Find the Best मिश्रा Shayari, Status, Quotes from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos aboutनृपेंद्र मिश्रा कौन है, गौरव मिश्रा की कविता, नीलेश मिश्रा की कहानियां सीजन 5, नीलेश मिश्रा की कहानियां सीजन 6, शिवांश मिश्रा की कथा,
savitri mishra
जाति धर्म की बात नही यहां बस प्यार बरसता है घर यहां जिसकी भी हो दावत सब की होती है ©savitri mishra #nojotohindi #लाइफ #धर्म #देश #मिश्रा #Hope
saumya
इत्तेफ़ाक ए इश्क़ पार्ट वन love story read in caption मै सोसाइटी के ग्राउंड में छोटे बच्चो के साथ खेल रहा था तभी सोसाइटी में एक लडकी को देखा जो मेरे सामने वाले फ्लोर पर जा रही थी खूबसूरत चेहरा गोरा रंग नीली आंखे गजब की खूबसरत लग रही थी पर आंखे कुछ उदास थी चेहरा भी उदास था वो घर के अंदर चली गई.. मै अपने बालकनी में से उसके घर के तरफ देख रहा था मम्मी क्या हमारे सोसायटी में कोई रहने आया है मैने पूछा...हा मिश्रा जी आए है अपनी दो बेटियों और एक बेटे के साथ, मैने कहा मम्मी उसकी वाइफ कहा है मैने पूछा उनकी वाइफ नहीं है मम्मी ने बताया ,उफ्फ मै शोक्ड होकर ब
मै सोसाइटी के ग्राउंड में छोटे बच्चो के साथ खेल रहा था तभी सोसाइटी में एक लडकी को देखा जो मेरे सामने वाले फ्लोर पर जा रही थी खूबसूरत चेहरा गोरा रंग नीली आंखे गजब की खूबसरत लग रही थी पर आंखे कुछ उदास थी चेहरा भी उदास था वो घर के अंदर चली गई.. मै अपने बालकनी में से उसके घर के तरफ देख रहा था मम्मी क्या हमारे सोसायटी में कोई रहने आया है मैने पूछा...हा मिश्रा जी आए है अपनी दो बेटियों और एक बेटे के साथ, मैने कहा मम्मी उसकी वाइफ कहा है मैने पूछा उनकी वाइफ नहीं है मम्मी ने बताया ,उफ्फ मै शोक्ड होकर ब
read moreBrijendra Dubey 'Bawra,
"कर्तव्यनिष्ठा'' शीर्षक पूरी कहानी नीचे पढ़े...... @Brijendra 'Bawra, #NojotoQuote #कर्तव्यनिष्ठा मेरे शेरो- शायरी और काव्य रचनाओं को मिले आप के अपार स्नेह की बदौलत आज हम आपके लिये प्रस्तुत कर रहे अपनी प्रथम गद्य-रचना शीर्षक है #कर्तव्यनिष्ठा यही तकरीबन आज से सात-आठ वर्ष पहले की बात है, पिताजी सुबह स्नान करते ही एक कागज़ात हमें दिये और बोले ये ले जाओ, इस पर मिश्रा जी से दस्तख़त करवाना है और खुद पूजा की थाल लेकर मंदिर की तरफ चले गये, मैं भी कागज समेटा और बाइक लेकर मिश्रा जी के घर की तरफ चल दिया, मिश्रा जी हमारे तहसील के अधिकारी थे और पिता जी के मित्र भी थे तो हमे पता था कि इनके
#कर्तव्यनिष्ठा मेरे शेरो- शायरी और काव्य रचनाओं को मिले आप के अपार स्नेह की बदौलत आज हम आपके लिये प्रस्तुत कर रहे अपनी प्रथम गद्य-रचना शीर्षक है #कर्तव्यनिष्ठा यही तकरीबन आज से सात-आठ वर्ष पहले की बात है, पिताजी सुबह स्नान करते ही एक कागज़ात हमें दिये और बोले ये ले जाओ, इस पर मिश्रा जी से दस्तख़त करवाना है और खुद पूजा की थाल लेकर मंदिर की तरफ चले गये, मैं भी कागज समेटा और बाइक लेकर मिश्रा जी के घर की तरफ चल दिया, मिश्रा जी हमारे तहसील के अधिकारी थे और पिता जी के मित्र भी थे तो हमे पता था कि इनके
read morekavi Ashwani Mishra
मेरी उल्फत की दास्तां झूठ का फंदा लगा कर चल रहा हूं कैसे कहूं मैं खुद से ही, खुद को छल रहा हूं हूं मगरूर चाहत में, नहीं मालूम मुझे पड़ रहे हैं हर तरफ, इश्क में लाले मुझे वो मुझको क्या समझता,क्या है मुझको मानता क्या कहूं वक्ते वफ़ा, मैं खुद भी न खुद को जानता उलझा हुआ हूं आज फिर मैं,ले के दिल ज़ख्मी बड़ा उसकी क्या गुरबत है मिश्रा, जो दर्द का सैलाब उमड़ा पड़ा पं अश्वनी कुमार मिश्रा
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