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Poonam Ritu Sen
"एक दिन तेरी जरूर होती, अगर मैं बारिश होती.." (Read full poetry in caption) हवाओं में होकर तहलील तेरे ओर ही बढ़ती मस्त मौला अंदाज लेकर अपना ही साज गुनगुनाती.. ना कोई फिक्र होता ना कोई डर होता गिरने का, थोड़ी अदा, थोड़ा अदब और थोड़ा आज लिए उड़ान भरती.. बादलों की गड़गड़ाहट सुन और तेज़ बहती, बारिश की बूंदों से मिलन के लिए मिट्टियों की तड़प देखती.. जैसे ही कुछ बूंदें टपकती तेरे दीदार के लिए कुछ पल ठहर जाती.. वो तेरा मुस्कुराना, पानी की फुहारों को खुद में समाना,
Rukhsar Khanam
💞गुनगुनाती हूं मैं और मेरी कलम💞 💞लिखती हूं मै जब भी तेरा नाम सनम💞 💞मुस्कुराती हूं मैं और मेरी कलम💞 💞लिखती हूं मैं जब भी तेरे नाम कोई नज्म़ सनम💞 💞झूम उठती हूं मैं और मेरी कलम💞 💞लिखकर अपनी मोहब्बत की दास्तानें सनम💞 💞गुनगुनाती हूं मैं और मेरी कलम💞 ✍️मेरे अल्फ़ाज़ ✍️ ©Rukhasar Khanam #गुनगुनाती हूं मैं और मेरी कलम❤️
Rajan chauhan
तुम वोह नज़्म ग़ज़ल हो जिसे अक्सर मेरी धड़कने #गुनगुनाती हैं... _Rajan chauhan #solitary jeevesh yadav Flux Hale Walisha Fatima✨ h.m. alam siddiqui
Ravikant Yadav
#रंज सफ़र तेज़ी से गुजरा, तुम्हारे साथ होने से। अलग फिर हो गई रंगत, तुम्हारी बात करने से। वो राहें आज भी अक्सर, मुझे आवाज़ देती हैं, महक तेरे क़दमों की, जिन्हें गुलज़ार करती थीं। जो कलियां ओस की बूंदों से कभी खुद को सजाती थीं, अभी वीरान हैं वो सब, पर तुम्हें ही गुनगुनाती हैं। पवन तो आज भी बहती है, मगर वो बात ही है कहां, जो तेरे जिस्म को छूकर, शरम से गुनगुनाती थी। निकलता चांद है अक्सर, यही अब सोचकर घर से कभी फिर से मिलोगी तुम, उसी छत की मुंडेरी पे। जो राहें छोड़कर जाती हैं, कभी बापिस नहीं आतीं। ये सब मालूम है मुझको, पर अभी तक राह तकता हूं। ~रविकांत यादव
Ravikant Yadav
#रंज सफ़र तेज़ी से गुजरा, तुम्हारे साथ होने से। अलग फिर हो गई रंगत, तुम्हारी बात करने से। वो राहें आज भी अक्सर, मुझे आवाज़ देती हैं, महक तेरे क़दमों की, जिन्हें गुलज़ार करती थीं। जो कलियां ओस की बूंदों से कभी खुद को सजाती थीं, अभी वीरान हैं वो सब, पर तुम्हें ही गुनगुनाती हैं। पवन तो आज भी बहती है, मगर वो बात ही है कहां, जो तेरे जिस्म को छूकर, शरम से गुनगुनाती थी। निकलता चांद है अक्सर, यही अब सोचकर घर से कभी फिर से मिलोगी तुम, उसी छत की मुंडेरी पे। जो राहें छोड़कर जाती हैं, कभी बापिस नहीं आतीं। ये सब मालूम है मुझको, पर अभी तक राह तकता हूं। ~रविकांत यादव
एहसास
पंछी हूं एक मैं नादान तेरी हर दुनिया से अनजान नन्ही सी है मेरी जान प्यार से मिलो तो हो पहचान मुझे चाहिए दाना पानी तुम्हे सुननी मेरी वाणी बोली कि मैं हूं रानी गुनगुनाती रहूं डाली डाली हूं मैं भी दुनिया में सताई जाती घोंसले से निकाल पिंजरों में बन्द की जाती ना कैद करो मुझ को उड़ने दो छूने दो नभ को मुंडेर पर सबकी मैं गुनगुनाती घरौंदे में तेरे खुद घोसला बनाती मेरी बोली से चहचहाती तेरी सुबह शाम है भोली सी मैं नन्ही सी मेरी जान है पंछी बनूं उड़ती चलूं मस्त पवन में #पंछी #nojotohindi #poem #shayari # कविता
Ashwani Jaiswal
खामोशियां भी शोर मचाती है ये तन्हाई में गुनगुनाती हैं कभी पढ़ना गौर से उन चेहरों को जिनके लव तो खामोश रहते हैं मगर नजरे सब कह जाती हैं नहीं होता जिनमें अपने दर्द को अल्फाजों में बयां करने का हुनर उनकी खामोशी ही उनकी तकलीफ बयां कर जाती है खामोशियां भी शोर मचाती है ये तन्हाई में गुनगुनाती हैं #wod #खामोशी #Nojotohindi मेरे अल्फाज
Shail..
"बनकर हंसी तेरे लबों पर मुस्कुराना चाहता हूँ" (पूरी नज़्म अनुशीर्षक में पढ़ें) बन कर हंसी तेरे लबों पर मुस्कुराना चाहता हूं! बेखयाली मे जो गुनगुनाती हो,वही गीत बन जाना चाहता हूं! याद है वो शामें ट्यूशन की जो साथ जाया करते थे तुमसे मिलने किताबों के बहाने इतवार को भी तुम्हारे घर आते थे कुछ सबक बाकी रह गये हैं, साथ तुम्हारे पढऩा चाहता हूं! तोड़ कर लाना तुम्हारे लिये शहतूत चोरी के वो बेर,आम और अमरुद अब कुछ सपने तुम्हारे लिये चुराकर लाना चाहता हूं!
राहुल राज मौर्या
गुनगुनाती सी कोई रात भी आ जाती है आप आते हैं तो बरसात भी आ जाती है #gif #गुनगुनाती रात #nojoto