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Trivedi Abhishek

Bina dimag lga k padhne vali story... No any logic behind the lines... Samjh hi n aa rha kta likhe🙄 Sab moh maya h #बीससालआगे #justforfun #story love life #ultapalta

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#बीस साल आगे
जैसे ही उठे तो देखा की दिवार घड़ी की दिशा बदली हुई है यकीन नहीं हुआ कि ये सब क्या है और कैसे? 
बाहर जाकर दिन और तारीख बदल चुके थे... फ़िर सोचा जो हुआ जाने दो अब आगे का देखा जाये... पर तभी आजकल के वायरस की जानकारी लेना चाहा और पता लगा कि ये तो उसी साल पुरी तरह से खत्म हो चुका था... सुनकर मन बहुत खुश हुआ... फ़िर सोचा चलो अब समाचार देखा जाये तो समाचार कुछ इस प्रकार थे
सलमान खान सर की शादी हो गई...
इस साल rcb ने ipl की ट्राफ़ी जीती...
पोपटलाल की शादी हो गई...
सास बहु के सिरियल बनना बन्द हो गये...
cid ने केस लेना बन्द कर दिया... Bina dimag lga k padhne vali story... 
No any logic behind the lines...
Samjh hi n aa rha kta likhe🙄
Sab moh maya h 
#बीससालआगे #justforfun #story #love #life #ultapalta

savita singh Meera

mute video

rinki

ज़िन्दगी के सफ़र में
गिराने वालो की जगह उठाने 
वाला चाहिए,
मुंह पर मीठा बोलने वाला 
चापलूस नहीं,
मुझे मुंह पर कड़वा but
सच बोलने वाला दुश्मन  ही चाहिए
😊😊😊😊👩

©rinki #ओ #बीते #लगता #पंछी #वजह #कविता #केसरिया #हकीकत #बीस 

#SunSet

Sanjeev Jha

#बीस #टीस #इक्कीस कोरोना को समेट कर जा, वरना बुरे के लिए याद किये जाओगे #bye2020

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जा रहा बीस
देकर टीस
चाह है इतनी
आशीष बने इक्कीस

©संजीव #बीस #टीस #इक्कीस 
कोरोना को समेट कर जा, वरना बुरे के लिए याद किये जाओगे

#bye2020

Navin Sharma

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"आदमी ही आदमी हे 
बेशुमार आदमी, 
फिर भी तन्हाइयो का हे 
शिकार आदमी,
आदमी को देखना हो तो 
दस बीस बार देखिए 
क्योंकि हर एक आदमी मे होते हे 
दस बीस आदमी..!

BhomaRam Puniya

बस्ते का बढ़ता बोझ #कविता

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किसको अपने जख्म दिखाऊं 
किसको अपनी व्यथा सुनाऊं 
इतनी ढेर किताबें लेकर‌ 
अब मैं शाला कैसे जाऊं। 

बीस किताबें ठूंस ठूंस कर‌ 
मैंने बस्ते में भर दीं हैं 
बाजू वाली बनी जेब में 
पेन पेंसिलें भी धर दीं हैं 
किंतु कापियां सारी बाकी 
उनको मैं अब कहां समाऊं। 

आज धरम कांटे पर जाकर‌ 
मैंने बस्ते को तुलवाया 
वजन बीस का निकला मेरा 
बस्ता तीस किलो का पाया 
चींटी होकर हाय किस तरह‌ 
मैं हाथी का बोझ उठाऊं। 

गधों और बच्चों में अब तो 
बड़ा कठिन है अंतर करना 
जैसे गधे लदा करते हैं 
हम बच्चों को पड़ता लदना 
कंधे, पीठ बेहाल हमारे 
अगर कहें तो अभी दिखाऊं। बस्ते का बढ़ता बोझ

Anil Siwach

|| श्री हरि: || सांस्कृतिक कहानियां - 9 श्री हरिः 5 - सच्ची पुकार 'तुम प्रार्थना करने आये थे अल्फ्रेड?' सभ्यता के नाते तो कहना चाहिये था, 'मि० वुडफेयर' किंतु विल्सन राबर्ट में जो सहज आत्मीयता है अपने अल्प परिचितों के प्रति, उसके कारण वे शिष्टाचार का पूरा निर्वाह नहीं कर पाते और न उसे आवश्यक मानते हैं। उसका पूरा नाम है अल्फ्रेड जॉनसन वुडफेयर। चौंककर उसने पीछे मुड़कर देखा। समुद्र किनारे के इस छोटे से गांव में उसे जानने वाला, उसका नाम लेकर पुकारने वाला कौन है? उसे यहाँ आये अभी दो ही सप्ताह तो ह

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|| श्री हरि: || सांस्कृतिक कहानियां - 9

श्री हरिः
5 - सच्ची पुकार

'तुम प्रार्थना करने आये थे अल्फ्रेड?' सभ्यता के नाते तो कहना चाहिये था, 'मि० वुडफेयर' किंतु विल्सन राबर्ट में जो सहज आत्मीयता है अपने अल्प परिचितों के प्रति, उसके कारण वे शिष्टाचार का पूरा निर्वाह नहीं कर पाते और न उसे आवश्यक मानते हैं। 

उसका पूरा नाम है अल्फ्रेड जॉनसन वुडफेयर। चौंककर उसने पीछे मुड़कर देखा। समुद्र किनारे के इस छोटे से गांव में उसे जानने वाला, उसका नाम लेकर पुकारने वाला कौन है? उसे यहाँ आये अभी दो ही सप्ताह तो ह

Anil Siwach

|| श्री हरि: || सांस्कृतिक कहानियां - 9 || श्री हरि: || 3 - भरोसा भगवान का 'वह देखो!' याक की पीठ पर से ही जो कुछ दिखाई पड़ा उसने उत्फुल्ल कर दिया। अभी दिनके दो बजे थे। हम सब चले थे तीर्थपुरी से प्रात: सूर्योदय होते ही, किंतु गुरच्याँग में विश्राम-भोजन हो गया था और तिब्बतीय क्षेत्र में वैसे भी भूख कम ही लगती है। परन्तु जहाँ यात्री रात-दिन थका ही रहता हो, जहाँ वायु में प्राणवायु (आक्सिजन) की कमी के कारण दस गज चलने में ही दम फूलने लगता हो और अपना बिस्तर समेटने में पूरा पसीना आ जाता हो, वहाँ याक क

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|| श्री हरि: || सांस्कृतिक कहानियां - 9

|| श्री हरि: ||
3 - भरोसा भगवान का

'वह देखो!' याक की पीठ पर से ही जो कुछ दिखाई पड़ा उसने उत्फुल्ल कर दिया। अभी दिनके दो बजे थे। हम सब चले थे तीर्थपुरी से प्रात: सूर्योदय होते ही, किंतु गुरच्याँग में विश्राम-भोजन हो गया था और तिब्बतीय क्षेत्र में वैसे भी भूख कम ही लगती है। परन्तु जहाँ यात्री रात-दिन थका ही रहता हो, जहाँ वायु में प्राणवायु (आक्सिजन) की कमी के कारण दस गज चलने में ही दम फूलने लगता हो और अपना बिस्तर समेटने में पूरा पसीना आ जाता हो, वहाँ याक क

Amit Srivastava

दर्द बीस दिन की दोस्ती बीस बरस समान थी, गैरो में अपनों की यही एक पहचान थी, इतने सितम्बगर क्यु हो गए वो हमसे, दर्द देकर जुदा क्यु वो हो गए हमसे... #amit_aishi13 Kusum Chauhan thakur_ki_kalam_se Kuldeep Kumar Vijay Navneet Kaur

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बीस दिन की दोस्ती बीस बरस समान थी,
गैरो में  अपनों  की  यही  एक पहचान थी,

इतने  सितम्बगर  क्यु  हो  गए  वो  हमसे,
दर्द  देकर  जुदा  क्यु  वो  हो  गए  हमसे... दर्द
बीस दिन की दोस्ती बीस बरस समान थी,
गैरो में  अपनों  की  यही  एक पहचान थी,

इतने  सितम्बगर  क्यु  हो  गए  वो  हमसे,
दर्द  देकर  जुदा  क्यु  वो  हो  गए  हमसे... #amit_aishi13 Kusum Chauhan thakur_ki_kalam_se Kuldeep Kumar Vijay Navneet Kaur

R.V. Chittrangad

shahid

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तुमने दस -दस लाख दिये हैं वीरों की विधवाओं को
सोचा कीमत लौटा दी है वीर की सुता माँओं को
मैं बीस बीस लाख देता हूँ उन किस्मत के हेठों को
हिम्मत है तो मंत्री भेजे लड़ने अपने बेटों को shahid
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