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Mukesh Poonia
अगर कोई मक्खी सब्जी तोलते हुए तराजू पर बैठ जाए तो ज्यादा कोई फर्क नहीं पड़ेगा, लेकिन वही मक्खी अगर सोना तोलते हुए तराजू पर बैठ जाए तो उसकी कीमत लगभग ₹10000 होगी । हम कहां बैठते हैं ? हम किसके साथ बैठते हैं ? हमारा कीमत उसी आधार पर निर्धारित कि जाता है . ©Mukesh Poonia अगर कोई #मक्खी #सब्जी तोलते हुए तराजू पर बैठ जाए तो ज्यादा कोई फर्क नहीं पड़ेगा, लेकिन वही मक्खी अगर #सोना तोलते हुए #तराजू पर बैठ जाए तो उसकी कीमत लगभग ₹10000 होगी । हम कहां बैठते हैं ? हम किसके साथ बैठते हैं ? हमारा कीमत उसी आधार पर निर्धारित कि जाता है
Gumnam Shayar Mahboob
कई दिनों से नही देखा बीमार भी हो सकता है तेरे लिए कुछ भी करने को तैयार भी हो सकता है घर के अंदर से ही डांटकर भगा दी जिस रेड्डी वाले को बाहर जाकर देख कहीं तेरा यार भी हो सकता है #सब्जी #yqbaba #yqdidi #uqbaba #aboutme #yqtales
Anamika
आप घर आइये , पड़ा है बहुत काम, तसल्ली से खाऊंगी आम , भाड़ में जाए दाम #सब्जी #दाम #नाम #YourQuoteAndMine Collaborating with Anuup Kamal Agrawal
Ishq...
wishing you a very happy new year👏👏 congratulations आप सभी नए वर्ष में सही सलामत प्रवेश कर गए है.... नए वर्ष में #स्वस्थ रहने के लिए #दो गज की #दूरी के साथ साथ #मास्क😷 भी है #जरूरी का #पालन करना परेगा... अथवा #दुर्घटना घटी #सब्जी पूरी बटी #जनहित में जारी 🙏🙏 ©Anjali Kumari Happy New Year.... be safe for your Love ones😊😊 #HappyNewYear
Kunwar arun ¥
गिड़गिड़ा रहा है पेट को जहान बेईमान से कोई शर्मिदा हो रहा है अपने ही धर्म ईमान से कोई किया बदनाम है कुछ जाहिलों ने पूरी कौम को ऎसे सब्जी भी नहीं खरीद रहा है अब मुसलामान से कोई कुँवर अरुण Poet&writer lyricits shayar एक दो नीच लोगों ने पूरी कौम की विश्वसनीयता खो दी गाँव मे कोई बाहर के मुसलमान से #सब्जी नहीं खरीद रहा.... 😢 Read stories by *Kunwar arun ¥* on Nojoto ❤ https://nojoto.com/post/fbb47a1db8ba764bf01af5c8f14cde22/ Install *Nojoto* | Free App 😍 *Poetry, Stories, Shayari Videos*👇👇👇 👉 http://bit.ly/Nojoto_Download 👈# #writeraofindia #shayaris #poetry #quote #wordporn #qotd #igwriters #Nojoto #NojotoApp
@mehfil.e.gulzar
सब्जियों में "आलू" का, बिहार में "लालू" का, नदी में "बालू" का, जंगल में "भालू" का, बोलने में "तालू" का, बड़ा महत्व है।... #सब्जी #बिहार #नदी #जंगल #बोलना #बड़ा #महत्व #tanishka #mehfil_e_gulzar #mehfil_e_100niG
मलंग
सरकारी शिक्षक सोचते हैं सब, शिक्षक तो पढ़ाता होगा स्कूल जाकर सिर्फ ABCD कराता होगा। जिस दिन तुम उसका हाल जान जाओगे शिक्षा की बदहाली का राज जान जाओगे कभी दाल सब्जी, कभी चावल है उठाता कभी एम डी एम का ,है हिसाब लगाता कम हो गए डाकिये, पर इनकी डाक कम ना हुई घर घर जाकर भी , इनकी नाक कम ना हुई चुनाव आते ही , ये मतदान अधिकारी बन जाते हैं जब प्रिंसिपल ना हो तो , ये प्रभारी बन जाते हैं हरफनमौला किरदार है इनका, पर घमंड बिल्कुल नहीं ज्ञान के सागर हो जायें , पर पाखण्ड बिल्कुल नहीं। नित नित नए प्रयोग, इन पर ही किये जाते हैं नवाचार के बहाने रोज नए टिप्स दिये जाते हैं प्रयोगशाला नहीं उपकरण नहीं फिर भी प्रयोग कराना है अनुदान मद प्राप्ति से पहले ही, उसका उपभोग कराना है कभी बाबू कभी क्लर्क कभी चपरासी बन जाते हैं अपने विभाग के लिए तो ये जगदासी बन जाते हैं एम डी एम की थाली गिनकर भी, कभी ये बताते हैं एम डी एम की गैस भरने की, लाइन भी ये लगाते हैं ऑडिट के समय हर चीज का, हिसाब भी देना पड़ता है विद्यालय बिल्डिंग का तो इन्हें, टेंडर भी देना पड़ता है पढ़ लिखकर ठेकेदारी की, कला तो इनमें आई नहीं इंजीनियरिंग की डिग्री भी, इन्होंने कभी पाई नहीं पर शिक्षक बन अब हर चीज में, दिमाग लगाना पड़ता है शिक्षण को ताक पर रखकर अब,हर कार्य कराना पड़ता है फिर भी नजरों में सबके ये सिर्फ, हराम की ही खाते हैं औरों के लिए तो ये स्कूल में सिर्फ, आराम फरमाते हैं बच्चा लायक नहीं फिर भी पास करना है रेड एंट्री से इन्हें हर दम हर समय डरना है स्कूल ना आये बच्चा तो ,दोष इन पर ही मढ़ना है घर जाकर हर बच्चे के, फिर पैर इन्हें ही पड़ना है नित नए नए तुगलकी फरमान इन्हें ही सुनाये जाते हैं परीक्षा परिणाम बेहतर ना हो तो आरोप भी लगाये जाते हैं अभी दुर्गम के शिक्षक का तो,हाल तुम ना पूछो कैसे जिंदा है वो वहाँ, ये राज तुम ना पूछो अपने को दूसरी दुनिया का कभी वो पाता है जान हथेली पर रखकर भी वो स्कूल जाता है ऊपर से सरकार ने इस कदर रहम किये दुर्गम विद्यालय होकर भी सुगम कर दिए अब भले ना सब्जी मिले ना मिले यहाँ चावल ना नहाने को पानी मिले ना पोछने को टॉवल फिर भी सुगम की नौकरी ये कर रहे हैं दुर्गम जैसे सुगम में , ये मर रहे हैं फिर भी किंचित गम ना करते बाधा देख कभी ना डरते मिशन कोशिश तो अब आई है ये खुद कितने मिशन हैं करते अब शिक्षकों पर प्रयोग तुम बंद करो उलझाकर इनकी बुद्धि ना कुंद करो राष्ट्र निर्माता को राष्ट्र निर्माण करने दो बख्श दो इन्हें देश कल्याण करने दो शिक्षक को शिक्षण के काम में ही लगाओ इस डूबती व्यवस्था को कोई तो बचाओ वरना वो दिन दूर नहीं जब सरकारी स्कूल सब खाली होंगे ना रंग बिरंगे फूल कोई ना चौकीदार ना माली होंगे गरीब का जो भला करना है तो सरकारी स्कूल बचाना होगा गुरूओं को स्कूलों में सिर्फ पढ़ाना होगा यकीं मानो उस दिन इक नई भोर होगी शिक्षा और खुशहाली फिर चहुँ ओर होगी। रचयिता- -बलवन्त रौतेला रुद्रपुर
Birjesh Singh
#EMI... #जरूर_पढ़ें_आपको_झकझोर_देने_वाली_कहानी ला ...बहू...ये सब्जी मैं काट देती हूँ, तू अभी ऑफिस से थकी हारी आई है और आते ही लग गई सब्जी काटने .. मै तो कहती हूँ, तू यह जॉब अब छोड़ ही दे.... सुषमा जी ने अपनी बहू किजंल के हाथ से सब्जी लेते हुए कहा....। "नही माँ जी, जब तक फ्लैट की EMI पूरी नहीं हो जाती....तब तक मे नौकरी छोड़ने का सोचूंगी भी नही.. "लेकिन बेटा.....अब तो राजेश की भी अच्छी जॉब लग गई है.... फिर आधी EMI तू क्यों देती है ...सुषमा जी ने सब्जी काटते हुए कहा.... "क्योकि मैंने उस दिन आपको पर्दे के पीछे बहुत देर तक रोते देखा था..... जब पिता जी ने जरा सी कहा सुनी पर आप से कह दिया, कि निकल जा मेरे घर से....... सुषमा जी अवाक सी नजरों से बहु किजंल को देखने लगी तो किजंल बोली -मां....ये आपके साथ नही बल्कि हर शादीशुदा लडकियों को अक्सर सुनने को मिलता है अक्सर पति गुस्से मे कह देते है की जाओ अपने घर ये मेरा घर है ...और वही मायके मे मां बाप भाई बहन कहते है की अब ससुराल ही तुमहारा घर है ये नही.... तो आखिर हम लडकियों का अपना घर कौन सा है .. मां सच तो ये है हमारे बिना कोई घर ...घर नही होता सिर्फ ईट पत्थरों का ढांचा होता है उसे घर हम बनाती है फिर भी हमें सुनने को मिलता है की ..... इसीलिए मां मे नौकरी करके आधी EMI भरती हूं मुझे हक के लिए नही बल्कि ये सुनने को मिले ये हमारा घर है ...हम सभी का ...कहते किजंल सुषमा जी के गले लग गई वही सुषमा जी भीगी आँखें लिए सोच रही थी बहुत खूब मेरी बच्ची ...बहुत खूब .... सचमुच हर बेटी को आत्मनिर्भर बनकर पति के साथ कदम से कदम मिलाकर साथ देने से ही एक ईट पत्थरों का ढांचा घर बना सकती है ...अपना घर... #वक्त_है_बदलाव_का Good morning
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पति – तुम सब्जी बनाना भूल गयी हो क्या पत्नी – क्यों पति – थू थू कितनी गन्दी सब्जी बनाई है पत्नी – चुपचाप खा लो मेरी इसी सब्जी को फेसबुक पर 389 लोगों ने लाइक किया और 107 लोगों ने शेयर किया और 129 लोगों ने कॉमेंट किया – “वाओ यम्मी” बस आपको ही मेरा खाना पसंद नहीं आता :) 😉 🤣🤣🤣🤣🤣🤣🤣 @mk jokes@