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Insprational Qoute
आज है sunday यानि chit chat डे **************************** हर दिन की तरह आज भी एक बेहतरीन दिन की शुरुआत हुई, सुबह सुबह आँखे खोली तो नजरें मोबाइल पर गई, Profound writer की तरफ से एक नयाब और अजीज तोहफे की प्राप्ति हुई, पल भर में मानो मेरी झोली खुशियों से भर गई, सच आपका अनमोल तोहफा पाकर मैं निहाल हो गई, मैं ईश्वर से कामना करूँगी कि Profound writer प्लेटफार्म अटल बुलंदियों को छू जाये, पहचान एक लेखक/लेखिका की प्रतिभाशक्ति उनकी कलम को नया नाम दे, और वो सभी मिलकर Profound writer का नाम रोशन कर जाए, हे! ईश्वर वो वक़्त बहुत जल्दी ही बेहतरीन उपलब्धियों के साथ आये, हर किसी की जुबान पर Profound writer की कुशलता का नाम छा जाए, इस परिवार के सदस्यों की कड़ी दिन ब दिन बढ़ जाये, हम सब मिलकर Profound writer फैमिली की दिन दोगुनी रात चौगुनी की दुआ कर जाए, चलिये आज इतवार के दिन रेस्ट day और chat day मनाये, हर किसी को दोस्ती के साये में बांध जाये, कुछ चटपटी बातो से सबको आज हम सब का दिल खुश कर जाए, किसी का धैर्य और साहस मिलकर सब बढ़ाये, कोई न ख़फ़ा हो एक दुजे से तो मिलकर Profound writer के फैमिली का हिस्सा बन chat day पर खुशियां मनाएं। मन तो चाहता लेखनी की तूलिका को रोकूँ ही ना पर अभी विराम देती हूँ, बाकि अगले sunday के लिए भी तो कुछ बचाये, चलिये आज हम चैट day मनाये। #profoundwriters #poetry #प्लेटफार्म #शायरी
DR. LAVKESH GANDHI
प्लेटफॉर्म खुले आसमान के नीचे प्लेटफार्म जहांँ मैं सोता हूंँ जहांँ नित्य लोग आते हैं और फिर चले जाते हैं यहांँ के लोग हैं अजनबी साथ तो रहते हैं मगर हैं एक दूसरे से अनजान इसे ही कहते हैं प्लेटफार्म #प्लेटफार्म # #yqbaba #yqdidi #yqquotes
Aarti yadav
सालों बाद वापिस आज मैं फिर उसी खिड़की पर खड़ी थी यादों का बोझ लिए वक्त बहुत बीत गया था और याद भी बहुत बढ़ गई थी गली में से साइकिल से निकालना घंटी बजाते हुए और मेरी धड़कनों का तेज हो जाना एकाएक सब कुछ बहुत याद आ रहा था वह आखरी मुलाकात भी !!! ऑटो में बैठी हुई मैं और मेरा दिल दोनों समझ के बाहर थे दिल धड़क रहा था उसकी स्पीड ऑटो से भी तेज थी बस सोच रहा ऑटो से कूदकर खुद ही भाग ले स्टेशन पर पहुंचते ही होरन सुनाई दिया मै भागते हुए सीधा प्लेटफार्म पर पहुंची ट्रेन को सिग्नल मिल चुका था जिंदगी में एकदम फिल्मी माहौल बना हुआ था मेरी नजरें ट्रेन में बस एक ही शख्स को ढूंढ रही थी पर उस शख्स को छोड़कर हर चीज मुझे दिखाई दे रही थी एकाएक भागते हुए मैं प्लेटफार्म पर किसी से टकराई और वह वही शख्स था जिसे मैं ढूंढ रही थी... Aakhri mullakat
गौरव गोरखपुरी
गुजर रहे थे जब तेरे शहर से काम लेना तो था मुझे सब्र से मगर ट्रेन प्लेटफार्म पर जब आ के रुकी आंखे पागलों की तरह तूझे ढूंढने लगी और फिर जब ट्रेन स्टेशन छोड़ के जाने लगी ऐसा लगा कि तू मुझे छोड़ के जा रही है और बड़ी जोर से तेरी याद आने लगी बाहर आने को आतुर थी , दिल की धड़कन ,धड़क धड़क कर मगर बेचारी रह गई , सीने के अंदर तड़प तड़प कर सांसे चल रही थी ऐसी , जैसे कि कह रही हो कि ट्रेन से उतर जाओ , वो यहीं कहीं तो होगी जैसे ही मै हाथ बढ़ाऊंगा ,तुम मेरे साथ चल दोगी हाल रूह का ऐसा था, जैसे इलाज से मिलने आया रोगी तभी गले लग कर रोते देखा , मैंने एक जोड़े को प्लेटफार्म पर हाथ छुड़ा कर जाते देखा ,लड़की को मैंने प्लेटफॉर्म पर फिर हां ना की खींच तान में , ट्रेन काफी आगे निकल गई चलो , अच्छा ही हुआ ,जो उतरे नहीं थे हम ट्रेन से कैसे कैसे खुद को सम्हाला था तुम्हारे जाने के बाद फिर हो जाते हम पहले से - बेचैन से फिर वादा खुद से कर आए हम ,गुजरते हुए तेरे शहर से कि जोड़ेंगे खुद से ,याद किसी और की, क्योंकि जहर को काटते हैं जहर से #MeraShehar 10 गुजर रहे थे जब तेरे शहर से काम लेना तो था मुझे सब्र से मगर ट्रेन प्लेटफार्म पर जब आ के रुकी आंखे पागलों की तरह तूझे ढूंढने लगी
VeeRaG WriTeS
गर साथ हो #हुनर और #मेहनत का .. तो #प्लेटफार्म🚉 भी #प्लेटफार्म बन जाता है ! #Ranu_mandal #upcoming_star #social_media
गौरव गोरखपुरी
#OpenPoetry तेरा शहर गुजर रहे थे जब तेरे शहर से , काम लेना तो था मुझे सब्र से । मगर ट्रेन प्लेटफार्म पर जब आ के रुकी , आंखे पागलों की तरह तूझे ढूंढने लगी । और फिर जब ट्रेन स्टेशन छोड़ के जाने लगी , ऐसा लगा कि तू मुझे छोड़ के जा रही है.. और बड़ी जोर से तेरी याद आने लगी । बाहर आने को आतुर थी , दिल की धड़कन ,धड़क धड़क कर । मगर बेचारी रह गई , सीने के अंदर तड़प तड़प कर । सांसे चल रही थी ऐसी , जैसे कि कह रही हो - कि ट्रेन से उतर जाओ गौरव , वो यहीं कहीं तो होगी । जैसे ही मै हाथ बढ़ाऊंगा , तुम मेरे साथ चल दोगी । हाल रूह का ऐसा था - जैसे इलाज से मिलने आया रोगी । तभी गले लग कर रोते देखा , मैंने एक जोड़े को प्लेटफार्म पर । हाथ छुड़ा कर जाते देखा ,लड़की को मैंने प्लेटफॉर्म पर । फिर हां ना की खींच तान में , ट्रेन काफी आगे निकल गई । मगर तू तो इस शहर में नहीं, कैसे ये बात मेरे जहन से निकल गई । चलो , अच्छा ही हुआ ,जो उतरे नहीं थे हम ट्रेन से । कैसे कैसे खुद को सम्हाला था , तुम्हारे जाने के बाद , फिर हो जाते हम पहले से - बेचैन से । फिर वादा खुद से कर आए हम ,गुजरते हुए तेरे शहर से । कि जोड़ेंगे खुद से ,याद किसी और की, क्योंकि जहर को काटते हैं जहर से ।। #OpenPoetry तेरा शहर गुजर रहे थे जब तेरे शहर से काम लेना तो था मुझे सब्र से मगर ट्रेन प्लेटफार्म पर जब आ के रुकी आंखे पागलों की तरह तूझे ढूंढने लगी और फिर जब ट्रेन स्टेशन छोड़ के जाने लगी
M Shubham
#DearZindagi ट्रेन की तरह गुजर तो हर कोई सकता है , प्लेटफार्म की तरह इंतजार में पड़े रहना इश्क़ है #ट्रेन की #तरह #गुजर तो हर #कोई सकता है , #प्लेटफार्म की तरह #इंतजार में पड़े रहना #इश्क़ है #nojoto #nojotohindi #shayari #stories #quotes #love #lines #wait #forever #train #platform #life #decision #crush #onesided #sad #emotional #feelings #real #true
Shubh_writes
" सुना प्लेटफार्म" ह्रदय की मर्मस्पर्शी आहट सुन लिखी इन पँक्तियों आप चाहें तो 'नज्म' कह सकते है सुकून की तलाश हर इंसान को हे किसी को समन्दर की लहरों से किसी को बहती हवाओ के झरोखों से तो किसी को सुने प्लेटफार्म से दरअसल जब इंसान अपनी मंजिल की तलाश में आगे बढ़ने लगते है तो कही न कही उस तक पहुँचने और नही पहुँच पाने के बीच के पल को ' सुकून' समझ लेता है कुछ इसी तरह का सुकून मिलता है इस सुने प्लेटफार्म पर ...... बड़ा सुकून मिलता है घर से दुर इस प्लेटफार्म पर बैठ सैकड़ो अनजान यात्रियों को आते देख, कोई घर से दूर जाने के गम में खिड़की से ताकता है, तो कोई कोई घर लौटने की खुशी में डिब्बे के दरवाजो पर लटकता है ऐसा लगता मानो हर कोई अपने मन में किसी कहानी को लिए चल रहा है, या जैसे कोई नई कहानी बुनने जा रहा है या वो कहानी जो वो खुद जीना चाहता है या वो कहानी जो अभी -अभी जी कर आ रहा है वजह कुछ भी ,कहानी कुछ भी हो लेकिन हर इंसान में आपको एक कहानी नजर आती है बशर्ते आपका नज़रिया जिजीविषा लिए हो शायद यही मुझे हर इंसा में एक नई कहानी नजर आती है और गाड़ी के साथ ही वहा से गुजर जाती है और एक नई कहानी की तलाश में बैठा रह जाता है ये 'सुना प्लेटफार्म' .......✒Shubh_writes✒...... सुना प्लेटफार्म
Shreya Tripathi
वो ट्रेन वाली मुलाकत वो हल्की हल्की सी बात एक दूसरे को ढूंढना और वो आंखमिचोली वाली अदा वो किसी एक के प्लेटफार्म पर उतरने पर अजीब सी बेचैनी जैसे कोई राज सिमरन से जुदा हो रहा ....... वो छुप छुप के देखना इश्क़ की नजाकत कहु या सिर्फ इत्तेफाक कोई न कोई लव स्टोरी बन के खत्म हो रही है इस प्लेटफार्म से उस प्लेटफ़ॉर्म तक.... #NojotoQuote #safar.. #notojo #dilse #poetry #ek mulakat
Dr.Shiv Mishra