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Amit Pandey

#ठेला

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इनकी भी जिंदगी है।
दिन भर काम करे फिर शाम की रोटी।।
                                       #ठेला चालक

Vidhi

चाहे सड़क के बायीं तरफ अपने कंधों पे बस्ता लटकाये अपनी माँ के इंतजार में खड़ी एक लड़की ललचाई आँखों से सामने वाले ठेले की तरफ देखती या फ़िर दायीं तरफ वो ठेला सँभालने वाली लड़की आँखें फाड़ फाड़ कर उस बस्ते वाली लड़की की ओर देखती, दोनों ही सूरतों में बात कुछ अलग कुछ एक सी होतीं। दोनों ही अपना मन मसोस कर रह जातीं।

"डॉक्टर ने मना किया है ना तुझे, फ़िर भी जब देखो तब बस बर्फ़ के गोले खाने की ज़िद! जानती है ना, हाईजीनिक नहीं होता ये सब।"

"जानती है ना तेरी माँ इतना नहीं कमाती। उस पर से बैठ कर खाने मुँह हज़ार। लेकिन जब देखो तब वही एक रट! इस्कूल इस्कूल इस्कूल..." #YQdidi #कहानी #बर्फगोला #बर्फ़गोला #स्कूल #बस्ता #ठेला

Deepak Dhindoli

#Messageoftheday #चाय का #ठेला #रात #अकेला #बातों का #मेला #Deepak_Dhindoli Rajeev Gupta Komal kasyap saloni Bhatia dhyan mira Sudha Tripathi #ज़िन्दगी

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#MessageOfTheDay हाड़ कंपाने वाली सर्दी 
और सफ़र पर में अकेला था
सड़क किनारे दूर शहर से
चाय का एक ठेला था
रात बहुत हो चुकी थी
ठेले पर वो भी अकेला था
बैठ साथ हमने पी चाय
बातों का लगा मेला था
रात भर सुनाते रहे एक दूजे को
जिंदगी में जो झमेला था
सुबह हुई और मैं फिर चल पड़ा
यही समय का खेला था।।

©Deepak #Messageoftheday #चाय का #ठेला  #रात #अकेला #बातों का #मेला  #Deepak_Dhindoli #Nojoto  Rajeev Gupta Komal kasyap saloni Bhatia dhyan mira Sudha Tripathi

TAHIR CHAUHAN

#ठेला#यादों के ठेले

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नुक्कड़ का ये ठेला देख कर।
मन मेरा हर्षाता था।
गोलगप्पे और टिक्की समोसे।
खाने इन पर जाता था।
होते थे सारे दोस्त इक्कठे।
जो भी मेरे अलबेले है।
ये नुक्कड़ के नहीं है।
मेरी यादों के ये ठेले है।
ताहिर।।। #ठेला#यादों के ठेले

@Devidkurre

वाणी मेरी नही लेकिन विचार इनके जैसे ही है किसकी है जनवरी, किसका अगस्त है? कौन यहां सुखी है, कौन यहां मस्त है? सेठ है, शोषक है, नामी गला-काटू है गालियां भी सुनता है, भारी थूक-चाटू है चोर है, डाकू है, झूठा-मक्कार है कातिल है, छलिया है, लुच्चा-लबार है जैसे भी टिकट मिला, जहां भी टिकट मिला #बाबा_नागार्जुन

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किसकी है जनवरी, किसका अगस्त है? 
कौन यहां सुखी है, कौन यहां मस्त है? 
सेठ है, शोषक है, नामी गला-काटू है 
गालियां भी सुनता है, भारी थूक-चाटू है 
चोर है, डाकू है, झूठा-मक्कार है 
कातिल है, छलिया है, लुच्चा-लबार है 
जैसे भी टिकट मिला, जहां भी टिकट मिला
शासन के घोड़े पर वह भी सवार है 
उसी की जनवरी छब्बीस 
उसीका पन्द्रह अगस्त है 
बाकी सब दुखी है, बाकी सब पस्त है 
कौन है खिला-खिला, बुझा-बुझा कौन है 
कौन है बुलंद आज, कौन आज मस्त है 
खिला-खिला सेठ है, श्रमिक है बुझा-बुझा 
मालिक बुलंद है, कुली-मजूर पस्त है 
सेठ यहां सुखी है, सेठ यहां मस्त है 
उसकी है जनवरी, उसी का अगस्त है 
पटना है, दिल्ली है, वहीं सब जुगाड़ है 
मेला है, ठेला है, भारी भीड़-भाड़ है 
फ्रिज है, सोफा है, बिजली का झाड़ है 
फैशन की ओट है, सबकुछ उघाड़ है 
पब्लिक की पीठ पर बजट का पहाड़ है 
गिन लो जी, गिन लो, गिन लो जी, गिन लो 
मास्टर की छाती में कै ठो हाड़ है! 
गिन लो जी, गिन लो, गिन लो जी, गिन लो 
मज़दूर की छाती में कै ठो हाड़ है! 
गिन लो जी, गिन लो, गिन लो जी, गिन लो 
घरनी की छाती में कै ठो हाड़ है! 
गिन लो जी, गिन लो, गिन लो जी, गिन लो 
बच्चे की छाती में कै ठो हाड़ है! 
देख लो जी, देख लो, देख लो जी, देख लो 
पब्लिक की पीठ पर बजट का पहाड़ है! 
मेला है, ठेला है, भारी भीड़-भाड़ है 
पटना है, दिल्ली है, वहीं सब जुगाड़ है 
फ्रिज है, सोफा है, बिजली का झाड़ है 
फैशन की ओट है, सबकुछ उघाड़ है 
महल आबाद है, झोपड़ी उजाड़ है 
गऱीबों की बस्ती में उखाड़ है, पछाड़ है 
धत् तेरी, धत् तेरी, कुच्छों नहीं! कुच्छों नहीं 
ताड़ का तिल है, तिल का ताड़ है 
ताड़ के पत्ते हैं, पत्तों के पंखे हैं 
पंखों की ओट है, पंखों की आड़ है 
कुच्छों नहीं, कुच्छों नहीं 
ताड़ का तिल है, तिल का ताड़ है 
पब्लिक की पीठ पर बजट का पहाड़ है! 
किसकी है जनवरी, किसका अगस्त है! 
कौन यहां सुखी है, कौन यहां मस्त है! 
सेठ ही सुखी है, सेठ ही मस्त है 
मंत्री ही सुखी है, मंत्री ही मस्त है 
उसी की है जनवरी, उसी का अगस्त है।

#बाबा_नागार्जुन वाणी मेरी नही लेकिन विचार इनके जैसे ही है 
किसकी है जनवरी, किसका अगस्त है? 
कौन यहां सुखी है, कौन यहां मस्त है? 
सेठ है, शोषक है, नामी गला-काटू है 
गालियां भी सुनता है, भारी थूक-चाटू है 
चोर है, डाकू है, झूठा-मक्कार है 
कातिल है, छलिया है, लुच्चा-लबार है 
जैसे भी टिकट मिला, जहां भी टिकट मिला

Bharat Vaishnav

right naa

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राहुल गांधी के घर के सामने
 फोटोग्राफी की दूकान
 दारु की दुकान के सामने 
नमकीन का ठेला 
जिम के सामने 
जूस की दूकान 
हॉस्पिटल के पास
 मेडिकल स्टोर 
और महिला कॉलेज के पास गोलगप्पे का ठेला खोल लो , लाइफ सेट है right naa


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