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अच्छा सुनो !

मेरे और तेरे बीच
कौन सा चिन्ह सही रहेगा !
+  या फिर  - #चिन्ह

✍️बि स्कुवार B²

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सानोमा अक्षर चिन्ह गार्‍हो हुन्थ्यो अहिले आएर अक्षर त चिनियो तर मान्छे चिन्ह सार्है गार्‍हो हुन्छ।

Pnkj Dixit

🌷👰💓💝 कहां है तुम्हारा गांव ? " स्नेहा ! "क्या याद है तुम्हें ,हमारी पहली मुलाकात ।" अरविंद ने किताब में मुंह गड़ाए हुए और चाय की चुस्कियां लेते हुए पास खड़ी स्नेहा से पूछा । ... और फिर दोनों अतीत की यादों में खो गए। .. और ऐसा प्रतीत हुआ मानों दोनों आपस में संवाद कर रहे हो । एक हसीन सफर पर अनजान मंजिल की तलाश में घर से निकले थे हम । गाड़ी अपनी रफ्तार से हवा को चीरती हुई बढ़ती चली जा रही थी अपने गंतव्य की तरफ ,,, तुम मेरे सामने वाले सीट पर खिड़की के पास बैठी हुई थी। सीट नंबर ४२ ।

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आज की कहानी 

"कहां है तुम्हारा गांव"

🌷👰💓💝
...✍ कमल शर्मा'बेधड़क' 🌷👰💓💝
कहां है तुम्हारा गांव ? "

स्नेहा ! "क्या याद है तुम्हें  ,हमारी पहली मुलाकात ।"
अरविंद ने किताब में मुंह गड़ाए हुए और चाय की चुस्कियां लेते हुए पास खड़ी स्नेहा से पूछा । ... और फिर दोनों अतीत की यादों में खो गए। .. और ऐसा प्रतीत हुआ मानों दोनों आपस में संवाद कर रहे हो । 

       एक हसीन सफर पर अनजान मंजिल की तलाश में घर से निकले थे हम । गाड़ी अपनी रफ्तार से हवा को चीरती हुई बढ़ती चली जा रही थी अपने गंतव्य की तरफ ,,,
तुम मेरे सामने वाले सीट पर खिड़की के पास बैठी हुई थी। सीट नंबर ४२ ।

Pnkj Dixit

🌷👰💓💝 कहां है तुम्हारा गांव ? " स्नेहा ! "क्या याद है तुम्हें ,हमारी पहली मुलाकात ।" अरविंद ने किताब में मुंह गड़ाए हुए और चाय की चुस्कियां लेते हुए पास खड़ी स्नेहा से पूछा । ... और फिर दोनों अतीत की यादों में खो गए। .. और ऐसा प्रतीत हुआ मानों दोनों आपस में संवाद कर रहे हो । एक हसीन सफर पर अनजान मंजिल की तलाश में घर से निकले थे हम । गाड़ी अपनी रफ्तार से हवा को चीरती हुई बढ़ती चली जा रही थी अपने गंतव्य की तरफ ,,, तुम मेरे सामने वाले सीट पर खिड़की के पास बैठी हुई थी। सीट नंबर ४२ । #जीवन #कहानी #अहसास #कविता

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आज की कहानी

"कहां है तुम्हारा गांव" 🌷👰💓💝
कहां है तुम्हारा गांव ? "

स्नेहा ! "क्या याद है तुम्हें  ,हमारी पहली मुलाकात ।"
अरविंद ने किताब में मुंह गड़ाए हुए और चाय की चुस्कियां लेते हुए पास खड़ी स्नेहा से पूछा । ... और फिर दोनों अतीत की यादों में खो गए। .. और ऐसा प्रतीत हुआ मानों दोनों आपस में संवाद कर रहे हो । 

       एक हसीन सफर पर अनजान मंजिल की तलाश में घर से निकले थे हम । गाड़ी अपनी रफ्तार से हवा को चीरती हुई बढ़ती चली जा रही थी अपने गंतव्य की तरफ ,,,
तुम मेरे सामने वाले सीट पर खिड़की के पास बैठी हुई थी। सीट नंबर ४२ ।

Ankit Mishra

#लघु #कथा #शीर्षक शर्मा जी का lunch box ---------------------------------------------------- शर्मा जी को नीद नही आ रही थी।और रात काफी हो चुकी थी। बगल मे लेटी उनकी पत्नी कुछ बड़बड़ा रही थी। जो अपने पॉच साल के बेटे को गोद में किसी कम्बल कि तरह लपेटे थी। कि अचानक से बहस सुरू हो गयी। शर्मा जी और उनकी पत्नी एक दूसरे कि और पीठ कर के लेटे थे। और बड़ी ही मन्द आवाज में बहस चल रही थी। कि अगर राजू को अगर अच्छी पढाई करानी है तो घर की आय बढानी होगी। पत्नी के इस विचार के साथ

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 #लघु #कथा #शीर्षक शर्मा जी का lunch box
----------------------------------------------------
शर्मा जी को नीद नही आ रही थी।और रात काफी हो चुकी थी। बगल मे लेटी उनकी पत्नी कुछ बड़बड़ा रही थी। जो अपने पॉच साल के बेटे को गोद में किसी कम्बल कि तरह लपेटे थी। 
       कि अचानक से बहस सुरू हो गयी।
        शर्मा जी और उनकी पत्नी एक दूसरे कि और पीठ कर के लेटे थे। 
        और बड़ी ही मन्द आवाज में बहस चल रही थी। कि अगर राजू को अगर अच्छी पढाई करानी है तो घर की आय बढानी होगी।
          पत्नी के इस विचार के साथ

ruchi tiwari

प्रतीक को सिर्फ़ चिन्ह न रहने दो ,
शक्ति को यूँ माटी में न घुलने दो,
पहचान खुद की खुद को करने दो,
चुप्पी तोड़ लफ्जों को बहने दो ।।
         _रुचि तिवारी #NojotoQuote #प्रतीक 
#चिन्ह 
#चुप्पी 
#लफ्जों 
#शक्ति 
#nojoto
#nojotohindi
#hindi

Anil Siwach

।।श्री हरिः।। 47 - वैद्यराज कृष्ण का नाम ही भवौषधि है, यह बात बड़ी जटा-दाढीवाले ऋषि-मुनियों की अथवा वेद-शास्त्र की। भोले गोप, गोपियाँ इसे नहीं जानते। छोटे गोप-बालक तो भला क्या जानेंगे; किन्तु कन्हाई का स्पर्श सब पीड़ा हर लेता है, यह सबका अपना अनुभव है। कोई आवश्यक नहीं है कि किसी का सिर पीड़ा ही करे। सच तो यह है कि किसी रोग का कोई अधिदेवता ऐसा नहीं जो किसी की उपासना-आराधना के द्वारा दबाव डालने पर भी नन्दब्रज की ओर देखने का साहस कर सके। स्वेच्छा से तो क्या आएगा। अघ और अरिष्ट का अर्थ तो आप जानते

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।।श्री हरिः।।
47 - वैद्यराज

कृष्ण का नाम ही भवौषधि है, यह बात बड़ी जटा-दाढीवाले ऋषि-मुनियों की अथवा वेद-शास्त्र की। भोले गोप, गोपियाँ इसे नहीं जानते। छोटे गोप-बालक तो भला क्या जानेंगे; किन्तु कन्हाई का स्पर्श सब पीड़ा हर लेता है, यह सबका अपना अनुभव है।

कोई आवश्यक नहीं है कि किसी का सिर पीड़ा ही करे। सच तो यह है कि किसी रोग का कोई अधिदेवता ऐसा नहीं जो किसी की उपासना-आराधना के द्वारा दबाव डालने पर भी नन्दब्रज की ओर देखने का साहस कर सके। स्वेच्छा से तो क्या आएगा।

अघ और अरिष्ट का अर्थ तो आप जानते

Anil Siwach

।।श्री हरिः।। 1 - तन्मय यह कन्हाई अद्भुत है, जहाँ लगेगा, जिससे लगेगा, उसी में तन्मय हो जायगा और उसे अपने में तन्मय कर लेगा । श्रुति कहती है- 'रूपं-रूपं है प्रतिरूपो बभूव।' #Books

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।।श्री हरिः।।
1 - तन्मय
यह कन्हाई अद्भुत है, जहाँ लगेगा, जिससे लगेगा, उसी में तन्मय हो जायगा और उसे अपने में तन्मय कर लेगा । 

श्रुति कहती है-

'रूपं-रूपं है प्रतिरूपो बभूव।'

Ankit pandey

पूर्णविराम-

तुम उपविराम बन आ जाती हो जब भी मेरी पोथी में,
मैं तुमसे मिलने आता हूँ बन योजक चिन्ह प्रतीक प्रिये,
तुम प्रश्न बोध करवाती तब, लगता मैं विष्मय बोधक सा,
तुम निर्देशक चिन्हित होती, मैं हो जाता विस्तार प्रिये,
तुम अल्प विराम बनी फिरती, मैं होता अर्ध विराम पुनः,
तुम कोष्टक चिन्हित होती हो,मैं विवरण सा विस्तार प्रिये,
तुम कर्ता-कारक लगती हो,मैं क्रिया विशेषण बना फिरूँ,
तुम संज्ञा होती अगर कहीं, मैं सर्वनाम का नाम प्रिये,
तुम आती गर योजक बन कर,मैं उपविराम बन लग जाता,
दोनों मिलकर उद्धरण बने फिर विवरण चिन्ह बना जाता,
तुम संधि शब्द बन आ जाती,मैं होता उसके भेद प्रिये,
तुम होती गर विच्छेदन तब, मैं बन जाता आकार प्रिये,
तुम अनेकार्थी बन आती, मैं एकार्थक में खुश रहता,
तुम पर्यावाची दिखती जब, बन जाता वहीँ समास प्रिये,
तुम रस बनकर के आ जाओ, मैं ले लूं एक श्रृंगार प्रिये,
तुम हिंदी में छप जाओगी,जब है शब्दों में प्यार प्रिये, 
मैं चाहूँ इन्ही विरामों को, ये जीवन का आधार दिखें,
आओ मेरे तुम जीवन में बन कर के पूर्ण विराम प्रिये,
मैं हिंदी को लिखता बैठूँ, तुम बन जाओ आराम प्रिये,
बन जाओ पूर्ण विराम प्रिये,बन जाओ पूर्ण विराम प्रिये।। #DPF #poem #word #poornaViram #poet #kavishala #hindinama #kavita #nojoto #words

RAJ SINGH ✔️

--------------------------- #चुनाव ------------------------- -----------------------#राष्ट्र_या_धर्म ------------------------ आजकल एक चर्चा हर जगह है राष्ट्र या धर्म मे आप क्या चुनना चाहेंगे , ये सवाल वो लोग पूछ रहे है जिनसे भारत के सभी चिन्ह और वंदेमातरम पूरा सुनाने को बोल दो तो बगले झांकने लगेंगे , भैया सवाल पूछने से पहले सवाल तो समझ लो कि पूछ क्या रहे हो , सवाल सही भी या नही ---- भारत एक सांस्कृतिक, धार्मिक और भाषाई विविधता वाला देश है। देशभक्ति ही वह धागा है जो लोगों को उनके विभिन्न सांस् #Books #लेकिन #जबकि #विशेष #Patriotism_vs_nationalism

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--------------------------- #चुनाव -------------------------

-----------------------#राष्ट्र_या_धर्म ------------------------

आजकल एक चर्चा हर जगह है राष्ट्र या धर्म मे आप क्या चुनना चाहेंगे , ये सवाल वो लोग पूछ रहे है जिनसे भारत के सभी चिन्ह और वंदेमातरम पूरा सुनाने को बोल दो तो बगले झांकने लगेंगे , भैया सवाल पूछने से पहले सवाल तो समझ लो कि पूछ क्या रहे हो , सवाल सही भी या नही ----

भारत एक सांस्कृतिक, धार्मिक और भाषाई विविधता वाला देश है। देशभक्ति ही वह धागा है जो लोगों को उनके विभिन्न सांस्
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