Nojoto: Largest Storytelling Platform

Best यानी Shayari, Status, Quotes, Stories

Find the Best यानी Shayari, Status, Quotes from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos aboutयानी meaning in hindi, यानी खाने की जगह, यानी जयपुर से मंगवाई, अमरेंद्र बाहुबली यानी में, यानी बनाने का तरीका,

  • 22 Followers
  • 132 Stories

Umesh Kushwaha

प्यार आज भी उससे है।

read more
"प्यार आज भी उससे है"
 प्यार में होना और प्यार से उबरना दो अलग अलग बात है। प्यार में होना यानी अमूर्त हो जाना। फिर आप कहीं इतना खो जाते है, जैसे बारिश की पहली बूंदे मिट्टी पर पड़ती हो तो वो सोंधी सोंधी खुशबू आपके मन को पूरी तरह मोह लेती है या धीरे धीरे आप इसके वस में हो जाते हैं,आप मोहित हो जाते है।
     उस मिट्टी की आवो हवा में आप जीने लगते है,फिर वही रोज़ की आदत में शुमार हो जाता है।आप चाह कर भी उस गोलाई की परिध से बाहर नहीं आ सकते,फिर आपकी दिनचर्या इस 
कदर जकड़ जाती है कि जब तक आप उस सौंधी सौंधी खुशबू को मस्तिष्क में उतार न ले तब तक आप खुश नहीं रह सकते,फिर क्या ये धीरे धीरे आपकी आदत आपका स्वभाव बन जाती है।
     जब कोई चीज़ आपके स्वभाव में आ जाए तो उसे बदलना कठिन होता है लेकिन ये और भी भयावह हो जाता जब धीरे धीरे इसकी कद्र कम होने लगती है। फिर क्या झल्लाहट और अकेलापन इस कदर हावी हो जाता है कि आप हर समय खाली खाली महसूस करने लगते हैं।
     नीरस और बेमन होकर जीना जैसे अंश और हर का कायदा हो,फिर आप उस अंश के ही होकर रह जाते हैं यानी हर चीज के आदी जैसे वो रास्ते,बाजार घूमना - फिरना यहां - वहां आना - जाना।यहां तक कि वहां की हवा भी आप के जहन में बस जाती है, जो कि प्राणवायु है। फ़िर आप इससे उबर नहीं सकते अंत तक चाहे कितना भी धैर्य रख लीजिए क्यूंकि वो वायु प्रणय बनकर आपके दिलोदिमाग से लेकर पूरे शरीर में वास कर रही होती है।
       जब वो अंश आपसे अलग होता है, वो तो यही सोचता है कि वो पूरी तरह अलग हो गया है लेकिन ये सिर्फ उसके ही परिपेछ्या से दृष्टागत है। वो कहीं अलग किसी और के साथ खुश है लेकिन आप उस साथ को इतना जी चुके होते हैं की वो फिर आपको नहीं छोड़ता जो की हर समय आपके साथ होता है और नहीं भी, यही बात सबसे ज्यादा तकलीफ देय होती है।
      वो सारे मंजर फिर याद आते हैं, वो सड़के जहां हम साथ चले थे,वो कचौरी का ठेला फिर पानी पूरी की बात" भैया दही वाली ही देना" और वहीं पास वाली आइस्क्रीम की दुकान से  हर बार तुम जिद करके सिर्फ एक ही आइसक्रीम लिया करते थे,और फिर धीरे धीरे पार्क पहुंच जाते थे।फिर क्या तुम बोलती और मैं सुनता था।
        इतना ही नहीं हर रोज़ तुम्हारे ऑफिस से घर तक छोड़ना, पर हां वो हाईवे वाला पुल जहन में बना ही रहता है, जब तुमने अचानक बाइक रोकने को कहा था और हम कुछ देर रुके थे । तब पहलीवार तुमने हमें "किस" किया था,जो आज भी वो पुल वाला किस याद है जिसे भूलाया नही जा सकता।
        हर वो चीज याद है जो हम साथ में जिये हैं,वो गली - वो मोहल्ले! एक एक पल जो हम बातें करते थे और हां वो रेलवे का ओवरब्रिज कैसे भूल सकता हूं मै वहीं पर तो झगड़ा हुआ था हमारा, तुम उस दिन गुस्से में थी। फिर हमारी कई दिनों तक बात नहीं हुई और न ही मिलना जुलना। उस दिन बहुत कोशिश की थी तुमको समझाने की लेकिन तुमने अकेले ही फैसला कर लिया था।
         तुम्हारे लिए तो आसान था पर शायद आज तक मैं उन चीजों से उबर नहीं पाया हूं,खोजता रहता हूं मै तुम्हे ही उन्ही रास्तों में जहां जहां हम साथ चले थे। पर अब वो गलियां हमें चुभती हैं हवाओं में भी एक अजीब सी चुभन है जो गले ही नही उतरती। लेकिन तब भी उन सारी जगहों को एक बार फिर देख लेना चाहता हूं,मानो मै तुम्हे महसूस के रहा होता हूं जब उन सारी जगहों से गुजर रहा होता हूं चाहे वो तुम्हारे घर की पास वाली गली हो या रेलवे फाटक के खुलने का वो दो मिनट का इंतजार पर आज भी लगता है कि तुम उस पार से कहीं मुझे निहार रही होगी और दौड़कर फिर मेरे पास आना चाहती होगी लेकिन फिर मैं मौन हो जाता हूं तुम्हे खोकर,क्यूंकि मै जीना चाहता था तुम्हारे साथ,जब तुम साथ होती थी तो अच्छा लगता था लेकिन शायद अब तुम्हे मंजूर नहीं था मेरे साथ रहना , वो प्रश्न आज भी मेरे अंदर कहीं उस उत्तर को खोजना चाहता है जिसका जवाब सिर्फ तुम हो।
  मै तुम्हे ढूडना चाहता हूं फिर वही उसी पार्क में की तुम आओगी उसी मेज पर जहां हम साथ बैठा करते थे,आज भी मैं रोज उसी मेज़ पर जाकर अकेले बैठता हूं इसी उम्मीद में कि एक दिन तुम जरूर आओगी। अब तो दिल की धड़कने और तेज़ होने लगी थी क्यूंकि मेरे जाने का यानी इस शहर को छोड़ने का समय कुछ ही दिन और बचा था।
 उस शहर को छोड़ने से पहले मैं हर एक चीज को समेट लेना चाहता था,हर वो लम्हा जी लेना चाहता अब अकेले ही जैसे तुम्हारे साथ जिया था। तुम्हारे न होने का दुख तो था वो अकेलापन लेकिन तुम मुझमें हर वक्त होती थी ऐसा लगता था कि तुम मेरे साथ चल रही हो,कुछ कह रही हो और मैं सुनता जा रहा हूं आज भी उसी तरह पूरी तनमयता से।
     कुछ भी हो ये शहर तो अब जहन में बस गया है वो भी सिर्फ तुम्हारे लिए जिसे अब भूलाया नहीं जा सकता। इश शहर ने हमें बहुत कुछ दिया और बहुत कुछ सिखाया भी है। अब यहां खोने को कुछ बचा भी नहीं था क्यूंकि आप यहां अपना दिल हार चुके है और उससे बेहद कीमती कुछ हो भी नहीं सकता। 
      इस शहर ने प्रेम करना सिखाया, प्यार में होना सिखाया लेकिन प्यार से उबरना नहीं सिखा पाया जिसकी टीस आज भी चुभ रही है जो शायद अब जीवन पर्यंत रहे क्यूंकि जब कोई प्यार में होता है तो वो फुल स्विंग के साथ  पूरी ईमानदारी और लगन से होता है और फिर जब कोई बीच में ही छोड़ के चला जाए तो फिर बहुत दुखता है इसीलिए कहता हूं प्यार में होना और प्यार से उबरना दो अलग - अलग बात है। प्यार आज भी उससे है।

Aakhir

"ख़राब पुर्ज़ा" #Thoughts #Quotes

read more
''ख़राब पुर्ज़ा''

मशीन के हर पुर्ज़े अपने आप में अहम होते हैं 
क्योंकि सभी पुर्ज़े या बोल दो कि मशीन के सभी हिस्से 
अपने अपने काम को बख़ूबी से करते है
और मशीन ठीक से काम करती रहती हैं ..मगर..
मगर कभी कोई एक अहम पुर्ज़ा ख़राब हो जाने की वजह से पूरी मशीन बैठ जाती है, ख़राब हो जाती है यानी कि चल नहीं पाती ..
उसी तरह इंसान भी एक मशीन की तरह है
 जो बहुत से पुर्ज़ो से मिलकर बना है 
उनमे से हम कुछ को देख सकते है कुछ को नहीं 
लेकिन इस समय इंसानो का एक अहम पुर्ज़ा ख़राब हो गया हैं 
जिसकी वजह से इंसान बैठ गया,  ख़राब हो गया है यानी कि चल नहीं पा रहा है
                 
और वो पुर्ज़ा है..... ''इंसान की सोच''
                                                                         -Saad Ahmad "ख़राब पुर्ज़ा" 
#Thoughts  #Quotes

Rakesh Kumar Dogra

नुक्ता- हिन्दी में खुदा यानी excavate और ख के नीचे बिन्दी यानी ख़ुदा हो गया। भगवान

read more
Republic day quotes in hindi माँ ने मेरे भाल पर काला टीका लगाकर पहले 'नुक्ते' से मेरी पहचान कराई,
फिर उस चांद चेहरे के गाल पर काजल से तिल बनाकर मैने सबसे नज़र बचाई। #NojotoQuote नुक्ता- हिन्दी में खुदा यानी excavate
और ख के नीचे बिन्दी यानी ख़ुदा हो गया। भगवान

Rakesh Kumar Dogra

मेरे जीवन से जुड़ा सच्चा वाक्या। टमाटर 🍅 मेरा एक दोस्त था जिसका नाम(छेड़) टमाटर था। जब वो आठवी में था तो मैं छठी मे था। वो उन दिनो साइकिल पर आता था। और साईकिल भी बहुत कम लोगों के पास हुआ करती थी। रिजल्ट आया मैं पास हो गया और टमाटर फेल हो गया। यानी मैं अब सांतवी में टमाटर वही आठवी में। टमाटर अब स्कूटर में आने लग गया था। फिर ऐसे ही एक दिन सातवीं का भी रिजल्ट आया। मैं पास हो गया, टमाटर फिर फेल हो गया। यानी मैं भी आंठवी में टमाटर भी आठवीं में। अब टमाटर मोटर साईकिल पर आता है।

read more
मेरे जीवन से जुड़ा सच्चा वाक्या।
टमाटर 🍅
मेरा एक दोस्त था जिसका नाम(छेड़) टमाटर था। जब वो आठवी में था तो मैं छठी मे था।
वो उन दिनो साइकिल पर आता था। और साईकिल भी बहुत कम लोगों के पास हुआ करती थी। 
रिजल्ट आया मैं पास हो गया और टमाटर फेल हो गया। यानी मैं अब सांतवी में टमाटर वही आठवी में। 
टमाटर अब स्कूटर में आने लग गया था।
फिर ऐसे ही एक दिन सातवीं का भी रिजल्ट आया। मैं पास हो गया, टमाटर फिर फेल हो गया। यानी मैं भी आंठवी में टमाटर भी आठवीं में।
अब टमाटर मोटर साईकिल पर आता है।

Follow us on social media:

For Best Experience, Download Nojoto

Home
Explore
Events
Notification
Profile