेशो भजति जगदीशैकपदवीं भवानि त्वत्पाणिग्रहणपरिपाटीफलमिदम् ||७||

न मोक्षस्याकांक्षा भवविभववाञ्छापि च न मे 
न विज्ञानापेक्षा शशिमुखि सुखेच्छापि न पुनः |

अतस्त्वां संयाचे जननि जननं यातु मम वै 
मृडानी रुद्राणी शिव शिव भवानीति जपतः ||८||

नाराधितासि विधिना विविधोपचारैः किं रुक्षचिन्तनपरैर्न कृतं वचोभिः |

श्यामे त्वमेव यदि किञ्चन मय्यनाथे धत्से कृपामुचितमम्ब परं तवैव ||९||

आपत्सु मग्नः स्मरणं त्वदीयं करोमि दुर्गे करुणार्णवेशि |

नैतच्छठत्वं मम भावयेथाः क्षुधातृषार्ता जननीं स्मरन्ति ||१०||

जगदम्ब विचित्र मत्र किं परिपूर्णा करुणास्ति चेन्मयि |

अपराधपरम्परापरं न हि माता समुपेक्षते सुतम् ||११||

मत्समः पातकी नास्ति पापघ्नी त्वत्समा न हि |

एवं ज्ञात्वा महादेवि यथायोग्यं तथा कुरु ||१२||

ॐ ||

Poetry with Avdhesh Kanojia

#श्रीकृष्ण श्रीकृष्ण रसामृत ..................... प्रभु तव चरण मम वन्दन हे प्रभु पुरुषोत्तम गोपाल। प्रभु तव चरण मम वन्दन हे प्रभु पुरुषोत्तम गोपाल। #कविता

read more
Happy Janmashtami हे कृष्णा श्रीकृष्ण रसामृत

प्रभु तव चरण मम वन्दन
हे प्रभु पुरुषोत्तम गोपाल।
प्रभु तव चरण मम वन्दन
हे प्रभु पुरुषोत्तम गोपाल।
प्रभु तुम वर्षा हम चातक
प्रभु तुम ही सबके पालक।

बस जाऊँ मैं हे मुरारी चरणों में आपके
हूँ सन्मुख नतमस्तक आपके प्रताप के।
रंग चुका हूँ रंग में मैं हे माधव आपके
चिन्ह मुझपे दिखते हैं आपकी ही छाप के।
तुम सम दाता नहीं कोई भी
मैं तव द्वारे एक याचक।
प्रभु तुम वर्षा हम चातक
प्रभु तुम ही सबके पालक।

प्रभु तव चरण मम वन्दन
हे प्रभु पुरुषोत्तम गोपाल।
प्रभु तव चरण मम वन्दन
हे प्रभु पुरुषोत्तम गोपाल।
प्रभु तुम वर्षा हम चातक
प्रभु तुम ही सबके पालक।

आपमें में राधा श्याम आप भी हो राधा में
आप सर्वमुक्त प्रभु बंधते नहीं बाधा में।
आप पूर्ण पुरुषोत्तम हर विधि हूँ आधा मैं
पर सुध बुध खो जाती है नाम कृष्ण राधा में।
है नाम तव एक सायक
मोह माया मुक्ति दायक।
प्रभु तुम वर्षा हम चातक
प्रभु तुम ही सबके पालक।

प्रभु तव चरण मम वन्दन
हे प्रभु पुरुषोत्तम गोपाल।
प्रभु तव चरण मम वन्दन
हे प्रभु पुरुषोत्तम गोपाल।
प्रभु तुम वर्षा हम चातक
प्रभु तुम ही सबके पालक। #श्रीकृष्ण 
श्रीकृष्ण रसामृत
.....................

प्रभु तव चरण मम वन्दन
हे प्रभु पुरुषोत्तम गोपाल।
प्रभु तव चरण मम वन्दन
हे प्रभु पुरुषोत्तम गोपाल।


About Nojoto   |   Team Nojoto   |   Contact Us
Creator Monetization   |   Creator Academy   |  Get Famous & Awards   |   Leaderboard
Terms & Conditions  |  Privacy Policy   |  Purchase & Payment Policy   |  Guidelines   |  DMCA Policy   |  Directory   |  Bug Bounty Program
© NJT Network Private Limited

Follow us on social media:

For Best Experience, Download Nojoto

Home
Explore
Events
Notification
Profile