Nojoto: Largest Storytelling Platform

Best कंकण Shayari, Status, Quotes, Stories

Find the Best कंकण Shayari, Status, Quotes from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about

  • 3 Followers
  • 50 Stories
    PopularLatestVideo

Anurag Mishra

mute video

Kavi Diptesh Tiwari

मेरा हिंदुस्तान

read more
दक्षिण में कलकल करती गंगा ,उत्तर में पर्वतराज हिमालय है,
ऋषि मुनियों की धरती में कंकण कंकण शंकर और शिवालय है,
चरण चुम रत्नाकर भी देता भारत मां को सम्मान है,
प्राकृतिक छटा बिखेरे छै ऋतुओं वाला मेरा हिंदुस्तान है,

राम, कृष्ण ,बलराम स्वयं चुम गये जो माटी को,
शत्रु के रक्तो से प्यास बुझी वो राणा वाली घाटी को,
लक्ष्मी दुर्गा और रानी हाड़ा का ये स्वाभीमान है,
बलिदानों के हवनकुंड से उगा आज का हिंदुस्तान है,

बट जाए धार नदी की लेकिन नीर कहाँ बट सकती है,
बट जाए माँ के बेटे लेकिन मां की छीर कहाँ बट सकती है,
हम सब हिन्दू,मुस्लिम,सिक्ख ईसाई एक मां की संतान है,
ऐसे आपस में  कभी न बटने वाली भूमि मेरा हिंदुस्तान है,

हम अब भी वीर वही है जिसने ढेड़लाख सेना को छेड़ा था,
गौरी,तुगलग और हिसंक भेड़ियों को सतरह बार खदेड़ा था,
इस मिट्टी के हर युवा दिल में गूंज रहा वंदेमातकरम गान हैं,
अब घर के भीतर शत्रुओं को मारने वाला मेरा हिंदुस्तान हैं

        कवि दिप्तेश तिवारी



 #NojotoQuote मेरा हिंदुस्तान

Anil Siwach

।।श्री हरिः।। 38 - तुलसी-पूजन मैया तुलसी-पूजन कर रही है। गौर श्रीअंग, रंत्न-खचित नील कौशेेय वस्त्र कटि में कौशेय रज्जु से कसा है। चरणों में रत्ननूपुर हैं। कटि में रत्न जटित स्वर्णकाञ्ची है। करों में चूड़ियाँ हैं, कंकण हैं। रत्न जटित अंगूठियाँ हैं। भुजाओं में केयूर हैं। कंठ में सौभाग्य-सूत्र, मुक्तामाल, रत्नहार है और है नील कञ्चुकी रत्नखचित्त लाल कौशेय ओढनी। मोतियों से सज्जित माँग, मल्लिका-मालय-मंडित वेणी। आकर्ण-चुम्बित कज्जल-रञ्जित लोचन, कर्णों में रत्न-कुण्डल, भालपर सिन्दूर-बिन्दु, मैया ब्रजेश

read more
।।श्री हरिः।।
38 - तुलसी-पूजन

मैया तुलसी-पूजन कर रही है। गौर श्रीअंग, रंत्न-खचित नील कौशेेय वस्त्र कटि में कौशेय रज्जु से कसा है। चरणों में रत्ननूपुर हैं। कटि में रत्न जटित स्वर्णकाञ्ची है। करों में चूड़ियाँ हैं, कंकण हैं। रत्न जटित अंगूठियाँ हैं। भुजाओं में केयूर हैं। कंठ में सौभाग्य-सूत्र, मुक्तामाल, रत्नहार है और है नील कञ्चुकी रत्नखचित्त लाल कौशेय ओढनी। मोतियों से सज्जित माँग, मल्लिका-मालय-मंडित वेणी। आकर्ण-चुम्बित कज्जल-रञ्जित लोचन, कर्णों में रत्न-कुण्डल, भालपर सिन्दूर-बिन्दु, मैया ब्रजेश

Anil Siwach

|| श्री हरि: || 22 - नाम बताओ 'अरे, कौन है? छोड़ भी।' आज तनिक भद्र सखाओं से हटकर तमाल तरु के मूल में आ बैठा था। तमाल की ओट से आकर कन्हाई ने पीछे से उसके दोनों नेत्र अपने करों से बन्द कर लिये भद्र चौंका नहीं; किन्तु उसने अपने दोनों करों से नेत्र बन्द करने वाले के कर कलाइयों से कुछ ऊपर पकड़ लिये। अब यह स्पर्श भी क्या पहिचानने की अपेक्षा करता है? रुनझुन नूपुर भी बजे थे। बहुत सावधानी से आने पर भी कटि की मणिमेखला में कुछ क्वणन हुआ ही था और नन्दनन्दन के श्री अंग से जो उसकी वनमाला में लगी तुलसी का स

read more
|| श्री हरि: ||
22 - नाम बताओ 

'अरे, कौन है? छोड़ भी।' आज तनिक भद्र सखाओं से हटकर तमाल तरु के मूल में आ बैठा था। तमाल की ओट से आकर कन्हाई ने पीछे से उसके दोनों नेत्र अपने करों से बन्द कर लिये भद्र चौंका नहीं; किन्तु उसने अपने दोनों करों से नेत्र बन्द करने वाले के कर कलाइयों से कुछ ऊपर पकड़ लिये।

अब यह स्पर्श भी क्या पहिचानने की अपेक्षा करता है? रुनझुन नूपुर भी बजे थे। बहुत सावधानी से आने पर भी कटि की मणिमेखला में कुछ क्वणन हुआ ही था और नन्दनन्दन के श्री अंग से जो उसकी वनमाला में लगी तुलसी का स


About Nojoto   |   Team Nojoto   |   Contact Us
Creator Monetization   |   Creator Academy   |  Get Famous & Awards   |   Leaderboard
Terms & Conditions  |  Privacy Policy   |  Purchase & Payment Policy   |  Guidelines   |  DMCA Policy   |  Directory   |  Bug Bounty Program
© NJT Network Private Limited

Follow us on social media:

For Best Experience, Download Nojoto

Home
Explore
Events
Notification
Profile