Nojoto: Largest Storytelling Platform

Best जटा Shayari, Status, Quotes, Stories

Find the Best जटा Shayari, Status, Quotes from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about तुझे तेरे सारे यार जटिया जटा वाली, जटा मीनिंग इन हिंदी, जटाधराय शिव जटा, गंगा जटा, जटा टवी meaning,

  • 7 Followers
  • 8 Stories
    PopularLatestVideo

Sagar vm Jangid

#dashhara #ravan जटा टवी गलज्जल प्रवाह पावितस्थले गलेऽवलम्ब्य लम्बितां भुजङ्ग तुङ्ग मालिकाम् डमड्डमड्डमड्डमन्निनाद वड्डमर्वयं चकार चण्डताण्डवं तनोतु नः शिवः शिवम् जटा कटा हसंभ्रम भ्रमन्निलिम्प निर्झरी #sagarvmjangid

read more
अगर मैं रावण होता तो जटा टवी गलज्जल प्रवाह पावितस्थले
गलेऽवलम्ब्य लम्बितां भुजङ्ग तुङ्ग मालिकाम्


              इदम् हि नित्यमेवमुक्तमुत्तमोत्तमं स्तवं
           पठन्स्मरन्ब्रुवन्नरो विशुद्धिमेतिसंततम् #dashhara #ravan 
जटा टवी गलज्जल प्रवाह पावितस्थले
गलेऽवलम्ब्य लम्बितां भुजङ्ग तुङ्ग मालिकाम्

डमड्डमड्डमड्डमन्निनाद वड्डमर्वयं
चकार चण्डताण्डवं तनोतु नः शिवः शिवम्

जटा कटा हसंभ्रम भ्रमन्निलिम्प निर्झरी

Sudha Upadhyay

बनारस

read more
धरा का ग्यान चक्षु है बनारस
देवों की दिव्य भूमि है बनारस, 
भक्ति का सार है, ये सारनाथ बनारस।
मृत्यु में अर्मत्यता का सत्य खोजता बनारस, 
महानिर्वाण के धाम का पथ
 खोलता ये बनारस।

तपस्वीयों की तपस्थली, 
देवताओं की देव-स्थली,
पतितों को पावन करती पुण्यस्थली, 
शाप विमोचिनी, पाप तिरोहिनी, 
शिव जटा प्रवाहिनी, माँ पुण्य सलिला सुरसरि ,
काशी वास निवासिनी। 

 बम-बम भोले, हर-हर भोले, 
जय उद्घघोषिनी, 
तन-मन भक्ति तरंगिणी, 
कण-कण हर चेतन, शिव भक्ति संचारिणी,
रज-रज में, हर दिक् में,
चिता-भसम उधेड़ते शीतल बयार।
मंद-मंद ध्वनि घंटनाद संग लिए बहते पवन,
भक्ति रस में डोलते, जा लिपटते
शिव जटा से।

हृदय के द्वार खोलता, निज तन के घट में,
विराजित शिवतत्व को जगाता,
मन को काशी धाम बनाता यह बनारस।

संपूर्ण सृष्टि की चेतना में,
शिव भक्ति का आवाहन करता,
यह विश्व धाम बनारस।

शव से शिव का मिलन कराता, 
चेतनता में अलख का बोध जगाता।
धन्य -धन्य है यह काशी बनारस। बनारस

Anil Siwach

|| श्री हरि: || सांस्कृतिक कहानियां - 12 ।।श्री हरिः।। 8 - असुर उपासक 'वत्स, आज हम अपने एक अद्भुत भक्त का साक्षात्कार करेंगे।' श्रीविदेह-नन्दिनी का जबसे किसी कौणप ने अपहरण किया, प्रभु प्रायः विक्षिप्त-सी अवस्था का नाट्य करते रहे हैं। उनके कमलदलायत लोचनों से मुक्ता की झड़ी विराम करना जानती ही नहीं थी। आज कई दिनों पर - ऐसे कई दिनों पर जो सौमित्र के लिए कल्प से भी बड़े प्रतीत हुए थे, प्रभु प्रकृतस्थ होकर बोल रहे थे - 'सावधान, तुम बहुत शीघ्र उत्तेजित हो उठते हो! कहीं कोई अनर्थ न कर बैठना! शान्त रह

read more
|| श्री हरि: || सांस्कृतिक कहानियां - 12

।।श्री हरिः।।
8 - असुर उपासक

'वत्स, आज हम अपने एक अद्भुत भक्त का साक्षात्कार करेंगे।' श्रीविदेह-नन्दिनी का जबसे किसी कौणप ने अपहरण किया, प्रभु प्रायः विक्षिप्त-सी अवस्था का नाट्य करते रहे हैं। उनके कमलदलायत लोचनों से मुक्ता की झड़ी विराम करना जानती ही नहीं थी। आज कई दिनों पर - ऐसे कई दिनों पर जो सौमित्र के लिए कल्प से भी बड़े प्रतीत हुए थे, प्रभु प्रकृतस्थ होकर बोल रहे थे - 'सावधान, तुम बहुत शीघ्र उत्तेजित हो उठते हो! कहीं कोई अनर्थ न कर बैठना! शान्त रह

Jay Thaker

shiv tandav

read more
जटा टवी गलज्जल प्रवाह पावितस्थले, गलेऽवलम्ब्य लम्बितां भुजङ्ग तुङ्ग मालिकाम् |
डमड्डमड्डमड्डमन्निनाद वड्डमर्वयं, चकार चण्डताण्डवं तनोतु नः शिवः शिवम् ||
जटा कटा हसंभ्रम भ्रमन्निलिम्प निर्झरी, विलो लवी चिवल्लरी विराजमान मूर्धनि |
धगद् धगद् धगज्ज्वलल् ललाट पट्ट पावके किशोर चन्द्र शेखरे रतिः प्रतिक्षणं मम ||
धरा धरेन्द्र नंदिनी विलास बन्धु बन्धुरस् फुरद् दिगन्त सन्तति प्रमोद मानमानसे |
कृपा कटाक्ष धोरणी निरुद्ध दुर्धरापदि क्वचिद् दिगम्बरे मनो विनोदमेतु वस्तुनि ||
लता भुजङ्ग पिङ्गलस् फुरत्फणा मणिप्रभा कदम्ब कुङ्कुमद्रवप् रलिप्तदिग्व धूमुखे |
मदान्ध सिन्धुरस् फुरत् त्वगुत्तरीयमे दुरे मनो विनोद मद्भुतं बिभर्तु भूतभर्तरि ||
सहस्र लोचनप्रभृत्य शेष लेखशेखर प्रसून धूलिधोरणी विधूस राङ्घ्रि पीठभूः |
भुजङ्ग राजमालया निबद्ध जाटजूटक श्रियै चिराय जायतां चकोर बन्धुशेखरः ||
ललाट चत्वरज्वलद् धनञ्जयस्फुलिङ्गभा निपीत पञ्चसायकं नमन्निलिम्प नायकम् |
सुधा मयूखले खया विराजमानशेखरं महाकपालिसम्पदे शिरोज टालमस्तु नः ||
कराल भाल पट्टिका धगद् धगद् धगज्ज्वल द्धनञ्जयाहुती कृतप्रचण्ड पञ्चसायके |
धरा धरेन्द्र नन्दिनी कुचाग्र चित्रपत्रक प्रकल्प नैक शिल्पिनि त्रिलोचने रतिर्मम |||
नवीन मेघ मण्डली निरुद् धदुर् धरस्फुरत्- कुहू निशीथि नीतमः प्रबन्ध बद्ध कन्धरः |
निलिम्प निर्झरी धरस् तनोतु कृत्ति सिन्धुरः कला निधान बन्धुरः श्रियं जगद् धुरंधरः ||
प्रफुल्ल नीलपङ्कज प्रपञ्च कालिम प्रभा- वलम्बि कण्ठकन्दली रुचिप्रबद्ध कन्धरम् |
स्मरच्छिदं पुरच्छिदं भवच्छिदं मखच्छिदं गजच्छि दांध कच्छिदं तमंत कच्छिदं भजे ||
अखर्व सर्व मङ्गला कला कदंब मञ्जरी रस प्रवाह माधुरी विजृंभणा मधुव्रतम् |
स्मरान्तकं पुरान्तकं भवान्तकं मखान्तकं गजान्त कान्ध कान्त कं तमन्त कान्त कं भजे ||
जयत् वदभ्र विभ्रम भ्रमद् भुजङ्ग मश्वस – द्विनिर्ग मत् क्रमस्फुरत् कराल भाल हव्यवाट् |
धिमिद्धिमिद्धिमिध्वनन्मृदङ्गतुङ्गमङ्गल ध्वनिक्रमप्रवर्तित प्रचण्डताण्डवः शिवः ||
स्पृषद्विचित्रतल्पयोर्भुजङ्गमौक्तिकस्रजोर्- – गरिष्ठरत्नलोष्ठयोः सुहृद्विपक्षपक्षयोः |
तृष्णारविन्दचक्षुषोः प्रजामहीमहेन्द्रयोः समप्रवृत्तिकः ( समं प्रवर्तयन्मनः) कदा सदाशिवं भजे ||
कदा निलिम्पनिर्झरीनिकुञ्जकोटरे वसन् विमुक्तदुर्मतिः सदा शिरः स्थमञ्जलिं वहन् |
विमुक्तलोललोचनो ललामभाललग्नकः शिवेति मंत्रमुच्चरन् कदा सुखी भवाम्यहम् ||
इदम् हि नित्यमेवमुक्तमुत्तमोत्तमं स्तवं पठन्स्मरन्ब्रुवन्नरो विशुद्धिमेतिसंततम् |
हरे गुरौ सुभक्तिमाशु याति नान्यथा गतिं विमोहनं हि देहिनां सुशङ्करस्य चिंतनम् ||
पूजा वसान समये दशवक्त्र गीतं यः शंभु पूजन परं पठति प्रदोषे |
तस्य स्थिरां रथगजेन्द्र तुरङ्ग युक्तां लक्ष्मीं सदैव सुमुखिं प्रददाति शंभुः ||
इति श्रीरावण- कृतम् शिव- ताण्डव- स्तोत्रम् सम्पूर्णम् shiv tandav

Anil Siwach

|| श्री हरि: || सांस्कृतिक कहानियां - 10 ।।श्री हरिः।। 16 - राजस त्याग दु:खमित्येव यत्कर्म कायक्लेशभयात्यजेत्। स कृत्वा राजसं त्यागं नैव त्यागफलं लभेत्।। (गीता 18।8)

read more
|| श्री हरि: || सांस्कृतिक कहानियां - 10

।।श्री हरिः।।
16 - राजस त्याग

दु:खमित्येव यत्कर्म कायक्लेशभयात्यजेत्।
स कृत्वा राजसं त्यागं नैव त्यागफलं लभेत्।।
(गीता 18।8)

पंडित जी बनारस वाले

हर हर महादेव 🙏🙏

read more
जटा टवी गलज्जल प्रवाह पावितस्थले, गलेऽवलम्ब्य लम्बितां भुजङ्ग तुङ्ग मालिकाम् |
डमड्डमड्डमड्डमन्निनाद वड्डमर्वयं, चकार चण्डताण्डवं तनोतु नः शिवः शिवम् ||१||🙏
जटा कटा हसंभ्रम भ्रमन्निलिम्प निर्झरी, विलो लवी चिवल्लरी विराजमान मूर्धनि |

धगद् धगद् धगज्ज्वलल् ललाट पट्ट पावके किशोर चन्द्र शेखरे रतिः प्रतिक्षणं मम ||२|| #NojotoQuote हर हर महादेव 🙏🙏

रितिक पंचौली

शिव है ,तो सब है #महाशिवरात्रि #महादेव #nojotohindi

read more
बिखरी जटा पे शशि विराजे 
शैष भुजंग भुजा पर साजे 
दो नयनों के बीच में लोचन
 करता सबके वह कष्ट मोचन
कंठ में विष ठहरा रहता है 
काल पर जिसका पहरा रहता है 
अश्रुओं से जिसके वृक्ष निर्मित हो 
सीमा भी जिसकि अ-सिमित हो
जटा के केंद्र से गंगा बहती हो 
आयु-वायु जिसमें रहती हो 
वही धरती का केंद्र बना है
वही देवों का देवेंद्र बना है 
भय जिससे डरकर रहता है 
जो भूतो के घर में रहता है 
सबके आराध्य वहीं है
मैरे महादेव वहीं है 
 #NojotoQuote शिव है ,तो सब है 
#महाशिवरात्रि #महादेव #nojotohindi

Parul Sharma

श्रवण मास #शिवरात्री की आप सभी को हार्दिक शुभकामनायें कंठ में हलाहल,जटा में गंगा शीश पर चंद्रमा मुस्कराता है। सर्पमालाधारी,त्रिशूल और डमरूधारी आज सजा हर शिवाला है। फल,फूल,वेलपत्र,भांग,धतूरा आज मेरे शिव पर चढ़ने वाला है। #भगवान #ईश्वर #रब #त्योहार #साथ #प्रभु #परमेश्वर #दाता #परमात्मा #पर्व

read more
कंठ में हलाहल,जटा में गंगा 
शीश पर चंद्रमा मुस्कराता है।
सर्पमालाधारी,त्रिशूल और डमरूधारी
आज सजा हर शिवाला है।
फल,फूल,वेलपत्र,भांग,धतूरा
आज मेरे शिव पर चढ़ने वाला है।
झूमों,नाचो,गाओ खुशियाँ मनाओ
शुभकामनाओं के साथ मंगल गाओ।
महा शिवरात्री का पर्व आया है ।
पारुल शर्मा श्रवण मास #शिवरात्री की आप सभी को हार्दिक शुभकामनायें 

कंठ में हलाहल,जटा में गंगा 
शीश पर चंद्रमा मुस्कराता है।
सर्पमालाधारी,त्रिशूल और डमरूधारी
आज सजा हर शिवाला है।
फल,फूल,वेलपत्र,भांग,धतूरा
आज मेरे शिव पर चढ़ने वाला है।


About Nojoto   |   Team Nojoto   |   Contact Us
Creator Monetization   |   Creator Academy   |  Get Famous & Awards   |   Leaderboard
Terms & Conditions  |  Privacy Policy   |  Purchase & Payment Policy   |  Guidelines   |  DMCA Policy   |  Directory   |  Bug Bounty Program
© NJT Network Private Limited

Follow us on social media:

For Best Experience, Download Nojoto

Home
Explore
Events
Notification
Profile