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डॉ मनोज सिंह,बोकारो स्टील सिटी,झारखंड। (कवि,संपादक,अंकशास्त्री,हस्तरेखा विशेषज्ञ 7004349313)
मिले हर तरफ़ तुम,जहां ढूंढ पाया। खुदी में, खुदी को, कहां ढूंढ पाया? ©डॉ मनोज सिंह,बोकारो स्टील सिटी,झारखंड। (कवि,संपादक,अंकशास्त्री,हस्तरेखा विशेषज्ञ 7004349313) #खुदी में खुदी को
soul search
खुद को खुद से मिलवा दूं फकत यही इच्छा है अपने से मिल कर जो मिलती है खुशी उससे वाकिफ करवा दूं फकत यही इच्छा है बस जी लूं कुछ इस तरह फकत यही इच्छा है #cinemagraph#yqbaba#yqdidi#yqquote#खुद#खुदी को कर बुलंद इतना की खुद तुझसे पूछे कि बता बंदे तेरी रजा क्या है
DR. SANJU TRIPATHI
खुदी को बुलंद करने के लिए, जमाने से लड़ जाऊंगी। अब तक बहुत खामोश रही, पर अब ना खामोश रह पाऊंगी। 💐नमस्कार ..मैं GulnaaR Tanha Raatein परिवार में आपका हार्दिक स्वागत करती हूँ ..ऊपर दिये गये चित्र को अपने सुंदर शब्दों से सजाये। 💐अपने भाव से 2 लाईनों में लिखें .. (2 लाईन couplet/ मिसरा उर्दू शायरी ) 💐 Font size छोटा रखें ताकी wall paper खराब न हो ।
Shankki Sharma
ख़ुद चाहे हम मिट जाए पर ख़ुदी पर कोई आँच ना आये ख़ुदी के लिए हम जीते है ख़ुदी के लिए ही हम मर जाये। 💐नमस्कार ..मैं GulnaaR Tanha Raatein परिवार में आपका हार्दिक स्वागत करती हूँ ..ऊपर दिये गये चित्र को अपने सुंदर शब्दों से सजाये। 💐अपने भाव से 2 लाईनों में लिखें .. (2 लाईन couplet/ मिसरा उर्दू शायरी ) 💐 Font size छोटा रखें ताकी wall paper खराब न हो ।
Rashid Ahmad
abhisri095
खुदी से खुद को मार आया हूँ मैं बड़ी मुश्किल से इधर आया हूँ तुम हौसला-अफजाई करो तुम्हारी नेहमत खैर ! मैं तो महफ़िल पीछे छोड़ आया हूँ #खुद को #खुदी से मार आया ...
Mohammad sarif mehar
खुदी को कर बुलन्द इतना हर तक़दीर से पहले, खुदा खुद बन्दे से पूछे बता तेरी रज़ा क्या है। 7568066076 #खुदी
Mohammad sarif mehar
खुदी को कर बुलन्द इतना हर तक़दीर से पहले, खुदा खुद बन्दे से पूछे बता तेरी रज़ा क्या है। 7568066076 #खुदी #Mohammad #sarif #mehar
Md Adnan Rabbani
बरे जालिम को इंसान बना देती है मोहब्बत। दगा हो तो दरीफों को शैतान बना देती है मोहब्बत।। ये जालिम हैं ऐसे के जुल्म करते हैं जान पर अपनी। खुद को खुदी से से अनजान बन देती हक मोहब्बत।। दिल के फिज़ाओं का बहार वही लगता है, चैन व सुकून, करार वही लगता है। रूह नई, जिस्म बेजान बना देती है मोहब्बत।। यूं तो सुलगते हैं खामोश दिल के ज्वाला में। खामोश समुंदर को शैलाब बना देती है मोहब्बत।। Adnan Rabbani's Shayari • बरे #जालिम को #इंसान बना देती है #मोहब्बत। #दगा हो तो दरीफों को #शैतान बना देती है मोहब्बत।। ये जालिम हैं ऐसे के #जुल्म करते हैं #जान पर अपनी। #खुद को #खुदी से से अनजान बन देती हक मोहब्बत।।