Nojoto: Largest Storytelling Platform

Best थाल Shayari, Status, Quotes, Stories

Find the Best थाल Shayari, Status, Quotes from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about ठुकराया थाल पिया जी, ठुकराया थाल पिया, थाल सजाकर, कविता थाल सजाकर किसे पूजने,

  • 4 Followers
  • 34 Stories
    PopularLatestVideo

Adbhut Alfaz

आज तुझ पर,  निसार करने को.!!
अश्क मोती हुए हैं,  थाल अंखियां.!! #अश्क #मोती #थाल#अंखियां

Anil Siwach

|| श्री हरि: || सांस्कृतिक कहानियां - 9 || श्री हरि: || 13 - ज्ञानी आत्मारामाश्च मुनयो निर्ग्रन्था अप्युरुक्रमे।। कुर्वन्त्यहैतुकीं भविंत इत्थम्भूतगुणो हरि:।।

read more
|| श्री हरि: || सांस्कृतिक कहानियां - 9

|| श्री हरि: ||
13 - ज्ञानी

आत्मारामाश्च मुनयो निर्ग्रन्था अप्युरुक्रमे।।
कुर्वन्त्यहैतुकीं भविंत इत्थम्भूतगुणो हरि:।।

Yogiii bro

read more
स्वागत निमंत्रण !
थाल पूजा का लेकर चले आईये,
मंदिरों की बनावट सा घर है मेरा !
आरती बन के गूँजो दिशाओं में तुम,
और पावन सा कर दो शहर ये मेरा !
दिल की धड़कन के स्वर जब तुम्हारे हुए,
बाँसुरी को चुराने से क्या फायदा !
बिन बुलाए ही हम पास बैठे यहाँ,
फिर ये पायल बजाने से क्या फायदा !
डगमगाते डगों से ना नापो डगर,
देखिये बहुत नाज़ुक जिगर है मेरा ! थाल पूजा का लेकर........
झील सा मेरा मन एक हलचल भरी, 
नाव जीवन की उसमें बहा दीजिए !
घर के गमलों में जो नागफनियाँ लगी, 
फैंकिये रातरानी सजा दीजिये !
जुगनुओं अब दिखा दो मुझे रास्ता,
रात काली है लम्बा सफ़र है मेरा ! थाल पूजा का लेकर.........
जो भी कहना है कह दीजिये बेहिचक,
उँगलियों से ना यूँ उँगलियाँ मोड़िये !
तुम हो कोमल सुकोमल तुम्हारा हृदय,
पत्थरों को ना यूँ काँच से तोडिये !
कल थे हम तुम जो अब हमसफ़र बन गए,
आइये आइये घर इधर है मेरा ! थाल पूजा का लेकर......... #NojotoQuote

Anil Siwach

|| श्री हरि: || 13 - ज्ञानी आत्मारामाश्च मुनयो निर्ग्रन्था अप्युरुक्रमे।। कुर्वन्त्यहैतुकीं भविंत इत्थम्भूतगुणो हरि:।। 'तुम काश्मीर से स्वास्थ्य सुधार आये?' श्रीस्वामीजी ने समीप बैठे एक हृष्ट-पुष्ट संम्भ्रान्त नवयुवक से पूछा। 'जी, अभी परसों ही घर लौटा हूँ। लगभग छ: महीने लग गये वहाँ। बड़ा रमणीक प्रदेश है।' युवक संभवत: बहुत कुछ कहना चाहता था। #Books

read more
|| श्री हरि: ||
13 - ज्ञानी

आत्मारामाश्च मुनयो निर्ग्रन्था अप्युरुक्रमे।।
कुर्वन्त्यहैतुकीं भविंत इत्थम्भूतगुणो हरि:।।

'तुम काश्मीर से स्वास्थ्य सुधार आये?' श्रीस्वामीजी ने समीप बैठे एक हृष्ट-पुष्ट संम्भ्रान्त नवयुवक से पूछा।
'जी, अभी परसों ही घर लौटा हूँ। लगभग छ: महीने लग गये वहाँ। बड़ा रमणीक प्रदेश है।' युवक संभवत: बहुत कुछ कहना चाहता था।


About Nojoto   |   Team Nojoto   |   Contact Us
Creator Monetization   |   Creator Academy   |  Get Famous & Awards   |   Leaderboard
Terms & Conditions  |  Privacy Policy   |  Purchase & Payment Policy   |  Guidelines   |  DMCA Policy   |  Directory   |  Bug Bounty Program
© NJT Network Private Limited

Follow us on social media:

For Best Experience, Download Nojoto

Home
Explore
Events
Notification
Profile