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Abhay Balrampuri

#Shayari

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साबन की पहली बारिश में बुला नही मैं तुमको पायी।
सर्दी की प्यारी रातो में भुला नही मैं तुमको पायी।

तस्वीरों को जब जब देंखूं सिसक सिसक कर रोती हूँ।
अपनी प्यारी तकिये से लिपट लिपट कर सोती हूँ।
तस्वीरों को तकिए के नीचे रखना ना मुझको भाया
सिर आता था उनके ऊपर इसीलिए नही रख पायी।

साबन की पहली बारिश में बुला नही मैं तुमको पायी।
सर्दी की प्यारी रातो में भुला नही मैं तुमको पायी।

तस्वीरों को जब जब देंखूं मुझे बहुत भाते हो।
कैसे कहूँ मेरी जाना याद बहुत तुम आते हो।
तुम्हारे गीत सुने थे हमने अपने विस्तर पर लेटे लेटे।
आहे भरी थी हमने अपने विस्तर पर सोते सोते।

भीगी थी बारिश में उस पल पर प्यार जता ना मैं पायी
साबन की पहली बारिश में बुला नही मैं तुमको पायी।
सर्दी की प्यारी रातो में भुला नही मैं तुमको पायी।
®अभय बलरामपुरी

Rukhsana Ruby

खुद की आँखो में जब नमीं पायी तुममें डूबे तो जिंदगी पायी #Shayari #nojotophoto

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 खुद की आँखो में जब नमीं पायी
तुममें  डूबे तो जिंदगी पायी

Suraj Dubey

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तीजा स्पेशल 

सभी कुंवारे भाईयो को समर्पित...
दुबे जी के तीजा उराव 

कहिन दुबे तीजा माही, 
अब हमहु पांच उपासी।
गोर नार अउ फक्क मेहेरिया,
जउने पायी खासी।
आजु काल्हि ता कलजुग माही,
 अइसन दुलही अउती हइ।
काम चिन्त मा मन ना लागय,
ऊपर से डेरबउती हइ।
खाये परत है भूजा- कतरा,
कइयक दिन के बासी।
गोर नार अउ फक्क मेहेरिया,
जउने पायी खासी।
पान खाई का एक ना बरजइ,
मुँह ना रोज खोलाबय।
चार जाने के सउहे पुन उवा,
एक्कउ ना गरियाबय।
काज के पहिले करा मनौती,
सुन्दर मिलै मेहेरिया।
बाप-दादा के तोरा जानय,
पोते रहै डेहेरिया।
हितुआ भाइन का पुन मानय,
बोलय सिम्पल भाषी।
गोर नार अउ फक्क मेहेरिया,
जउने पायी खासी।

    राईटर- सूरज दुबे   (बघेली हास्य कलाकार)

शाह आलम रौनक़

उसने खत मेरा

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उसने खत मेरा जला तो दिया मगर अफसोस
उसके दिल से मेरी तहरीर नही हट पायी

मेने आंखों में सजा रक्खे हैं सब ख्वाब तेरे
सामने से तेरी तस्वीर नही हट पायी

---शाह आलम रौनक़ उसने खत मेरा

G Misha

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एहसास था मुझे पहले से इस वक्त के आने का 
चली मैं उस राह 
जहां लिखा जा चुका था जिन्दगी भर रोने का 
ये सोच कर आयी थी तेरी जिन्दगी में 
कि बदल दुंगी दुनिया तेरी 
पर जिन्दगी भर अफसोस रहेगा तुझे ना बदल पाने का 
भरोसा कर के भी न कर पायी भरोसा 
प्यार करके भी  न निभा पायी ये रिश्ता 
अब तो सिर्फ दुआ ही कर सकती हूं 
बदल जाये तू कर दे ऐसा काम कोइ फरिश्ता 
क्योंकि  तूझे इस तरह देख पाने की औकात कहां इन आॅखों
का

Amit chauhan

सिगरेट की क़िस्मत....🚬🚬 #Shayari

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सिगरेट ने भी क्या क़िस्मत पायी है
सुना है महबूब ने उसे होंठो से लगाई है

हम तो तड़पते हैं ऐसी क़िस्मत के लिए
 कम्बख़्त ने बिना चाहे ऐसी क़िस्मत पायी है सिगरेट की क़िस्मत....🚬🚬

sanjay khanna

#tereliye बेवफाई

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मैंने तेरे लिए रुसवा किया जमाने को,पर तु मेरी ना बन पायी, क्या हुआ ऐसा कि तु वफ़ा ना कर पायी. #tereliye बेवफाई

Jiten rawat

यूँ ही नहीं मिली आज़ादी हम को बड़ी लम्बी इसकी कहानी है, भारत माँ ने अपने आंचल में सपूतों के रक्त को संभाली है। आज़ादी के खातिर वीरों ने लम्बी लड़ी लड़ाई थी, भारत माँ के लाखों वीरों ने अपने प्राणों की देदी कुर्वानी थी। तब...15 अगस्त (1947) के मध्यरात्री आज़ादी पायी थी। #कविता #nojotopoetry #NojotoWriter #nojotopoem #स्वतंत्रतादिवस #JitenRawat #हार्दिकबधाई

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यूँ ही नहीं मिली आज़ादी
(Read in Caption) यूँ ही नहीं मिली आज़ादी हम को बड़ी लम्बी इसकी कहानी है,
भारत  माँ ने  अपने आंचल में  सपूतों के रक्त को संभाली है।

आज़ादी   के  खातिर   वीरों  ने   लम्बी   लड़ी  लड़ाई   थी,
भारत माँ के लाखों वीरों ने अपने प्राणों की देदी कुर्वानी थी।

तब...15 अगस्त (1947) के मध्यरात्री आज़ादी पायी थी।

NISHI

🕉nojoto #OpenPoetry

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बहूत कमियां है मूझमे अभी,,
लोगो को पढ पाना,अभी सीख नही पायी हूं,
लोग दिल मे धोखा लिये,होठो से मीठी बाते करते है, 
ये कलाबाज़ी अबतक सीख न पायी हूं, 🕉#nojoto #openpoetry

Ankush Kumar

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सब कहते हैं अहिंसा की राह पे चलकर हमने आज़ादी पाई थी
तो क्या सरदार भगत सिंह ने अपनी जान यूँ ही गवाई थी।

सब कहते है खादी के कपड़ो से हमने आजादी पायी थी।
को क्या झाँसी की रानी लक्ष्मीबाई न यूँ ही तलवार उठाई थी।

सब कहते है दांडी मार्च से हमने आजादी पायी थी
तो क्या नेता जी सुभाष चंद्र बोस की खुद की लड़ाई थी।

सब कहते हैं सत्यग्रह से हमने आजादी पायी थी
तो क्या चन्द्रशेखर आजाद ने अपनी जान दाव पे युँही लगाई थी।

“मेरे देश के वीरो ने अपना खुन बहाया है
तब जा कर मेरे देश ने आजादी का मुकाम पाया है। "
                                     
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