Find the Best ग़ज़ल_अभ्यास Shayari, Status, Quotes from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about
Rahul Sharma
भंवर है वक्त के फरेबों का मैं जहां राह भूल जाता हूं खेल है सब तेरे नजरिए का कुछ और हूं, कुछ और नजर आता हूं #yqdidi #yqbaba #yqbhaijan #kavita #ग़ज़ल #ग़ज़ल_अभ्यास #ग़ज़लअभ्यास #दुष्यंतकुमार
Abid
वो छुपा है उसे अया मत कर भूल जा अपने माज़ी को अपने दुख को सज़ा मत कर शोला बधकाने से क्या फ़ायदा चिंगारियों को हवा मत कर है मर्ज़ रब की इबादत मे किसने रोका के दुआ मत कर प्यार मे हार के बैठना बचके उल्फतो से बचा मत कर आइए कुछ लिखते हैं। मेरी पंक्ति के साथ अपनी पंक्तियाँ जोड़ें... ( ग़ज़ल ) #आबाद #ग़ज़ल #ग़ज़ल_अभ्यास #निदाफ़ाज़ली #yqdidi #yqbaba #collabwith_निदाफ़ाज़ली #YourQuoteAndMine Collaborating with Nida Fazli
Abid
दर्द को और न छुपाया जाए ज़ुल्म उसका करीब से देखा डर को अब दूर भगाया जाए दिल उसे देखकर गुम हो गया पता उसका भी लगाया जाए खामखा की बहसों से बचो बात को और ना बढ़ाया जाए आइए कुछ लिखते हैं। मेरी पंक्ति के साथ अपनी पंक्तियाँ जोड़ें... ( ग़ज़ल ) #ग़ज़ल #ग़ज़ल_अभ्यास #yqsayyed #निदाफ़ाज़ली #yqdidi #yqbaba #collabwith_निदाफ़ाज़ली #YourQuoteAndMine Collaborating with Nida Fazli
Abid
बचते गये गुनाह और आवारगी से हम मुझको दुआ मिली है मेरे वालिदैन की महरूम क्यु रहे यहा थोड़ी खुशी से हम मुझको नमाज़ो की मिली तौफिक इस कदर जायेंगे मस्जिदों मे अब रब की खुशी से हम हम उनसे दूर हो गए वो हमसे दूर है अंजान वो बने तो कुछ बेगानगी से हम आइए कुछ लिखते हैं। मेरी पंक्ति के साथ अपनी पंक्तियाँ जोड़ें... ( ग़ज़ल ) #yqsayyed #ग़ज़ल #ग़ज़ल_अभ्यास #निदाफ़ाज़ली #yqdidi #yqbaba #collabwith_निदाफ़ाज़ली #YourQuoteAndMine Collaborating with Nida Fazli
Krish Vj
किस को मालूम यहाँ, कौन है कितना अपना है प्रेम के बदले मिले प्रेम, बस यह एक सपना है ख़ामोशी का मंजर, ख़ामोशी का शोर अपना है मरहम को तरसते, बस ज़ख़्म को यूँ ढ़कना है पीड़ा मन की ना जाने, दौलत से मिले अपना है प्रेम बिक चुका कौडियों मेें, रहा बस तड़पना है बरबस बरस पड़े आँख, दिल उसका दहकना है सुख दुःख मेें संग रहे जो, वो ही बस अपना है भीगता ग़म की बारिश में उठें जो हाथ अपना है देख कर दर्द को करे अनसुना वो कहाँ अपना है आइए कुछ लिखते हैं। मेरी पंक्ति के साथ अपनी पंक्तियाँ जोड़ें... ( ग़ज़ल ) #ग़ज़ल #ग़ज़ल_अभ्यास #निदाफ़ाज़ली #yqdidi #yqbaba #collabwith_निदाफ़ाज़ली #YourQuoteAndMine Collaborating with Nida Fazli
Abhay Bhadouriya
बातें अधूरी है सब ,बात छोड़ दो जाने दो मुझे ,मेरा हाथ छोड़ दो कब रोका मैने, तुमको जाने से दिल के मगर जज्बात छोड़ दो क्या कशमकश है ,अजीब देखो रहने दो, इश्क की बात छोड़ दो ख़ाली है हर मकान अब यहां पर देखो ,कोई दिखे तो गुलाब छोड़ दो बैठे हैं कब से तेरे जो इंतजार में सुनो, साकी बोतल में शराब छोड़ दो #abhaybhadouriya #gazal #ग़ज़ल #ग़ज़ल_अभ्यास
Abhay Bhadouriya
अंधेरा था अब उजाला दिखाई दे रहा है रात में एक सितारा दिखाई दे रहा है उलझेने मोहब्बत की सारी सुलझ गई हैं तेरे लौटकर आने का रास्ता दिखाई दे रहा है अब दिल से करू क्या शिकायत तेरी ये भी तेरा ही तरफदार दिखाई दे रहा है ये सैलाब आंखों में कोई आज का नहीं है दिल का किस्सा पुराना दिखाई दे रहा है जो मुझको अक्सर किराएदार कहते हैं सुनो ये घर भी मुझको मेरा दिखाई दे रहा है और के दरीची से फकत ठंडी हवा आती है, मेरी ही घर मुझको रेगिस्तान दिखाई दे रहा है अंधेरा था अब उजाला दिखाई दे रहा है रात में एक सितारा दिखाई दे रहा है उलझेने मोहब्बत की सारी सुलझ गई हैं तेरे लौटकर आने का रास्ता दिखाई दे रहा है अब दिल से करू क्या शिकायत तेरी ये भी तेरा ही तरफदार दिखाई दे रहा है
Abhay Bhadouriya
किसी कोने में कुछ बचा रह जाएगा मिटा ना सकोगे वो समा रह जाएगा । मत करो कोशिश मुझसे दूर जाने की जो गया मैं फिर, बचा क्या रह जाएगा । जला दो तुम ख़त सारे मेरी मोहब्बत के फिर भी वो नाम वाला हिस्सा रह जाएगा । होगा ज़िक्र जब भी तुम्हारा महफ़िल में सबके ज़ेहन में मेरा किस्सा रह जाएगा । किसी कोने में कुछ बचा रह जाएगा मिटा ना सकोगे वो समा रह जाएगा । मत करो कोशिश मुझसे दूर जाने की जो गया मैं फिर, बचा क्या रह जाएगा । जला दो तुम ख़त सारे मेरी मोहब्बत के फिर भी वो नाम वाला हिस्सा रह जाएगा ।
Abhay Bhadouriya
दूर मंजिल है मेरी और सफर भी लंबा है मुझे आदत है चलने की मुझे चलते रहना है । मैं तो चिराग हूं अंधेरी रात का मुझे जलकर मोम की तरह पिघलते रहना है। बीता है बचपन मेरा यूं ही लड़कपन में अब जिंदगी में आगे मुझे संभलते रहना है । किताबे वापस करना तो फ़क़त बहाना है मुझे तो बस तुमसे यूं ही मिलते रहना है । दूर मंजिल है मेरी और सफर भी लंबा है मुझे आदत है चलने की मुझे चलते रहना है । मैं तो चिराग हूं अंधेरी रात का मुझे जलकर मोम की तरह पिघलते रहना है। बीता है बचपन मेरा यूं ही लड़कपन में अब जिंदगी में आगे मुझे संभलते रहना है ।
Abhay Bhadouriya
हर बंदिश से आजाद करें इतनी खुद्दारी है किसे... सच से आंखे दो-चार करें इतनी हिम्मत है किसे... दिल से दिल की बात करें इतनी मोहब्बत है किसे... कोई मेरा इंतजार करें इतनी फुर्सत है किसे... हर बंदिश से आजाद करें इतनी खुद्दारी है किसे... सच से आंखे दो-चार करें इतनी हिम्मत है किसे... दिल से दिल की बात करें इतनी मोहब्बत है किसे...