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Dr Manju Juneja
मत रख किसी से उम्मीद इतनी, कि बाद में तुझे रोना पड़े .. अपने दिल का सुकूँ -ए- चैन सब तुझे खोना पड़े। थोड़ी बहुत उम्मीद तो हर इंसान, हर इंसान से लगाता है ।लेकिन जब हम जरूरत से ज्यादा किसी पर उम्मीद रखते हैं तो वो हमारे दुःख का कारण बन जाता है ।जब वो हमारे मुताबिक़ खरा नही उतरता तो हमे दुःख होता है। इसलिए जिससे जितनी कम उम्मीद रखोगे उतना सुखी रहोगे। #उम्मीद #दिल #सुकूँ #चैन #खोना #पड़े #रख #किसीसे #इतनी #nojotohindi
थोड़ी बहुत उम्मीद तो हर इंसान, हर इंसान से लगाता है ।लेकिन जब हम जरूरत से ज्यादा किसी पर उम्मीद रखते हैं तो वो हमारे दुःख का कारण बन जाता है ।जब वो हमारे मुताबिक़ खरा नही उतरता तो हमे दुःख होता है। इसलिए जिससे जितनी कम उम्मीद रखोगे उतना सुखी रहोगे। #उम्मीद #दिल सुकूँ #चैन #खोना #पड़े #रख #किसीसे #इतनी #nojotohindi
read moreShreya Tripathi
बिखरे पड़े है यूँ कोई समेटे तो कोई बात हो उलझे पड़े है यूँ कोई सुलझाए तो कोई बात हो ताउम्र तेरी खातिर बन्दगी की फिर तू मुझमे निखरे तो कोई बात हो
mmmm
कोई मुझे hello न बोल दे इस बात का मुझे हमेशा से डर हुआ करता था, इसलिए अक्सर मैं अपना चेहरा जमाने से छुपा कर चला करती थी। न जाने किस बात का डर था मुझे जिसके कारण में लोगों से मिलने को घबराया करती थी, इसलिए चुपचाप जाकर किसी कोने में बैठ जाया करती थी जहां से कोई मुझे देख न पाये। आज भी वो दिन मुझे याद है जब मम्मी मुझे स्कूल भेजने के हर एक मुमकिन कोशिश करा करती थी और मैं स्कूल ना जाने के हजार कोशिश करा करती थी किसी को hello ना बोलना पड़े, इसलिए मैं किसी से दोस्ती नही करा करती थी आज भी किसी को hello न बोलना पड़े इसलिए अक्सर मैं अपना चेहरा जमाने से छुपा कर चला करती हूं। #gif आज भी डरा करती हूं किसी को hello बोलने को इसलिए अक्सर मैं अपना चेहरा छुप लिया करती हूं।।।
आज भी डरा करती हूं किसी को hello बोलने को इसलिए अक्सर मैं अपना चेहरा छुप लिया करती हूं।।।
read moreAnukaran
ज़िन्दगी के कशमकश में, हम कुछ ऐसे मशुगुल हो गए, दुसरों को सवारते, सवारते, अपने आप को भूल गए, ना ये कैसा ह्रदय पाया है मैने, जिनके चेहरे पे उदासी देखा, उनको किसी न किसी तरीके से हँसाया हैं मैंने, मुश्किल में पड़े लोगो को, सही राह दिखाया है मैंने, भूल गए लोग या बदल गए लोग, कोई बात नही, उनको भी मैने अपनी यादों मैं जिन्दा रखा है मैंने, हिचकियों के जरीये, अपनी मौजूदगी एवं याद का अहसास कराया है मैंने, स्वयं बीना बोले, तकलीफ़ मे पड़े अनजाने लोगो को भी सही मार्ग दिखाया है मैंने, जिस तकलीफ से मैं गुजर चूका, उसका आभाष भी नही कराया है मैंन, मुश्किलें भी आईं मेरे रास्ते में, आपकी आर्शीवाद, दुआ, मोहब्बत और ऊपर वाले की कृपा ने पार कराया है मुझको, ज़िन्दगी के कशमकश मे हम कुछ ऐसे मशुगुल होते गये। अनुकरण ज़िंदगी
ज़िंदगी
read morePriyanshu Agnihotri
....यादें बचपन की .... बहना से लड़े, खूब झगड़े , फिर संग विद्यालय जाते थे । यदि पड़े मार विद्यालय में, तब बहना को खूब बुलाते थे । थक जाते थे जब गुरु खूब , वह नालायक कहलाते थे । तब हम विद्यालय में छोड़ बैग , बस तुरत कहीं भाग जाते थे । बस अगली बार न मार पड़े यह बार बार दोहराते थे । पर याद हमें अब तक है , हम फिर भी विद्यालय जाते थे । जब कभी छोड़ कर बैग , भाग जल्दी से घर आ जाते थे । मम्मी को कुछ शक जाता था , घर भी बेशक पिट जाते थे। पर याद मुझे अब तक है जब , मैं घर के बाहर भग जाता था , औऱ राह देख बहना की मैं , बहना के संग ही आता था ।। M₹_@gnihotri कविता
कविता
read more@Jara_saa_shayar
हिचकिचाता हूँ उन महफिल में जाने से जहाँ खुद हाथ बढ़ाना पड़े कर लू कुछ ऐसा अपनी जिंदगी में कि कभी अपनी पहचान ना बताना पड़े | - Shivam Dayma #nojotohindi
Nidhi''नन्ही क़लम''
सौदा ''सौदा'' नहीं ये इश्क़... जो तुजे भी करना पड़े... ये तो है एक बंदगी...Nidhi जो समझ सके उसे निभाना पड़े... बदले में क़ुछ मिले न मिले... छोटी सी एक उम्मीद लिए... आख़री सांस तक जीना पड़े !!! #sauda
Drx. Mahesh Ruhil
कोशिश लाख करो चाहे किसी से भी लड़ना क्यू ना पड़े हार कभी ना मानो चाहे मरना क्यू न पड़े और बात जब देश की आये तो तो जवाब एक ही आये B@+++
B@+++
read moreAnshul Singh
#OpenPoetry है रण दुर्दम्य , योद्धा प्रवीण , अद्भुत शर से सज्जित तुरीण । क्षत-विक्षत शव हैं पटे पड़े , मस्तक वीरों के कटे पड़े , कितनों पर मैंने वार किया , कितनों का संहार किया । हे माधव ! इस धर्म युद्ध में मैंने अबतक , धर्म पताका लहराई है , युक्ति से मैंने युद्ध किया है , शौर्य से विजय पायी है । पर एक निहत्थे योद्धा पर , बोलो कैसे मैं प्रहार करूँ , जो रत है अपने रथ में अब , उसका कैसे संहार करूँ । क्या अर्जुन का बल क्षीण हुआ , या आत्मबल संकीर्ण हुआ , जो एक असहाय वीर पर , मैं अपनी शक्ति दिखलाऊँगा । विजय भी हो जाए माधव , मैं कायर ही कहलाऊँगा । हे भगवन ! तुमने ही तो मुझको , धर्म मार्ग बतलाया था , अपने सामर्थ्य पर विश्वास करूँ , ये पाठ मुझे सिखलाया था । अब तुम ही मुझको धर्म से , विरत कैसे कर सकते हो , एक शस्त्रहीन पर शस्त्र उठाऊँ , ये कैसे कह सकते हो ? बोलो ना माधव चुप क्यों हो , शंका का समाधान करो , अंधकार में डूब रहा , आलोकित मेरे प्राण करो । #OpenPoetry #व्यथा #अर्जुनकृष्णसंवाद #कर्णवध
#OpenPoetry #व्यथा #अर्जुनकृष्णसंवाद #कर्णवध
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