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Best निर्माता Shayari, Status, Quotes, Stories

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Mukesh Poonia

#boatclub आप ही अपने #भाग्य के #निर्माता है किसी को #दोष न दें, #स्वयं को बदलें #विचार

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TARUN KUMAR VIMAL

#safar #हम #कल के #निर्माता है, लेकिन वो #आज पर #निर्भर करता है #tarunkumarvimal #tarun_kumar_vimal

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DEEPAK KRANTI

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Manish Unique Jaiswal

#mymentor

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My mentor अगर  आसमान में
सबसे बड़ा निर्माता 
वो ऊपरवाला  है ।।
तो   जमीन पर
गुरु से बड़ा निर्माता 
कोई हो भी  नही  
हो सकता ।।। #mymentor

Sonu Sohanlal

जय भीम दोस्तो

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सुन सांविधान के निर्माता  बतलाऊ तेरी खबर जमाने को 
ना जाने कितने दुःख सहे होंगे हमें आजाद कराने को 
दर दर ठोकर खाते थे हम मनुवाद से डरते थे
 दिन का पता ना रात की खबर हम उनकी गुलामी करते थे उनका पानी भरते थे एक टाइम की रोटी खाने को
 ना जाने कितने दुख सहे होंगे हमें आजाद कराने को 
 सुन संविधान के निर्माता बतलाऊं तेरी खबर जमाने को 
 ना जाने कितने दुख से होंगे हमें आजाद कराने को   
                जय भीम।    जय भारत। जय भीम दोस्तो

कवि मुकेश मोदी

*स्वयं का भाग्य निर्माता*

कर्म कलम से जो खींचता
स्वयं अपने भाग्य की रेखा

भाग्यशाली वही है जिसने
सबको रूहानी दृष्टि से देखा

अपनी कर्मेन्द्रियों पर जिसने
रख लिया हो पूरा नियन्त्रण

वही कर पाता है दुनिया में
अपने श्रेष्ठ चरित्र का चित्रण

लगाकर अपनी सारी शक्ति
जो खुद को पूरा बदलता

उसके लिए ही जीवन में
भाग्य का सूरज निकलता

मन वाणी और कर्मों पर
जो रखता है पूरा संयम

वही रख पाता है जग में
दैवी मर्यादाओं को कायम

उसके पुरुषार्थ के पथ पर
कोई विघ्न नहीं रुक पाता

स्वयं को वही बनाता है
अपने भाग्य का निर्माता

*ॐ शांति*

रजनीश "स्वच्छंद"

मैं भष्मासुर।। मैं मानव हूँ मैं श्रेष्ठ रहा, मैं बुद्धि-बल से ज्येष्ठ रहा। मेरी विजय का बजता डंका, हस्तिनापुर हो या हो लंका। मुझमे विवेक विशेष रहा, जग अविवेकी शेष रहा। #Poetry #Quotes #Nature #Human #kavita

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मैं भष्मासुर।।

मैं मानव हूँ मैं श्रेष्ठ रहा,
मैं बुद्धि-बल से ज्येष्ठ रहा।
मेरी विजय का बजता डंका,
हस्तिनापुर हो या हो लंका।
मुझमे विवेक विशेष रहा,
जग अविवेकी शेष रहा।
इस युग का मैं निर्माता हूँ,
नीति-नियंता विधाता हूँ।
धरा नदी ये पर्वत सारे,
मेरे विवेक के आगे हारे।
पाषाण में तप था बहुत किया,
मनचाहा वर सृष्टि ने दिया।
पल में मैं सागर लांघ रहा,
मुर्गा अभी भी देता बांग रहा।
वो सदियों से वहीं पे बैठा रहा,
मानो जड़ता ही उसमे पैठा रहा।
हमने विकास का मंत्र लिया,
हर काम हवाले यंत्र किया।
अब मौत भी मुझसे हारी है,
मेरी बुद्धि ही सबपे भारी है।
मैं ब्रह्मा विष्णु महेश हुआ,
जग बाकी सब दरवेश हुआ।

जो आज मैं अंदर झांक रहा,
कितना सच है जो हांक रहा।
मैंने जो तप था बड़ा किया,
वर ले सृष्टि को खड़ा किया।
अमरत्व का वर था मांगा मैने,
था सृष्टि नियम भी लांघा मैंने।
जो मांगा मुझको मिलता रहा,
मेरे बल से जग ये हिलता रहा।
सृष्टि से वर ले दम्भ हुआ,
एक खोट प्रकट अविलम्ब हुआ।
जो हुआ मैं निर्माता सृष्टि का,
बदला था सार मेरी दृष्टि का।
ले वर करने मैँ अंत चला,
हत्या उसकी जो अनन्त चला।
प्रकृति भी जब मुझसे हारी,
बोली कि अब मेरी बारी।
बन मोहिनी भौतिकता छाई थी,
अभिशाप छुपा संग लायी थी।
मैं कामातुर मोहित उस पर,
एक नृत्य हुआ उस उत्सव पर।
निज हाथों में भष्म का वर मेरा,
नृत्य ऐसा था कर-नीचे सर मेरा।
फिर वही कहानी गढ़ी गयी,
एक छद्म लड़ाई लड़ी गयी।
था भष्मासुर अवतरित हुआ,
बलशाली पर भंगुर त्वरित हुआ।
मैं मनुज नहीं मैं भष्मासुर,
अपनी हत्या को ही आतुर।
वृत्ताकार समय जो चलता है,
हर युग भष्मासुर मरता है।

©रजनीश "स्वछंद" मैं भष्मासुर।।

मैं मानव हूँ मैं श्रेष्ठ रहा,
मैं बुद्धि-बल से ज्येष्ठ रहा।
मेरी विजय का बजता डंका,
हस्तिनापुर हो या हो लंका।
मुझमे विवेक विशेष रहा,
जग अविवेकी शेष रहा।

Mahendra Sharma

सच्चाई #__वेंग्य

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कडवी सच्चाई

#__वेंग्य

जो लड़किया कम कपड़े पहनती है, उनके लिये एक पिता की
ओर से समर्पित :-
एक लड़की- को उसके पिता ने iphone गिफ्ट किया..
दूसरे दिन पिता ने लड़की से पुछा, बेटी iphone मिलने के
बाद सबसे पहले तुमने क्या किया?
लड़की :- मैंने स्क्रेच गार्ड और कवर का आर्डर दिया...
पिता :- तुम्हें ऐसा करने के लिये किसी ने बाध्य किया
क्या?
लड़की :- नहीं किसी ने नहीं।
पिता :- तुम्हें ऐसा नही लगता कि तुमने iPhone निर्माता
की बेइज्जती की हैं?
बेटी :- नहीं बल्कि निर्माता ने स्वयं कवर व स्क्रेच गार्ड
लगाने के लिये सलाह दी है...
पिता :- अच्छा तब तो iphone खुद ही दिखने मे खराब
दिखता होगा, तभी तुमने उसके लिये कवर मंगवाया है?
लड़की :- नहीं, बल्कि वो खराब ना हो इसीलिये कवर
मंगवाया है..
पिता :- कवर लगाने से उसकी सुन्दरता में कमी आई क्या?
लड़की :- नहीं, इसके विपरीत कवर लगाने के बाद iPhone
ज्यादा सुन्दर दिखता है..
पिता ने बेटी की ओर स्नेह से देखते कहा....
बेटी iPhone से भी ज्यादा कीमती और सुन्दर तुम्हारा
शरीर है और इस घर की और हमारी इज्जत हो तुम,
उसके अंगों को कपड़ों से कवर करने पर उसकी सुन्दरता और
निखरेगी...
बेटी के पास पिता की इस बात का कोई जवाब नहीं था
सिर्फ आँखों में आँसूओं के अलावा ।
लड़कियों से नम्र निवेदन-भारतीय संस्कृति, संस्कार ओर
अस्मिता को बनाए रखे...
इस पोस्ट पर गाली देने भी आएंगे कुछ लोग और कुछ मुझे
अच्छा भी ठहराएंगे.....अच्छा लगे तो शेयर जरूर करे....

   Raj Hatkar सच्चाई

Shiwalika_SSS

 "निर्माता का निर्माण"
#श्रीगणेश #निर्माता #निर्माण #ganeshadays #homemadeganpati #ecofriendlyganpati #nozoto #NozotoHindi #hindi #nozotonews #nozotophotography #nozotophotos

Anil Siwach

|| श्री हरि: || 8 - निर्माता 'कनूँ ! क्या कर रहा है तू?' भद्र ने पूछा समीप आकर। उसे कुछ आहट लगी थी गोष्ठ में और यह देखने आ गया था कि यहाँ कौन क्या कर रहा है। गायें, वृषभ, बछड़े-बछडियाँ सब अभी-अभी चरने को गयी हैं। कोई सेवक या सेविका अभी गोष्ठ स्वच्छ करने आयी नहीं है। केवल सद्य:प्रसूता गाये हैं अपने बच्चों के साथ और वे गोष्ठ के एक भाग में हैं। गोमय, गोमूत्र, गायों के खा लेने से बची घास जो उनके खुरों से कुचली है, पूरे गोष्ठ में फैली है। गोष्ठ इस समय अस्वच्छ है। ऐसे समय गोष्ठ में कन्हाई चुपचाप घु #Books

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|| श्री हरि: || 
8 - निर्माता

'कनूँ ! क्या कर रहा है तू?' भद्र ने पूछा समीप आकर। उसे कुछ आहट लगी थी गोष्ठ में और यह देखने आ गया था कि यहाँ कौन क्या कर रहा है।

गायें, वृषभ, बछड़े-बछडियाँ सब अभी-अभी चरने को गयी हैं। कोई सेवक या सेविका अभी गोष्ठ स्वच्छ करने आयी नहीं है। केवल सद्य:प्रसूता गाये हैं अपने बच्चों के साथ और वे गोष्ठ के एक भाग में हैं। गोमय, गोमूत्र, गायों के खा लेने से बची घास जो उनके खुरों से कुचली है, पूरे गोष्ठ में फैली है। गोष्ठ इस समय अस्वच्छ है।

ऐसे समय गोष्ठ में कन्हाई चुपचाप घु
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