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the_unsung_teller
#OpenPoetry कलम बगावत करती है,तो हिफाज़त भी.. कभी कोरे पन्ने पर बयां करती है मोहब्बत अनगिनत शब्दों में, तो कभी पन्ने को कोरा छोड़ कर शिकायत बयां करती है...।। ©the_unsung_teller #कलम #कलमकार #penpoetry #OpenPoetry
Sk mishra
Maa मेरी मम्मी भोली भाली मेरी मम्मी भोली भाली, समझ ना पाती चक्करचाली, जब उनको समझता हूं मै, उनसे थप्पड़ खाता हूं मै, गुस्सा होकर देती गाली, मेरी मम्मी भोली भाली। जब जब हम है शोर मचाते, या फिर आपस में लड़ जाते, मम्मी हमको आंख दिखती, उनकी बात हम समझ ना पाते, गुस्से में मम्मी कर देती, मेरी गोरी चमड़ी काली। मेरी मम्मी भोली भाली।। Sk mishra (स्वरचित) #मां #मम्मी #mummy #penpoetry
Sk mishra
सबने देखा है उस पापी रावण के अभिमान को, नहीं समझता था वह कुछ भी, किसी और के सम्मान को। एक दिन अपने अहंकार में सब कुछ था वह भूल गया, बालि से लडने आया और चाट के रण में धूल गया। तुम क्या जानो छह महीने कितना रावण पछताया था, कितना बलशाली था बालि ये उसको समझ में आया था। और बताता हूं तुमको रावण के दंभ के मर्दन की, बच्चों द्वारा घुड़साल में बंधी उस अभिमानी की गर्दन की। उस दिन रावण ने सोचा था राजा बली से लड़ना है, कुछ भी करके पाताल नरेश बली का वध उसे करना है। पर उसके इस कुटिल मनोरथ को कुछ बच्चे जान गए, रावण की बुरी नियत को वो बस पल भर में पहचान गए। बांध लिया घुड़साल में उसको उसका मद फिर चूर किया, रावण जैसे महाबली को कुछ बच्चों ने मजबुर किया। और सुनो तुम्हे बात सहस्र बाहु अर्जुन की बतलाता हूं, कौन वीर था अर्जुन ये भी तुमको समझता हूं। जब अर्जुन से लडने रावण सेना समेत टकराया था, तब अर्जुन का देख पराक्रम रावण भी चकराया था। नर्मदा नदी का समस्त जल जब अर्जुन ने रावण पे छोड़ दिया, सेना समेत रावण का अभिमान पुनः किसी ने तोड़ दिया। इसलिए हे मित्र, बात कभी ना करना रावण के अभिमान पे, अभिमान की चिता जला दो जाकर किसी और श्मशान में। sk mishra (स्वरचित) #रावण का abhiman mardan, #nojotostory #penpoetry
Sk mishra
कैसा कोरोना काल आया, मौत का संग जाल लाया, धन दौलत सड़ रही है, काम आती है ना माया, सारी शान आे शौकत देखों, आज चकना चूर है, आज दौलत वाले भी देख लो मजबुर है। घर में देखों भूख मारे, बाहर मौत पांव पसारे, कहीं भी बचना है मुश्किल छुप रहे सब मारे मारे, यम के दूत हो खड़े , आज मुझको ताकते है, गिद्ध ललचाई नजर से, मेरे घर में झांकते है। जबसे लक्षण नजर आते, बीबी, बच्चे छोड़ जाते, दोस्त कोई रह ना जाता, सभी अब नजरें चुराते, काश मै गीता का ब्रह्म ज्ञान जान लेता, अच्छा होता वक़्त रहते सत्य को पहचान लेता। sk mishra (स्वरचित) #korona #penpoetry
Isma Arzoo
chanda
तुझे मैं भूलने की कोशिश करती हूं पर ये होता ही नहीं क्या करूँ, तेरा ख्याल मेरे दिल से कभी जाता ही नहीं #poetry #penpoetry #nojoto #khayal #dhaage