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Neel Lokesh Mishra (Insta-Neel3.Mishra)

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Rst

Bhagay ka mitta nahi sakte par badal jarur sakte hai #poem

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भाग मैं संख्या छोटी हो हांसिल लेते है ,

भाग्य की संख्या छोटी हो तो हाँसिल कर लेते है। Bhagay ka mitta nahi sakte par badal jarur sakte hai

Deva yadav 9174365603

Q. नाभिक की द्रव्यमान संख्या क्या होती है?
 
उत्तर: नाभिक में न्यूक्लियानों की संख्या #deva #punjabi

available

###Choubey brothers...

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एक बार संख्या 9 ने 8 को थप्पड़ मारा 8 रोने लगा… पूछा मुझे क्यों मारा..? 9 बोला… मैं बड़ा हु इसीलए मारा.. सुनते ही 8 ने 7 को मारा… और 9 वाली बात दोहरा दी! 7 ने 6 को… 6 ने 5 को… 5 ने 4 को… 4 ने मारा संख्या 9 बेहोश.. 
Choubey brothers.. ####Choubey brothers...

Anil Siwach

|| श्री हरि: || सांस्कृतिक कहानियां - 12 ।।श्री हरिः।। 7 - निष्ठा की विजय 'मैं महाशिल्पी को बलात्‌ अवरुद्ध करने का साहस नहीं कर सकता।' स्वरों में नम्रता थी और वह दीर्घकाय सुगठित शरीर भव्य पुरुष सैनिक वेश में भी सौजन्य की मूर्ति प्रतीत हो रहा था। वह समभ नहीं पा रहा था कि आज इस कलाकार को कैसे समभावें। 'मेरे अन्वेषक पोतों ने समाचार दिया है कि प्रवाल द्वीपों के समीप दस्यु-नौकाओं के समूह एकत्र हो रहे हैं। ये आरब्य म्लेच्छ दस्यु कितने नृशंस हैं, यह श्रीमान से अविदित नहीं है और महाशिल्पी सौराष्ट्र के

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|| श्री हरि: || सांस्कृतिक कहानियां - 12

।।श्री हरिः।।
7 - निष्ठा की विजय

'मैं महाशिल्पी को बलात्‌ अवरुद्ध करने का साहस नहीं कर सकता।' स्वरों में नम्रता थी और वह दीर्घकाय सुगठित शरीर भव्य पुरुष सैनिक वेश में भी सौजन्य की मूर्ति प्रतीत हो रहा था। वह समभ नहीं पा रहा था कि आज इस कलाकार को कैसे समभावें। 'मेरे अन्वेषक पोतों ने समाचार दिया है कि प्रवाल द्वीपों के समीप दस्यु-नौकाओं के समूह एकत्र हो रहे हैं। ये आरब्य म्लेच्छ दस्यु कितने नृशंस हैं, यह श्रीमान से अविदित नहीं है और महाशिल्पी सौराष्ट्र के

मेरी आपबीती

हम सब जानते है कि विकासशील देशों में बहुत ग़रीबी होती है ,रोजमर्रा की तरह बाजार गई थी तब ये दृश्य देख मेरा हृदय द्रवित हो उठा , अपना सब कुछ छोड़ छाड़ के पापी पेट के लिए कभी यहाँ तो कभी वहाँ इन लोगो को गुजारा करना पड़ता है । भारत देश में अब भी ऐसे कई सारे लोग है जो सड़कों पर रहकर अपना गुजारा कर लेते है । एक समय के भोजन के लिए पूरा दिन भीख मांगना , कठिन परिश्रम करना पड़ता है । उनके बच्चों का पाठशालाओ में दाखिला नही होता और उनकी इच्छा होते हुए भी वो पाठशाला जाने में असमर्थ है और जाते भी है तो छह महीने य #Poetry #Hindi #writersofinstagram #kavita #twoliners #hindilove #sahitya #zindagigulzarhai #hindinama #loveforwriting #विचार #hindisahitya #doalfaaz #instapoem #banarasiya #panktiyaan #bhartiya_naari #shabdanchal #hindipanktiyaan #2panktiyaan #ishqbanaras #hindifans #hindifollowers #ankahealfaaz #aaruswrites #meri_aapbeeti_ #aabha_writes #sadhana_vinayak_ingle

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गरीबी 
©आराधना 
(अनुशीर्षक जरूर पढ़ें ) हम सब जानते है कि विकासशील देशों में बहुत ग़रीबी होती है ,रोजमर्रा की तरह बाजार गई थी तब  ये दृश्य देख मेरा हृदय द्रवित हो उठा , अपना सब कुछ छोड़ छाड़ के पापी पेट के लिए कभी यहाँ तो कभी वहाँ इन लोगो को गुजारा करना पड़ता है । भारत देश में अब भी ऐसे कई सारे लोग है जो सड़कों पर रहकर अपना गुजारा कर लेते है । एक समय के भोजन के लिए पूरा दिन भीख मांगना , कठिन परिश्रम करना पड़ता है । उनके बच्चों का पाठशालाओ में दाखिला नही होता और उनकी इच्छा होते हुए भी वो पाठशाला जाने में असमर्थ है और जाते भी है तो छह महीने य

✍️Abhay

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हमें गुरुओं की संख्या ज्ञात नही है, 
जो भी आया वो "सिखाकर चला गया"..
सभी गुरुओं में "खराब वक़्त" सबसे बेहतरीन गुरु रहा,
जिसने हमें "बेहतरीन तरीके से सिखाया"..
सभी गुरुओं को हार्दिक धन्यवाद,
"उम्मीद है, गुरुओं की संख्या में कमी नही आएगी".....
"Happy guru purnima"🙏🏻

"कड़वा है, कोई बात नही"
🙂😐

Adwait Vats

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कविता-अकेले बनाम भीड़

ट्रेन में अकेली लड़की का जाना
एकान्त में अकेले चुपचाप बैठना
कॉलोनी में अकेले घर का होना
कोई अलग या अकेली जुबान बोलना
सड़क पर अकेली धोती, पगड़ी या दाड़ी का गुजरना
सब की नजर में उसी तरह चुभता है
जैसे बहुत बड़े मेले में
खोए हुए बच्चे का अकेले गुमसुम बैठे होना
  
अकेलेपन के विरुद्ध
चारों ओर बेतहाशा भीड़ खड़ी है
सड़क से संसद तक
उसे मिटाने के नियम बनाये जा रहे हैं
मानों अकेला होना आज सबसे बड़ा अपराध है

कभी अकेले भगीरथ के शीश से निकली होगी गंगा
सिद्धार्थ ने अकेले घर छोड़ कर पाया होगा बुद्धत्व
अकेले गांधी ने किए होंगे सत्य के प्रयोग

टैगौर का 'एकला चालो' गाकर
अब कोई महात्मा नहीं बन सकता
आजकल महात्मा होने के लिए भीड़ उतनी ही जरूरी है
जितनी जरूरी हैं जीवन के लिए चलती हुई सांसे

जरूरी नहीं अकेले होने के लिए संख्या इकाई में हो
संख्या में अधिक होकर भी अकेले हो सकते हैं
एक पूरी जाति को अकेला मानकर
घोड़ी से उतारा जा सकता है
पगड़ियों में से अकेली पगड़ी चुनकर
जिंदा जलाया जा सकता है
अकेले ईश्वर या खुदा में यकीन करने पर 
उसके पास पहुंचाया जा सकता है
अकेला विचार सामूहिकता के लिए बड़ा खतरा है
जैसे खतरा होता है जंगल के खिलाफ
एक अकेली दियासलाई का होना

अकेले होने का एक चेहरा होता है
चेहरे से भीड़ उसी तरह डरती है
जैसे जानवरों का झुंड डरता है
किसी दूसरे एक जानवर को देखकर

यहां जानवर से तुलना बेमानी लगती हैं
वे अपनी प्रजाति का यूँ घेरकर शिकार नहीं करते

भीड़ में अकेले होने का अहसान 
केवल उन सरों को होता है
जो अपने गिने जाने से मना कर देते हैं

वे बहुत दिनों तक कांधे पर नहीं टिकते
टांग दिए जाते हैं
किसी मीनार या गुम्बद के सबसे ऊपरी सिरे पर
यह देखने के लिए
आखिर में कौन अकेला बचेगा
जो खुद को भीड़ बनने से रोक लगा

Rajesh Kumar

🏹🏹🏹🏹🏹🏹कभी सोचा है की प्रभु 🏹🏹श्री राम के परिवार  उत्पत्ति के बारे की जानकारी  जानिये-
1 - ब्रह्मा जी से मरीचि हुए,
2 - मरीचि के पुत्र कश्यप हुए,
3 - कश्यप के पुत्र विवस्वान थे,
4 - विवस्वान के वैवस्वत मनु हुए.वैवस्वत मनु के समय जल प्रलय हुआ था,
5 - वैवस्वतमनु के दस पुत्रों में से एक का नाम इक्ष्वाकु था, इक्ष्वाकु ने अयोध्या को अपनी राजधानी बनाया और इस प्रकार इक्ष्वाकु कुलकी स्थापना की |
6 - इक्ष्वाकु के पुत्र कुक्षि हुए,
7 - कुक्षि के पुत्र का नाम विकुक्षि था,
8 - विकुक्षि के पुत्र बाण हुए,
9 - बाण के पुत्र अनरण्य हुए,
10- अनरण्य से पृथु हुए,
11- पृथु से त्रिशंकु का जन्म हुआ,
12- त्रिशंकु के पुत्र धुंधुमार हुए,
13- धुन्धुमार के पुत्र का नाम युवनाश्व था,
14- युवनाश्व के पुत्र मान्धाता हुए,
15- मान्धाता से सुसन्धि का जन्म हुआ,
16- सुसन्धि के दो पुत्र हुए- ध्रुवसन्धि एवं प्रसेनजित,
17- ध्रुवसन्धि के पुत्र भरत हुए,
18- भरत के पुत्र असित हुए,
19- असित के पुत्र सगर हुए,
20- सगर के पुत्र का नाम असमंज था,
21- असमंज के पुत्र अंशुमान हुए,
22- अंशुमान के पुत्र दिलीप हुए,
23- दिलीप के पुत्र भगीरथ हुए, भागीरथ ने ही गंगा को पृथ्वी पर उतारा था.भागीरथ के पुत्र ककुत्स्थ थे |
24- ककुत्स्थ के पुत्र रघु हुए, रघु के अत्यंत तेजस्वी और पराक्रमी नरेश होने के कारण उनके बाद इस वंश का नाम रघुवंश हो गया, तब से श्री राम के कुल को रघु कुल भी कहा जाता है |
25- रघु के पुत्र प्रवृद्ध हुए,
26- प्रवृद्ध के पुत्र शंखण थे,
27- शंखण के पुत्र सुदर्शन हुए,
28- सुदर्शन के पुत्र का नाम अग्निवर्ण था,
29- अग्निवर्ण के पुत्र शीघ्रग हुए,
30- शीघ्रग के पुत्र मरु हुए,
31- मरु के पुत्र प्रशुश्रुक थे,
32- प्रशुश्रुक के पुत्र अम्बरीष हुए,
33- अम्बरीष के पुत्र का नाम नहुष था,
34- नहुष के पुत्र ययाति हुए,
35- ययाति के पुत्र नाभाग हुए,
36- नाभाग के पुत्र का नाम अज था,
37- अज के पुत्र दशरथ हुए,
38- दशरथ के चार पुत्र राम, भरत, लक्ष्मण तथा शत्रुघ्न हुए |
इस प्रकार ब्रह्मा की उन्चालिसवी (39) पीढ़ी में श्रीराम का जन्म हुआ | शेयर करे ताकि हर हिंदू इस जानकारी को जाने..

🏹रामचरित मानस के कुछ रोचक तथ्य🏹

1:~मानस में राम शब्द = 1443 बार आया है।
2:~मानस में सीता शब्द = 147 बार आया है।
3:~मानस में जानकी शब्द = 69 बार आया है।
4:~मानस में बैदेही शब्द = 51 बार आया है।
5:~मानस में बड़भागी शब्द = 58 बार आया है।
6:~मानस में कोटि शब्द = 125 बार आया है।
7:~मानस में एक बार शब्द = 18 बार आया है।
8:~मानस में मन्दिर शब्द = 35 बार आया है।
9:~मानस में मरम शब्द = 40 बार आया है।

10:~लंका में राम जी = 111 दिन रहे।
11:~लंका में सीताजी = 435 दिन रहीं।
12:~मानस में श्लोक संख्या = 27 है।
13:~मानस में चोपाई संख्या = 4608 है।
14:~मानस में दोहा संख्या = 1074 है।
15:~मानस में सोरठा संख्या = 207 है।
16:~मानस में छन्द संख्या = 86 है।

17:~सुग्रीव में बल था = 10000 हाथियों का।
18:~सीता रानी बनीं = 33वर्ष की उम्र में।
19:~मानस रचना के समय तुलसीदास की उम्र = 77 वर्ष थी।
20:~पुष्पक विमान की चाल = 400 मील/घण्टा थी।
21:~रामादल व रावण दल का युद्ध = 87 दिन चला।
22:~राम रावण युद्ध = 32 दिन चला।
23:~सेतु निर्माण = 5 दिन में हुआ।

24:~नलनील के पिता = विश्वकर्मा जी हैं।
25:~त्रिजटा के पिता = विभीषण हैं।

26:~विश्वामित्र राम को ले गए =10 दिन के लिए।
27:~राम ने रावण को सबसे पहले मारा था = 6 वर्ष की उम्र में।
28:~रावण को जिन्दा किया = सुखेन बेद ने नाभि में अमृत रखकर।
यह जानकारी  परिश्रम केबाद आपके सम्मुख प्रस्तुत है । 
जय श्री राम🙏🙏☘🌹🌺🙏🙏🙏🌷🌺🌹

DEVENDRA BHARADWAJ (DEV)

संख्या संख्या मैं से परे किसी की सत्ता नहीं मानता |भक्त ''मैं'' को नहीं मानता वह ''तू'' को ही मानता है |''मैं'' हूँ ही नहीं,''तू ''ही है |वह मैं को तू मैं विलीन करता है अन्त में ''तू'' ही बचता है एक ही बचता है |''मैं'' और ''तू '' का भेद ही द्वैत है |जब दोनों मैं एक ही बचता है तो वही #अद्वैत है |ज्ञानी उसी को "तत्" .......... 《DEVENDRA BHARADWAJ #Quotes #bhaktiquotes #gyanganga

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