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DHAKAD HAI HARYANA

हरियाणवी कलाकार को पत्नी ने लगाई गोललाठी #जमकर करी पिटाई @वीडियो हो गई वायरल @दारु पीना पड़ा भारी #भिवानी जिले के सिवानी तहसील का है मामला #न्यूज़

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Amit Saini

#जमकर होगी बर्फबारी सर्दियों में

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Winter and Snowfall   इन सर्दियों में 
अगर तू भी ना होती
 तो तुझे भी बेवफा कहते 
जमने वाली ओस की बूंदे #जमकर होगी बर्फबारी सर्दियों में

Maneesh Ji

#शराब🍷 ,, #साकीं 🙋‍♀️,, #मदिरा🍺 ,, #मदिरालय 🍻 और #मैं 🙋‍♂️ ............................................................................ 🥀🥀🥀🥀🥀🥀🥀🥀🥀🥀🥀🥀🥀🥀🥀🥀🥀🥀🥀 साकीं 👉 साकीं वों जों #मयख़ानें में #शराब पिलाने का #काम करतीं हैं ............................................................................ 🥀🥀🥀🥀🥀🥀🥀🥀🥀🥀🥀🥀🥀🥀🥀🥀🥀🥀🥀 #दिल #बात #मैंने #अब #क्या #मुझे #याद #सब #पता #दोस्त #जाऊँगा #दूर #मंदिर #यूँही #दर्द #लौट #नशा #बदन #समझ #तुझे #शायरी #मालूम #इंसान #बोलता #यादों #आँखों #ग़म #मस्जिद #झूठ #मजहब #जिंदा #छाया #दोस्तों #ज़रा #कदर #सहारे #बर्बाद #मुलाक़ात #दुनियां #जहां #पाया #साथ #नशे #वापस #निकाल #निवाला #बेवजह #अलावा #पान #ठिकाना #मुद्दतों #सम्भाल #गले #हमदर्दी #हलक #डूबा #उतार #उठकर #जमकर #ख़ाक #लड़खड़ा #आओं #चर्च #ज़ख्म #अंजुमन #ख़ातिर #ख़ुद्दारी #मौंत #मयख़ाना #मौंहब्ब़त #Mr_MANEESH #मदिरा🍺 #यारीं #बेंदख़ल #दिखाईं #गुरुद्वारे

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- MERI SHAYARI MERI DASTAAN #शराब🍷 ,, #साकीं 🙋‍♀️,, #मदिरा🍺 ,, #मदिरालय 🍻 और #मैं 🙋‍♂️
............................................................................
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साकीं 👉 साकीं वों जों #मयख़ानें में #शराब पिलाने का #काम करतीं हैं
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रजनीश "स्वच्छंद"

दर्द बहा फिर पानी बनकर।। जमकर रोया, आंख भिगोया, दर्द बहा फिर पानी बनकर। नमक घुला आंसू में मेरे, प्यार रहा नादानी बनकर। क्या थी दस्तक, कौन था आया, #Love #Truth #kavita #ishk

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दर्द बहा फिर पानी बनकर।।

जमकर रोया, आंख भिगोया,
दर्द बहा फिर पानी बनकर।
नमक घुला आंसू में मेरे,
प्यार रहा नादानी बनकर।

क्या थी दस्तक, कौन था आया,
किससे करूँ मैं अपनी बातें।
आकर अब तो दीप बुझा जा,
रास न आयीं अपनी रातें।
रोते रहे बस नाम ले तेरा,
और कहां कोई नाम सुना था।
दुनिया दुश्मन आज बनी है,
और कहां कोई नाम चुना था।
ले जा अपना गीला दुपट्टा,
यादें जी भर के हैं नहाईं।
गीला बदन है, गीली यादें,
रातें जी भर के है समाईं।
वो जुगनू जो टिम टिम करता,
आज ज़मीं निस्तेज पड़ा है।
जीवन के कई रंग हैं देखे,
ये ज़ालिम रंगरेज़ बड़ा है।
तुमको रंगता मुझको रंगता,
आज रंगा है कहानी बनकर।
जमकर रोया, आंख भिगोया,
दर्द बहा फिर पानी बनकर।

वो बारिश की बूंदे फिर से,
आग लगाने अंगना आयीं।
ख़्वाब सजे बारात सजी थी,
आज चढ़ाने कंगना लायीं।
दिल मेरा शहनाई हुआ है,
दर्द में भी ये बजता है।
दीवारों पे भी लग गईं लड़ियाँ,
आंखों में मोती सजता है।
आज विदा कर दो तुम मुझको,
आये बाराती गए बाराती।
यादें दुल्हन बनकर निकलीं हैं,
टीका लगाती बिंदि सजाती।
सेज सजाया है फूलों से,
आतुर हैं सांसें सोने को।
तुम जो गयी है ग़म भी नहीं,
है कौन बचा अब रोने को।
इश्क कराहें ले कहता है,
क्या पाया तू जवानी बनकर।
जमकर रोया, आंख भिगोया,
दर्द बहा फिर पानी बनकर।

©रजनीश "स्वछंद" दर्द बहा फिर पानी बनकर।।

जमकर रोया, आंख भिगोया,
दर्द बहा फिर पानी बनकर।
नमक घुला आंसू में मेरे,
प्यार रहा नादानी बनकर।

क्या थी दस्तक, कौन था आया,

सोमेश त्रिवेदी

इक नज़र का दोष है जो इस क़दर भटका हुआ हूं, ये है पता कि रिस्क है पर प्यार में लटका हुआ हूं। जिस गली है घर तेरा उस गली में हो बसेरा, पर डर है तेरे बाप की #somesh_trivedi

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इक नज़र का दोष है
जो इस क़दर भटका हुआ हूं,
ये है पता कि रिस्क है
पर प्यार में लटका हुआ हूं।

जिस गली है घर तेरा
उस गली में हो बसेरा,
पर डर है तेरे बाप की
नजरों में मैं खटका हुआ हूं।

इश्क़ में जब तक कुटाई
या पिटाई हो नहीं,
जमकर सुताई हो नहीं
जमकर धुनाई हो नहीं। 

तब तक नहीं मिलता है दर्जा
मजनुओं को मजनुओं का,
इसी आसरे में आसरा है
इसी आसरे अटका हुआ हूं।

ये है पता कि रिस्क है
पर प्यार में लटका हुआ हूं  #NojotoQuote इक नज़र का दोष है
जो इस क़दर भटका हुआ हूं,
ये है पता कि रिस्क है
पर प्यार में लटका हुआ हूं।

जिस गली है घर तेरा
उस गली में हो बसेरा,
पर डर है तेरे बाप की

Arpi Dwivedi

Manu bhatt reena uikey Danish Mehra Lokesh Jain Divya Joshi #बारिश#लव #शायरी

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#बारिश


जमकर वर्षा आज हमारे शहर में  पानी 
मैंने भी मौका नहीं छोड़ा
👇👇👇
जमकर नहाया
जमकर रोया Manu bhatt reena uikey  Danish Mehra Lokesh Jain Divya Joshi #बारिश#लव

Anil Siwach

।।श्री हरिः।। 53 - श्याम भी असमर्थ आज फिर भद्र रूठ गया है। कन्हाई इसकी सुनता नहीं - इतना विलम्ब हो गया, इसके अरूण कोमल अधर सूखने लगे, उदर नीचा हो गया, यह क्षुधातुर है और भद्र की बात ही नहीं सूनता। ऐसा खेल में लगा है कि इसे अपने श्रान्त होने, क्षुधातुर होने का ध्यान नहीं। भद्र कहता है - 'अब चल, सब भोजन करें।' 'तू भूखा है? तुझे अभी से क्षुधा लगी है?' श्याम उलटे ही पूछता है - 'तू छीका नहीं लाया तो सुबल का छीका खा ले।' यह भी कोई बात हुई। भद्र अपनी क्षुधा के कारण कन्हाई को क्रीड़ा-विरमित होने को क

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।।श्री हरिः।।
53 - श्याम भी असमर्थ

आज फिर भद्र रूठ गया है। कन्हाई इसकी सुनता नहीं - इतना विलम्ब हो गया, इसके अरूण कोमल अधर सूखने लगे, उदर नीचा हो गया, यह क्षुधातुर है और भद्र की बात ही नहीं सूनता। ऐसा खेल में लगा है कि इसे अपने श्रान्त होने, क्षुधातुर होने का ध्यान नहीं। भद्र कहता है - 'अब चल, सब भोजन करें।'

'तू भूखा है? तुझे अभी से क्षुधा लगी है?' श्याम उलटे ही पूछता है - 'तू छीका नहीं लाया तो सुबल का छीका खा ले।'

यह भी कोई बात हुई। भद्र अपनी क्षुधा के कारण कन्हाई को क्रीड़ा-विरमित होने को क

Anil Siwach

|| श्री हरि: || 2 -उलझन में राम श्याम दोनों आकर द्वार के बाहर खड़े ही हुए थे कि एक तितली कहीं से उड़ती आयी और दाऊ की अलकों पर बैठ गयी। कन्हाई यह कैसे सहन करले कि यह क्षुद्र प्राणी उसके अग्रज के सिर पर ही बैठे; किन्तु तितली को हटाने के लिए हाथ बढ़ाया तो वह अलकों से उड़ कर इसके दाहिने हाथ की नन्हीं मध्यमा अँगुली पर ही आ बैठी। इतनी सुकुमार, इतनी अरुण अँगुली - तितली को बैठने के लिए इससे अधिक मृदुल, सुन्दर सुरभित कुसुम भला कहाँ मिलने वाला है। अब श्याम उलझन में पड़ गया है। यह अपनी अँगुली पर बैठी इस छो #Books

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|| श्री हरि: ||
2 -उलझन में

राम श्याम दोनों आकर द्वार के बाहर खड़े ही हुए थे कि एक तितली कहीं से उड़ती आयी और दाऊ की अलकों पर बैठ गयी। कन्हाई यह कैसे सहन करले कि यह क्षुद्र प्राणी उसके अग्रज के सिर पर ही बैठे; किन्तु तितली को हटाने के लिए हाथ बढ़ाया तो वह अलकों से उड़ कर इसके दाहिने हाथ की नन्हीं मध्यमा अँगुली पर ही आ बैठी। इतनी सुकुमार, इतनी अरुण अँगुली - तितली को बैठने के लिए इससे अधिक मृदुल, सुन्दर सुरभित कुसुम भला कहाँ मिलने वाला है।

अब श्याम उलझन में पड़ गया है। यह अपनी अँगुली पर बैठी इस छो


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