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Best लगाता Shayari, Status, Quotes, Stories

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Smarty Sachin

💖इश्क ही #खुशिया देता है
                     #इश्क ही दर्द बन जाता है.💖

💖वो ही #जख्मो *घावों से #भरता है 
              जो #कभी मरहम #लगाता है.💖
💃sk💞

©Smarty Sachin #apart

virat dixit

सिगरेट के कश मे बराबर लगाता  हु... 
जिन्दगी ऐसी भी होती है यह बताता हु... 
और रही बात पिने पिलाने
और मेहखानो की
तो यह सब शायरी के बहाने मे मंच पर ही बताता हु... 
सिगरेट के कश मे बराबर लगाता हु.. #hindi #hindikavita #hindi_poetry #hindilover #hindipoem #hindipoetry #hindimotivation #hindiwriters #poetry #poetrycommunity #poetryporn #poetrylovers #urdupoetryworld #poetryclub #poetrylife

तन्हा

धूप तेज थी और #सूरज भी सर पर था मैं #बांधकर #कपड़ा चेहरे पर ,#चेहरा ना बचाता तो क्या करता #आंधियां जोरो की चली थी शहर में और मेरे घर में #दरवाजा भी नहीं था मैं #खिड़कियां भी ना #लगाता तो क्या करता

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धूप तेज थी और सूरज भी सर पर था
 मैं बांधकर कपड़ा चेहरे पर ,
चेहरा  भी ना बचाता तो क्या करता 

और
आंधियां जोरो की चली थी शहर में 
और मेरे घर में दरवाजा भी नहीं था
 मैं खिड़कियां भी ना लगाता तो क्या करता धूप तेज थी और #सूरज भी सर पर था
 मैं #बांधकर #कपड़ा चेहरे पर ,#चेहरा ना बचाता तो क्या करता 
#आंधियां जोरो की चली थी शहर में 
और मेरे घर में #दरवाजा भी नहीं था
 मैं #खिड़कियां भी ना #लगाता तो क्या करता

तन्हा

#बेवफा #इश्क़ #धोखा #tears #आंसू #जान #TumBewafa #धूप #तेज थी और #सूरज भी #सर पर था मैं #बांधकर #कपड़ा #चेहरे पर ,#चेहरा ना बचाता तो क्या करता #आंधियां #जोरो की चली थी #शहर में और #मेरे #घर में #दरवाजा भी नहीं था #मैं #खिड़कियां भी ना #लगाता तो क्या #करता

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धूप तेज थी और सूरज भी सर पर था
 बांधकर कपड़ा चेहरे पर ,
मैं चेहरा भी ना बचाता तो क्या करता !
आंधियां जोरो की चली थी शहर में 
और मेरे घर में  , दरवाजा भी नहीं था
 मैं खिड़कियां भी ना लगाता तो क्या करता !

एक लड़की हंसी और ऐसे हंसी की  ,
 उसे कभी , कोई गम मिला ही नहीं
अपना दर्द भी ना सुनाता उसे , तो क्या करता !
और चांद को घमंड हो गया था की ,
उससे खूबसूरत और कोई है ही नहीं, 
अब तेरी तस्वीर भी उसे ना दिखाता , तो क्या करता !
एक समंदर मांग रहा था , पानी की भीख मुझसे
अब मैं आंसू भी ना बहाता , तो क्या करता ! #बेवफा #इश्क़ #धोखा #tears #आंसू #जान #tumbewafa

#धूप #तेज थी और #सूरज भी #सर पर था
 मैं #बांधकर #कपड़ा #चेहरे पर ,#चेहरा ना बचाता तो क्या करता 
#आंधियां #जोरो की चली थी #शहर में 
और #मेरे #घर में #दरवाजा भी नहीं था
 #मैं #खिड़कियां भी ना #लगाता तो क्या #करता

तन्हा

#बेवफा #इश्क़ #धोखा #tears #आंसू #जान #TumBewafa #धूप #तेज थी और #सूरज भी #सर पर था मैं #बांधकर #कपड़ा #चेहरे पर ,#चेहरा ना बचाता तो क्या करता #आंधियां #जोरो की चली थी #शहर में और #मेरे #घर में #दरवाजा भी नहीं था #मैं #खिड़कियां भी ना #लगाता तो क्या #करता

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धूप तेज थी और सूरज भी सर पर था
 बांधकर कपड़ा चेहरे पर ,
मैं चेहरा भी ना बचाता तो क्या करता !
आंधियां जोरो की चली थी शहर में 
और मेरे घर में  , दरवाजा भी नहीं था
 मैं खिड़कियां भी ना लगाता तो क्या करता !

एक लड़की हंसी और ऐसे हंसी की  ,
 उसे कभी , कोई गम मिला ही नहीं
अपना दर्द भी ना सुनाता उसे , तो क्या करता !
और चांद को घमंड हो गया था की ,
उससे खूबसूरत और कोई है ही नहीं, 
अब तेरी तस्वीर भी उसे ना दिखाता , तो क्या करता !
एक समंदर मांग रहा था , पानी की भीख मुझसे
अब मैं आंसू भी ना बहाता , तो क्या करता ! #बेवफा #इश्क़ #धोखा #tears #आंसू #जान #tumbewafa

#धूप #तेज थी और #सूरज भी #सर पर था
 मैं #बांधकर #कपड़ा #चेहरे पर ,#चेहरा ना बचाता तो क्या करता 
#आंधियां #जोरो की चली थी #शहर में 
और #मेरे #घर में #दरवाजा भी नहीं था
 #मैं #खिड़कियां भी ना #लगाता तो क्या #करता

Sudeep Keshri✍️✍️

Fit India Movement सुबह सुबह जल्दी जग जाता हूँ,
अपनी नींद पूरी लेता हूँ,
थोड़ा व्यायाम करता हूँ,
दिन भर मुस्कुराता हूँ,
मौका मिलने पर खुलकर खिलखिलाता हूँ,
तीन वक्त का संतुलित आहार खाता हूँ,
जरूरत पड़ने पर आहार पे भी अल्पविराम लगाता हूँ,
नॉनवेज हाथ नहीं लगाता हूँ,
इतने से अपने तन और मन को तंदुरुस्त पाता हूँ,
सबसे जरूरी अपने आसपास का माहौल ऐसा बनाता हूँ,
कि साथ काम करने वाले भी खूब मस्ती कर पाते हैं,
हाँ जब कभी भी मौका मिले प्रकृति का
भरपूर लुफ्त उठाता हूँ
जिससे खूब सुकून पाता हूँ। #FitIndiaMovement

Dilip Makwana

माँ #poem

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चरणों की धूल                    "माँ"
तेरे चरणों की धूल को मष्तक पर लगाता हूं
तेरे पांवों के निशान पर शीश झुकाता हूं
माँ...तेरा वात्सल्य आसमाँ छूना सिखाता है
तेरा कर्जदार हूं......
तेरी चुनड़ की छांव में रहकर ये कर्ज चुकाता हूं
न् जाने कितनी खाँगड राहो को पार करके 
मुझे समतल रास्ता सौपा है
अब मैं उन राहो पर रोज प्रेम के फूल सजाता हूं
तेरे धैर्य का जीवंत साक्षी हूं मैं,
तेरी विन्रमता का कायल हूं माँ,
अब मैं आवेश में इस अमृत का घूँट पीता-पिलाता हूं
तेरे चरणों की धूल को मष्तक पर लगाता हूं
तेरे पांवों के निशान पर शीश झुकाता हूं !! माँ

आदाब ( V + A ) 786

मेरा तजुर्बा बोलता है । जो मक्खन

लगाता है । वही चुना लगाता

है

Rj Rajendra

#nishaa nishani 😍

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नशा नशा भी क्या शब्द बनाया, आगे नी लगाता हू तो निशा की याद आ जाती है और अगर निशा के साथ नी को पीछे लगाता हू तो उसकी निशानी याद आ जाती है।। #nishaa nishani 😍

Sudeep Keshri✍️✍️

बचपन सपने chocolates ice cream कविता

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बचपन के सपने बचपन के सपने भी क्या कमाल के होते हैं 
जिस चीज की चाहत होती है
मन उसी में खोते है
न किसी बात की चिंता न फिक्र होती है
मन भी अजीब अजीब चीजों को ढोती है
जैसे मैं अपनी बात बताता हूं
जब मैं सोता था तो सपनों में खोता था
कभी आइसक्रीम तो कभी चॉकलेट्स के ढेर लगाता था
कभी फ्रूटी के टंकी में डुबकी लगाता था
कभी पंछी बनकर उड़ जाता था
तो कभी दौड़ता था पर आगे न बढ़ पाता था
दशहरा दिवाली आती थी
बढ़ा ज़िद मचाता था
मुझको वो टिक टिक पटाखा वाला बंदूक भाता था
जब तक ना मिल जाता था
ज़िद चरम तक पहुंचाता था
चाचू ने वीडियो गेम दिलया था
जो मुझे बहुत रास आया था
हैरानी तो इस बात की है...
जो चीज नहीं मिल पाती थी
सोच यहां तक चली जाती थी
बड़ा होकर इतने पैसे कमाऊंगा
सबको खरीद लाऊंगा। #बचपन #सपने #chocolates #ice #cream #कविता
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