Nojoto: Largest Storytelling Platform

Best दरअसल Shayari, Status, Quotes, Stories

Find the Best दरअसल Shayari, Status, Quotes from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about दरअसल आंख मारे होली में, दरअसल आंख मारे वीडियो में, दरअसल का अंग्रेजी, दरअसल meaning in english, दरअसल in english translation,

  • 11 Followers
  • 87 Stories

Ankur Mishra

दरअसल हुआ यूँ की मैं लौट आया उनके कूंचे से
वहाँ मेरा नहीं मेरी शौहरत का इंतज़ार हो रहा था

©Ankur Mishra #दरअसल

#worldpostday

Chaurasiya4386

#साइक्लोजी फैक्ट: #दरअसल #लडकिया उन #लड़कों के पीछे #भागती है जो उन्हें #घास तक नही *डालते। #बात

read more
अब तुम्हें कैसे बताएं साइक्लोजी फैक्ट: दरअसल लडकिया उन लड़कों के पीछे भागती है जो उन्हें घास तक नही डालते।



××{{{®•©}}}×× #साइक्लोजी फैक्ट: #दरअसल #लडकिया उन #लड़कों के पीछे #भागती है जो उन्हें #घास तक नही *#डालते।

Rakesh daroga

kitni sach he ye lines...... #दरअसल ! न उसे #दिक्कत है न मुझे दिक्कत है बस इस #मोह्हबत से #घर वालो को दिक्कत है #बात

read more
दरअसल ! 
न उसे दिक्कत है 
न मुझे दिक्कत है 
बस इस मोह्हबत  से 
सब घर वालो को दिक्कत है

-Daroga kitni sach he ye lines......

#दरअसल ! न उसे #दिक्कत है न मुझे दिक्कत है 
बस इस #मोह्हबत  से  #घर वालो को दिक्कत है

Farhana

कभी कभी हम जिस चीज को हमारी समस्या का हल मान लेते है वो दरअसल एक नयी समस्या होती है
और जिस चीज को हम समस्या मान लेते है वो दरअसल हमारे आगे बढ़ने का रास्ता होता है...




#My Experience #samasya#hal#rasta#myexperience#quotes#nojoto#nojotohindi

S Ram Verma (इश्क)

 #दरअसल #चुप्पियां #स्वेक्षा

Mohit Mudita Dwivedi

वो डरतें हैं, कायर हैं इसलिए रोकतें हैं तुझे तू डरना मत ख़ुद पर यकीन करना और लड़ना, गिरना, उठना, बढ़ना, हारना बस विवश मत होना । ये इक्वलिटी बकवास बातें है ये सब वो लोग मानते हैं जो दरअसल ये मानते हैं कि तेरा दर्ज़ा छोटा है । तू गाड़ी उठा हेलमेट लगा और निकल जा स्पिति वैली की सैर पर वहाँ पहुँच के साँस लेना और एक सुट्टा जलाना । किसी का कोई वश नहीं है तुझमें । और रोना धोना किसी को छोटा या कमज़ोर नहीं बनाता दरअसल जो रो नहीं पाता वो सबसे कमज़ोर होता है,इसलिए इस बात का मज़ाक बनातें हैं । #womensday #nojotohindi #themodernpoets #tmp #nojotophoto

read more
 वो डरतें हैं, कायर हैं इसलिए रोकतें हैं तुझे 
तू डरना मत ख़ुद पर यकीन करना और लड़ना, गिरना,  उठना, बढ़ना, हारना बस विवश मत होना । 
ये इक्वलिटी बकवास बातें है ये सब वो लोग मानते हैं जो दरअसल ये मानते हैं कि तेरा दर्ज़ा छोटा है । 

तू गाड़ी उठा हेलमेट लगा और निकल जा स्पिति वैली की सैर पर वहाँ पहुँच के साँस लेना और एक सुट्टा जलाना । किसी का कोई वश नहीं है तुझमें । 

और रोना धोना किसी को छोटा या कमज़ोर नहीं बनाता दरअसल जो रो नहीं पाता वो सबसे कमज़ोर होता है,इसलिए इस बात का मज़ाक बनातें हैं ।

Ajay Amitabh Suman

नमक बेईमानी का अरोड़ा साहब का कपड़ों के इंपोर्ट और एक्सपोर्ट का दिल्ली में बहुत बड़ा कारोबार था। अक्सर वो चीन के व्यापारियों से संपर्क करके उनसे कपड़ों के एक्सपोर्ट का आर्डर लेते, फिर अपनी फैक्ट्री में कपड़ों को बनवा कर चीन भेज देते। इस काम में अरोड़ा साहब को बहुत मुनाफा होता था। उनकी इंपोर्ट और एक्सपोर्ट डिपार्टमेंट में बहुत बड़ी पहुंच थी। अरोड़ा साहब इस बात का बराबर ख्याल रखते कि दिवाली या नए वर्ष के समय एक्सपोर्ट डिपार्टमेंट के सरकारी कर्मचारियों के पास बख्शीश समय पर पहुंच जाए। ये अरोड़ा साहब #kahani #katha #nojotophoto #Corruption #dishonesty #laghu_katha

read more
 नमक बेईमानी का


अरोड़ा साहब का कपड़ों के इंपोर्ट और एक्सपोर्ट का दिल्ली में बहुत बड़ा कारोबार था। अक्सर वो चीन के व्यापारियों से संपर्क करके उनसे कपड़ों के एक्सपोर्ट का आर्डर लेते, फिर अपनी फैक्ट्री में कपड़ों को बनवा कर चीन भेज देते। इस काम में अरोड़ा साहब को बहुत मुनाफा होता था। उनकी इंपोर्ट और एक्सपोर्ट डिपार्टमेंट में बहुत बड़ी पहुंच थी। अरोड़ा साहब इस बात का बराबर ख्याल रखते कि दिवाली या नए वर्ष के समय एक्सपोर्ट डिपार्टमेंट के सरकारी कर्मचारियों के पास बख्शीश समय पर पहुंच जाए। ये अरोड़ा साहब

Ajeet Malviya Lalit

कालेज नामा भाग १ अजीत मालवीय 'ललित' स्कूल की पढ़ाई पूरी करके उच्च शिक्षा के लिए बड़े से शहर का रुख किया तो ढेरों समस्याओं का सामना करना पड़ा गांव की धूल मिट्टी को छोड़कर अब मैं एक बहुमंजिला इमारतों वाले शहर में अपने घर की यादों को तलाश कर रहा था रात करीब आठ बजे गर्मी के दिन थे ट्रेन से उतरा तो ढेर सारा शोर शराबा बहनों की तीक्ष्ण ध्वनि कानों को अप्रिय लग रही थी।                     जैसे तैसे ठिकाने पर पहुंचा और दूसरे दिन से शुरुआत होती है दौड़ भाग और सिर्फ दौड़-भाग की, कॉलेज पहुंचता हूं ।       #Ajeet_malviya_Lalit #college_naama

read more
कालेज नामा
(कैप्सन में पढें) कालेज नामा भाग १
अजीत मालवीय 'ललित'

स्कूल की पढ़ाई पूरी करके उच्च शिक्षा के लिए बड़े से शहर का रुख किया तो ढेरों समस्याओं का सामना करना पड़ा गांव की धूल मिट्टी को छोड़कर अब मैं एक बहुमंजिला इमारतों वाले शहर में अपने घर की यादों को तलाश कर रहा था रात करीब आठ बजे गर्मी के दिन थे ट्रेन से उतरा तो ढेर सारा शोर शराबा बहनों की तीक्ष्ण ध्वनि कानों को अप्रिय लग रही थी।
                    जैसे तैसे ठिकाने पर पहुंचा और दूसरे दिन से शुरुआत होती है दौड़ भाग और सिर्फ दौड़-भाग की, कॉलेज पहुंचता हूं । 
     

Fateh Chauhan

कौन आपको गुस्सा दिलाता है? जब भी हमें गुस्सा आता है, हम यह पूरे स्पष्ट रूप से जान रहे होते हैं, कि हमें गुस्सा किसकी वजह से आया है। क्या सचमुच हमारी सोच सही होती है? जब भी हमें गुस्सा आता है, हम यह पूरे स्पष्ट रूप से जान रहे होते हैं, कि हमें गुस्सा किसकी वजह से आया है। क्या सचमुच हमारी सोच सही होती है? कोई पेड़ या पौधा, भौंरा या कीड़ा... दूसरों को मारने की साजिश में नहीं लगा रहता। वे अपने अंदर तनाव नहीं पालते। इसलिए वे अपनी प्रकृति के अनुसार पूर्ण रूप से काम करते हैं।

read more
 कौन आपको गुस्सा दिलाता है?

जब भी हमें गुस्सा आता है, हम यह पूरे स्पष्ट रूप से जान रहे होते हैं, कि हमें गुस्सा किसकी वजह से आया है। क्या सचमुच हमारी सोच सही होती है?

जब भी हमें गुस्सा आता है, हम यह पूरे स्पष्ट रूप से जान रहे होते हैं, कि हमें गुस्सा किसकी वजह से आया है। क्या सचमुच हमारी सोच सही होती है? 

कोई पेड़ या पौधा, भौंरा या कीड़ा... दूसरों को मारने की साजिश में नहीं लगा रहता। वे अपने अंदर तनाव नहीं पालते। इसलिए वे अपनी प्रकृति के अनुसार पूर्ण रूप से काम करते हैं।

Ashish 9917374450

"रामलीला" शाम 4 बजते ही कस्बे के बच्चे घर के चबूतरे पर जाने की जिद करते ...और हम जैसे शैतान बच्चे दोपहर के 2 बजते ही सीधे उस मंदिर का रुख करते जहाँ दरअसल राम ,सीता ,लक्ष्मण का श्रंगार किया जाता था ... घर, मंदिर के पास था तो जाहिर है " राम " के साक्षात दर्शन कौन नहीं करना चाहेगा ... हम बच्चों के लिए बचपन में राम स्वरूप धारण करने वाला वो साधारण सा लड़का भगवान बन जाता ... मन की सारी मुरादे उसी से माँगते ... फिर क्या था ... उसके हर बार गली से गुजरते ही हम सब बच्चे मिलकर " राम जी - राम जी " कर चिल्लात #Quotes

read more
 "रामलीला"
शाम 4 बजते ही कस्बे के बच्चे घर के चबूतरे पर जाने की जिद करते ...और हम जैसे शैतान बच्चे दोपहर के 2 बजते ही सीधे उस मंदिर का रुख करते जहाँ दरअसल राम ,सीता ,लक्ष्मण का श्रंगार किया जाता था ... घर, मंदिर के पास था तो जाहिर है " राम " के साक्षात दर्शन कौन नहीं करना चाहेगा ... हम बच्चों के लिए बचपन में राम स्वरूप धारण करने वाला वो साधारण सा लड़का भगवान बन जाता ... मन की सारी मुरादे उसी से माँगते ... फिर क्या था ... उसके हर बार गली से गुजरते ही हम सब बच्चे मिलकर " राम जी - राम जी " कर चिल्लात
loader
Home
Explore
Events
Notification
Profile