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Shubham Bhardwaj
पाना और खोना, रस्मोरिवाज है। जो है नही हाथ,उसका क्या विश्वास है।। ©Shubham Bhardwaj #पाना#पानाऔरखोना #रस्मों #रिवाज़ #ह
OMG INDIA WORLD
✍*"#मोहब्बत की *"ये सारी #रस्मों *"को तोड दूं *"तू #दिल मे रख ले *"तो मैं ये #जमाना *"छोड दूं....📖❤ ©OMG INDIA WORLD #OMGINDIAWORLD ✍*"#मोहब्बत की *"ये सारी #रस्मों *"को तोड दूं *"तू #दिल मे रख ले *"तो मैं ये #जमाना *"छोड दूं....📖❤
OMG INDIA WORLD
एक तस्वीर है मेरे पास जो बिन पुछे मेरा नाम और पता, रस्मों को रख के परे... चार कदम बस चार कदम, चल दो ना साथ मेरे... बिन कुछ कहे, बिन कुछ सुने, हाथों में हाथ लिए. ©OMG INDIA WORLD बिन पुछे मेरा नाम और पता, #रस्मों को रख के परे... चार कदम बस चार कदम, चल दो ना साथ मेरे... बिन कुछ कहे, बिन कुछ सुने, हाथों में हाथ लिए. #OMGINDIAWORLD
fouji "Hindustani"
ये पल दो पल की #बातें, वो #सदियों का बंधन वो मांग का #सिंदूर, वो हाथ के #कंगन किसी और की #मोहब्बत, किसी और का #आंगन कुछ #किस्मत का खेल, कुछ #रस्मों के बंधन...♥️ सरकार
hemant chhipa
तुम निभाओ आकर कोई रस्म नई मैंने दुनिया के रिवाज तोड़ दिए है #रस्मों रिवाज
RavindraSingh Shahoo
रस्मों रिवाज़ की बेड़ियाँ दिखावे की सस्कृति हौले-हौले ज्यों-ज्यों पनपती जा रही रस्मों रिवाज़ की शक्ल लिए समाज की बेड़ियाँ बनती जा रही प्रगति में बाधा बनकर जो फिजूल मुश्किलें बढ़ा रही चकाचौंध और ताम झाम में नाहक संपत्ति लुटा रही कर्ज के बोझ में डूब रही पर फर्ज समझ ये निभा रही रस्मों रिवाज़ के बोझ तले अहसास भी दब से जाते हैं लोग हैं की जोर शोर से फिर भी इन्हें निभाते हैं कैसा होगा समाधान जब समाज ही पूरा सारा इस व्याधि से ग्रसित है ऐसा ही यदि हाल रहा तो फिर बर्बादी निश्चित है! द्वारा:-RNS. #रस्मों रिवाज़ की बेड़ियाँ!🤔
Srmili💘
*#मिली हैं #रूहें तो, #रस्मों की #बंदिशें क्या हैं,,,,,,!* *#यह ,,#जिस्म तो #ख़ाक हो जाना है फिर #रंजिशें क्या हैं,*,,,!! * #छोटी सी है #ज़िन्दगी, फिर #तकरारें_ऐ_दिल किस लिए,*,,,!!! *#रहो,,हर दम एक दूसरे के #दिलों में यह #दीवारें_ऐ_मंजिल किस लिए,,,,,,*!!! *#खुशी के #फूल उन्हीं के #दिलों में खिलते हैं,*,,,!!!! *#जो यकीनन्,,,#आदमी की तरह #आदमी से मिलते हैं,*,,,,!#राज!!!!
Srmili💘
*#मिली हैं #रूहें तो, #रस्मों की #बंदिशें क्या हैं,,,,,,!* *#यह ,,#जिस्म तो #ख़ाक हो जाना है फिर #रंजिशें क्या हैं,*,,,!! * #छोटी सी है #ज़िन्दगी, फिर #तकरारें_ऐ_दिल किस लिए,*,,,!!! *#रहो,,हर दम एक दूसरे के #दिलों में यह #दीवारें_ऐ_मंजिल किस लिए,,,,,,*!!! *#खुशी के #फूल उन्हीं के #दिलों में खिलते हैं,*,,,!! *#जो यकीनन्,,,#आदमी की तरह #आदमी से मिलते हैं,*,,,,!!!!!#राज
Traveling poet 🎠
जिसे तू बचपना कहता है वो मेरा प्यार था हाँ रस्मों से अलग था पर मेरा संसार था जिसे तू बचपना कहता है वो मेरा प्यार था थोड़ा रस्मों से अलग था थोड़ा रिवाजों से पालना था उसे, पाला नाज़ों से तेरे लिए माना सब कुछ छलावा था पर मैंने दिल से सोचा था मैं आज़ाद था दिमागों से तूने छोड़ा जोड़ा जिस जिस से वो तेरा हथियार था जिसे तू बचपना कहता है वो मेरा प्यार था #NojotoQuote #दोटूक