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अदनासा-
#FourLinePoetry भूख उदर और स्वाद का भेद जैसे भूख से बिलख रहे हर उदर को समय पर जो भोजन मिलता है वह उसका स्वादिष्ट व्यंजन होता है ©अदनासा- #fourlinepoetry #हिंदी #भूख #व्यंजन #उदर #Instagram #Facebook #Pinterest #स्वाद #अदनासा
गौरव 'हिन्दुस्तानी'
उदर की तालाबन्दी रात के तकरीबन 3 बज रहे होंगे कि अचानक पेट की पीड़ा से आँख खुल गयी। पीड़ा भी ऐसी कि किसी तरह लुंगी सम्भालते हुए गुसलख़ाने की तरफ भागा। 15 मिनट तक गुसलख़ाने में मेहनत करने के बाद जब बाहर आये, तब भी दर्द में कोई फ़र्क नहीं पड़ा। घर मे दर्द की पड़ी दवाईयाँ भी खा लिए लेकिन दर्द ऐसे कुंडली मार कर बैठा था जैसे उसका स्थायी पता यही हो। दर्द के इस आलम में बरबस ही मुँह से निकल पड़ा "साला ये कौन सी मुसीबत आन पड़ी।" तभी आकाशवाणी की तरह ही उदरवाणी हुई, कुछ गड़-गड़ाहट, कुछ फुस्सा-फुसी और कुछ परपराहट के बाद एक स्पष्ट आवाज़ कानों में आयी.... उदरवाणी- "बस चंद मिनटों की पीड़ा तुम्हें मुसीबत लगने लगी और मुझे जो पिछले 16 दिनों से लगातार पीड़ा दे रहे हो उसका क्या ?" मैं- "मैंने कौन सी पीड़ा दी तुम्हें ?" उदरवाणी- "पापी एक तो पाप करते हो और अब अन्जान बन रहे हो" मैं- "पाप ? मैंने कौन सा पाप किया ?" उदरवाणी- पिछले 16 दिनों से बैठे बैठे जो घास फूस मुझमें भर रहे हो, वो पाप नहीं तो क्या है ? मैं- "भाई वो तो शुद्ध सात्विक भोजन है।" उदरवाणी- "भाई मत बोल, भाई बोलने का हक़ खो दिया तूने और क्या शुद्ध सात्विक भोजन बे साले। बड़ा संत बन रहा है तू ? उतने दिनों से जो लज़ीज़ माँस और अमृत समान मदिरा का सेवन करा रहा था क्या वो पाप था चू..." मैं- (बीच में रोकते हुए) "ओये अपशब्द मत बोल।" उदरवाणी- "अबे चुप चूड़ा के छटे हुए कचड़े, ये बता मेरी ख़ुराक मुझे देता है या बढ़ाऊँ अपना टॉर्चर?" मैं- "अरे यार इस तालाबंदी में मैं तेरी ख़ुराक कहाँ से लाऊँ ?" उदरवाणी- "साले आम के अचार के गुठली ये भी मैं ही बताऊँ ? मुझे इनकी आदत लगाने से पहले सोचना था तुम्हें।" मैं- "अरे यार गलती हो गयी मुझसे, आगे से ध्यान रखूँगा। लेकिन अभी मुझे इस पीड़ा से मुक्त कर दे मुझसे सहन नहीं हो रहा।" उदरवाणी- "सुन बे चिमण्डी से शक्ल के मेरा ख़ुराक मुझे दे वर्ना वो हश्र करूँगा कि उदर की तालाबंदी करना भूल जाएगा।" ........और तभी एक जोर के गड़-गड़ाहट, कुछ फुस्सा-फुसी और कुछ परपराहट के साथ मेरी आँखें खुल गयी और मैं भागता हुआ गुसलख़ाने में घुसा। ✒️गौरव 'हिन्दुस्तानी' #उदर #तालाबन्दी #हास्य_व्यंग्य
Deepansh Mittal
प्रेम कोणी कोई बंधन जाने कोणी जाने कोई रीत - दस्तूर उदर, उदर मिलन को तरस रहे प्रेमियन का, कइयाँ कोणी कसूर
Anil Siwach
Anil Siwach
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Anil Siwach
Anil Siwach
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