Find the Best घबरा Shayari, Status, Quotes from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about घबरा जाना, घबरा देना, जो दुख से घबरा जाए,
ShayarPraveen
झुकीं निगाहें जैसे कि शर्मा गई हो, किसी के छूने से जैसे कि घबरा गई हो। देखकर मुझे वो कुछ इस तरह मुस्कराई , लगा कि जैसे वो मेरे दिल में आ गई हो । जरा धीरे से पास जाकर थामा हाँथ उनका, वो मचली इस कदर जैसे लहरें करवटे बदल रही हो । मास सावन का हैं, गरजते बादलों संग बिजली तड़पी, वो चिपकी मुझसे कुछ इस तरह कि कोई नदियाँ समन्दर में समा गई हो। मैं उड़ता बादल सा मड़रा रहा था, वो प्यासी धरती सी सूख रही थी । मैंने कि प्रेमवर्षा, वो झूमि कुछ इस तरह कि जैसे कोई मोर नृत्य कर रहा हो। मैंने पूंछा कि तुम मेरी बनोगी, वो हँस के बोली, मैं तो कब का हो चुकी हूँ । मैंने चूमे होंठ उनके, वो भागी दूर मुझसे जैसे कि एक दफा फिर शर्मा गई हो, मेरे छूने से घबरा गई हो ।। #shayarpraveen #IITKAVYAJALI
Dharmendra Singh
#तुम तो #अभी से #घबरा गये हो,, #अभी तो मै ""#बदला"" हूं,,, ""#बदला"" तो अभी #बाकी है,,#my #dear "" life is good
Sunita Arora
शायद पा लेते बहुत कुछ, रख लेते कदम अगर चंlद पर! उन आंखों की नमी ने बताया खेल रहा है चंlद कुछ वक्त के लिए, चहता है देखना हौसला हमारा, सब्र हमारा,और मुस्कान जो मिलती है पानी पीने पर, बहुत दिनो से प्यासे को!! घबरा गया है चंदा, हकिकत वैसी ना लगे तो तो क्या करेगा! सदियों से देख,सुन रहा है, चाँद सा रोशन चेहरा!! चलो मुस्कुरा लेने दो, हंस लेने दो, दौड़ने दो,कहां जाएगा बचपन का मामा है यौवन का प्यार साथ रहने वाले इसके सितारे तो रहे ही है हमारे अपने! खोज ही लेंगें इस तक पहुंचने का रास्ता शायद पा लेते बहुत कुछ, रख लेते कदम अगर चंlद पर! उन आंखों की नमी ने बताया खेल रहा है चंlद कुछ वक्त के लिए, चहता है देखना हौसला हमारा, सब्र हमारा,और मुस्कान जो मिलती है पानी पीने पर, बहुत दिनो से प्यासे को!! घबरा गया है चंदा, हकिकत वैसी ना लगे तो तो क्या करेगा! सदियों से देख,सुन रहा है, चाँद सा रोशन चेहरा!! चलो मुस्कुरा लेने दो, हंस लेने दो, दौड़ने दो,कहां जाएगा बचपन का मामा है यौवन का प्यार साथ रहने वाले इसके सितारे तो रहे ही है हमारे अपने! खोज ही लेंगें इस तक पहुंचने का रास्ता है इससे तो हमारा छुटपन से वास्ता!! पोछ लगे अश्रु ,फिर उठेगे,फिर चलेंगे और अबकी हक ही जमा लेंगे अपना चाँद पर!! है इससे तो हमारा छुटपन से वास्ता!! पोछ लगे अश्रु ,फिर उठेगे,फिर चलेंगे और अबकी हक ही जमा लेंगे अपना चाँद पर!!
Gaurav Prateek
अब तो ये आँखें भी चौंधिया सी गईँ है होगी मुकम्मल ये मुलाकात कब घबरा सी रहीं है तङप ये इस दिल की बार बार कह रही है मिलने को तुमसे अब आँखें भी थम सी गयी है हर रोज तुम्हे ताकना,निहारना ,तुमसे बातें करना अब तुम्हारी कमी बार बार मुझे खल सी रही है होगी मुकम्मल ये मुलाकात कब जी घबरा सी रहीं है ये दिल आज भी तुम्हारा बेसब्री से इंतजार कर रही है #Nojoto #Nojoto#Hindi #Kal#ho#Na#Ho #Kavyashaala #Intezar AFROZ __मुकेश-- Satyaprem
fb,@,©WriterNilofar Farooqui Tauseef
डर 🍃🍂🍃🍂🍃🍂 एक पत्ते की खड़खड़ाहट से घबरा गए अच्छा हुआ जो जल्द , होश में आ गए। करके बलात्कार खुद को नायक समझते थे आज मरकर दी एक आवाज़ तो घबरा गए मेरी हर एक चीख पे चहकते रहे थे तुम आज आईने में अक्स दिखाया तो घबरा गए अच्छा हुआ जो जल्द , होश में आ गए।
fb,@,©WriterNilofar Farooqui Tauseef
डर 🍃🍂🍃🍂🍃🍂 एक पत्ते की खड़खड़ाहट से घबरा गए अच्छा हुआ जो जल्द , होश में आ गए। करके बलात्कार खुद को नायक समझते थे आज मरकर दी एक आवाज़ तो घबरा गए मेरी हर एक चीख पे चहकते रहे थे तुम आज आईने में अक्स दिखाया तो घबरा गए अच्छा हुआ जो जल्द , होश में आ गए।
fb,@,©WriterNilofar Farooqui Tauseef
डर 🍃🍂🍃🍂🍃🍂 एक पत्ते की खड़खड़ाहट से घबरा गए अच्छा हुआ जो जल्द , होश में आ गए। करके बलात्कार खुद को नायक समझते थे आज मरकर दी एक आवाज़ तो घबरा गए मेरी हर एक चीख पे चहकते रहे थे तुम आज आईने में अक्स दिखाया तो घबरा गए अच्छा हुआ जो जल्द , होश में आ गए। डर 🍃🍂🍃🍂🍃🍂 एक पत्ते की खड़खड़ाहट से घबरा गए अच्छा हुआ जो जल्द , होश में आ गए। करके बलात्कार खुद को नायक समझते थे आज मरकर दी एक आवाज़ तो घबरा गए मेरी हर एक चीख पे चहकते रहे थे तुम आज आईने में अक्स दिखाया तो घबरा गए
Ajeet Choudhary
मैं कैसे कह दूं आज कि मेरे मन में व्यथा नहीं है पर संघर्षों में घबरा जाना ये ABVP की प्रथा नहीं है #मैं #कैसे कह दूं #आज कि #मेरे #मन में #व्यथा नहीं है पर #संघर्षों में #घबरा जाना ये #ABVP की #प्रथा #नहीं है
I.P. Nirala
"मंजिल की खोज में चलना शुरू किया है, चलने में माहिर हो जाएंगे। अगर ना हुए ख्वाब मुक्कमल तो एक नैसर्गिक मुसाफिर हो जाएंगे।।" अपनी भी जिन्दगी में आऐगा सुबह, मत घबरा ऐ! मुसाफिर। सघन हीं क्यों न हो घन, रवि को छुपा न सका आखिर। जिस राह के राही हो तुम, उस राह का बनजा तू माहिर। यद्यपि ना मिले कामयाबी की छांव तथापि बना रह एक अच्छा मुसाफिर। अपने लिए ना सही अपनों के खातिर। राह की थकान को, मत होने दो कभी जाहिर। चलता रह बस चलता हीं रह, चलने से क्यों कतराते ओ! मेरे कर्मवीर। चलके हीं तो तुझे, खुद लिखनी है अपनी तकदीर। ना जन्नत,ना जहन्नुम, और ना हीं देख कोई भीड़। तुझे तो छोड़ना है बंद आंखों से तीर। अपनी भी जिन्दगी में आऐगा सुबह, मत घबरा ऐ! मुसाफिर।। मुसाफिर
Pawan Sharma (p.k)
नशा मैं नज़र से पी रहा हूँ ये समाँ बदल न जाए न झुकाओ तुम निगाहें कहीं रात ढल न जाए मिरे अश्क भी हैं इस में ये शराब उबल न जाए मिरा जाम छूने वाले तिरा हाथ जल न जाए अभी रात कुछ है बाक़ी न उठा नक़ाब साक़ी तिरा रिंद गिरते गिरते कहीं फिर सँभल न जाए मिरी ज़िंदगी के मालिक मिरे दिल पे हाथ रखना तिरे आने की ख़ुशी में मिरा दम निकल न जाए मुझे फूँकने से पहले मिरा दिल निकाल लेना ये किसी की है अमानत मिरे साथ जल न जाए मैं नज़र से पी रहा हूँ ये समाँ बदल न जाए न झुकाओ तुम निगाहें कहीं रात ढल न जाए मिरे अश्क भी हैं इस में ये शराब उबल न जाए मिरा जाम छूने वाले तिरा हाथ जल न जाए