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Best चलाने Shayari, Status, Quotes, Stories

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jagmag

navik hu zindagi k samundar ko paar kar jaungi.... dekha lio🤨😏😏😏😏😏

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दिनांक- 28-08-2019
विधा- काव्य

मुझे भी अपनी नाव चलाने दो
डूबे नहीं कश्ती ऐसे पार ले जाने दो

हवाओं को ना रोको उनका काम है बहना
नाविक हूँ मैं मुझे तूफानों से लड़ जाने दो

डराओं नहीं कोई कि डूब जाएगी कश्ती
नाविक को सम्हलने का हुनर आने दो

मैं डरती नहीं किसी भी मुसिबत से
मुझे मौका तो दो तुफानों से टकराने दो

कि डूब जाएगी कि कश्ती अगर 
तैर के ही नदी पार जाने दो

मैं नाविक हूँ मुझे नैया पार लगाने दो
मुझे भी अपनी नाव चलाने दो

हर्षिता श्रीवास्तव
प्रयागराज navik hu zindagi k samundar ko paar kar jaungi.... dekha lio🤨😏😏😏😏😏

Khushi Joshi

yeh unnh dino ki baat h.. mere shabd

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ये उन दिनों की बात  है। 
  
वो बचपन जो सिर्फ  ,एक टायर ओर लकड़ी से ही  ,
चेहरे पर चमक ले आता था, 
दोस्तों के साथ बारिश मैं वो दोड़ लगाना,
 पानी में वो छपछप करना,

बारिश के आते ही जैसे , 
तमाम खुशियाँ झोली  मे मिल गई  हो, 
दोस्तों के संग दोड़कर सबको बताना ,
बारिश आई, बारिश  आई। 
कागज की नाव पानी मे, 
चलाने का मजा भी कितना हसीन था। 
आज सब साधन है चलाने के,
 पर वो सूकून नहीं जो टायर को चलाने का था ।
आज नाव  में  बैठ भी सकते है, 
पर वो ख़ुशी नहीं  जो कागज की कश्ती पानी में उतारने में  थी।। 
ये उन दिनो की बात है।। 
khushi yeh unnh dino ki baat h.. mere shabd

कवि मनोज कुमार मंजू

जब खेतों में नंगी काया पल पल तपती रहती है|
आँगन में बैठे ख्वाबों के पंख उतिनती रहती है||
बेबस आँखों में बस केवल नीर समाया रहता है|
तब कवि हृदय हुकूमत के प्रति आग उगलने लगता है||
नहीं प्रेम के मधुर मधुर मैं गीत सुनाने आया हूँ|
वाणी की तीखी तीखी तलवार चलाने आया हूँ||

जब चूल्हे में सिमटी माया कड़वा धुआं निगलती है|
फटे चीथड़ों में उलझी शर्मों से और पिघलती है||
रुखा सूखा खिला स्वयं जब अवला फांके करती है|
लिखते लिखते कलम आंशुओं में फिर बहने लगती है||
नहीं चूड़ियों का मैं मीठा गान सुनाने आया हूँ|
वाणी की तीखी तीखी तलवार चलाने आया हूँ||

जब बचपन के सम्मुख जिम्मेदारी आन उलझती है|
गुड़ियों वाले हाथों में बरतन की राख चमकती है||
बस्ते वाले कांधे जब दुनिया का बोझ उठाते हैं|
तब सरकारी फरमानों पर प्रश्न चिन्ह लग जाते हैं||
नहीं लोरियों की मीठी मैं तान सुनाने आया हूँ|
वाणी की तीखी तीखी तलवार चलाने आया हूँ||

जब यौवन घनघोर निराशाओं में डूबा रहता है|
दफ्तर के चक्कर दुनिया के ताने सहता रहता है||
कोई युवा बेवशी में जब राह भटकने लगता है|
तब कवि हृदय हुकूमत के प्रति जहर उगलने लगता है||
नहीं हीर और राँझा की मैं गाथा गाने आया हूँ|
वाणी की तीखी तीखी तलवार चलाने आया हूँ|| #manojkumarmanju
#manju
#hindipoems

Rakesh Kumar Dogra

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देश की नीति बदलना और नियति बदलने में फर्क है,
इतना जितना चकला चलाने और चर्खा चलाने में होता है। #NojotoQuote

Mukesh Poonia

Story of Sanjay Sinha फिल्म ‘तीसरी कसम’ जब मैंने देखी थी, तब मैं उसे ठीक से समझ नहीं पाया था। फिल्म एक बैलगाड़ी चलाने वाले की नौजवान की कहानी है। एक बार वो एक लड़की को अपनी गाड़ी में बिठाता है। रास्ते भर वो उसे अपनी कहानियां सुनाता है। बैलगाड़ी हांकते हुए वो कई यादों से गुज़रता है। वो याद करता है कि कैसे उसने एक बार एक चोर को अपनी गाड़ी में बिठाया था और फंस गया था। तब उसने कसम खाई थी कि कभी किसी चोर को अपनी गाड़ी में नहीं बिठाएगा। फिर एक बार वो बांस गाड़ी में लाद कर ले जा रहा होता है, अचानक उस

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Story of Sanjay Sinha 
 फिल्म ‘तीसरी कसम’ जब मैंने देखी थी, तब मैं उसे ठीक से समझ नहीं पाया था। फिल्म एक बैलगाड़ी चलाने वाले की नौजवान की कहानी है। एक बार वो एक लड़की को अपनी गाड़ी में बिठाता है। रास्ते भर वो उसे अपनी कहानियां सुनाता है। बैलगाड़ी हांकते हुए वो कई यादों से गुज़रता है। वो याद करता है कि कैसे उसने एक बार एक चोर को अपनी गाड़ी में बिठाया था और फंस गया था। तब उसने कसम खाई थी कि कभी किसी चोर को अपनी गाड़ी में नहीं बिठाएगा। फिर एक बार वो बांस गाड़ी में लाद कर ले जा रहा होता है, अचानक उस

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