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Siraj Quraishi

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B Pawar

#JokerQuotes #भ्रष्ट #सामाजिक_पिस्सू #नरपिशाच #असमाजिक #curruption #parasitesofsoceity #yqhindi Image source: Thanks to Google. All original documents ©whosmi B Pawar 🌐www.whosmi.wordpress.com

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समाज की भलाई किए बिना केवल 
लाभ उठाकर उच्च पदों पर बैठे लोग 
या स्वार्थपरक धन जुटाने वाले,ये सभी
रक्तचूसक पिस्सुओं की तरह होते हैं।  #jokerquotes #भ्रष्ट #सामाजिक_पिस्सू 
 #नरपिशाच #असमाजिक #curruption #parasitesofsoceity #yqhindi 


Image source: Thanks to Google.
All original documents ©whosmi B Pawar
🌐www.whosmi.wordpress.com

Vinay Suryawanshi (Tej Vinay)

#बिका हुआ पत्रकार #सोई जनता #भ्रष्ट राजनेता #अनुभव की कलम से

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"किसी भी देश को बर्बाद करने की लिए तीन ही चीजे महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है ,
१)सोई हुई जनता
२)बिका हुआ पत्रकार
३)भ्रष्ट राजनेता
जिस देश में इन तीन चीजों का आपस में अच्छा तालमेल है,उसे किसी दुश्मन की जरूरत नहीं है"।
 #बिका हुआ पत्रकार
#सोई जनता
#भ्रष्ट राजनेता
#अनुभव की कलम से

મસ્તાન

#अंतःकरण #हिंदी #भ्रष्ट #yqdidi #yqdidihindi #yqhindi देवदूत की खाल में दानव होते हैं।

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जिनका अंतःकरण ही भ्रष्ट हो वो अच्छे बन तो जाते है लेकिन अच्छे होते नहीं ।  #अंतःकरण  #हिंदी #भ्रष्ट #yqdidi #yqdidihindi #yqhindi 
देवदूत की खाल में दानव होते हैं।

Funny Singh🐼

आजकल दुनियाँ में किसी से बोलो कि तुम भ्रष्ट हो।
तो वो मना नहीं करता कि मैं भ्रष्ट नहीं हूं।
बल्कि पलटकर जवाब देता है कि तुम नहीं हो क्या?😜
😁😁😁Think about it😁😁😁 #भ्रष्ट #curruption #roast #funny #funnysingh #yqbaba #yqdidi

@thewriterVDS

समय है चुनाव का,
कई नाम सुनाई देता है,
कहीं राम सुनाई देता है,
मजहब के नाम पर कहीं,
धड़ाम सुनाई देता है।

कोई इसको बदनाम किया
हुआ अपने बदनाम कभी
फिर मिले पार्टी किया
भूल चूक अब माफ सभी
कभी नेता, अभिनेता
कहीं श्याम सुनाई देता है
इंसानियत के नाम पर कहीं
भ्रष्ट काम सुनाई देता है।

भ्रष्ट अपना आचार किया
दुसरों को नसीहत देता है
कभी ये न किया कभी वो न किया
कुछ भी नहीं करनें देता है
कभी धर्म कभी जाति
कहीं बाट काम सुनाई देता है
बेरोजगारी के नाम पर
भ्रष्टाचार सुनाई देता है।। #भ्रष्टाचार

#समय है #चुनाव का,
कई #नाम #सुनाई देता है,
कहीं #राम सुनाई देता है,
#मजहब के नाम पर कहीं,
#धड़ाम सुनाई देता है।

Sanjeev Jha

कभी काना को काना कह कर
सिर फोड़वाते देखा था
अब भ्रष्टों को भ्रष्ट ही कह लो
उफ भी नहीं निकलता है
बेशक दुनिया बदल गयी है
हम भी मान चुके अब तो
कीमत की पूजा होती है
सीरत कौन समझता है

©संजीव #काना #सिर #भ्रष्ट #दुनिया #कीमत #सीरत 

#Diwali

TARUN KUMAR VIMAL

लेख बड़ा जरूर है लेकिन कुछ समजनें को मिलता है।...............
दुनिया के भ्रष्टाचार मुक्त देशों में शीर्ष पर गिने जाने वाले न्यूजीलैंण्ड के एक लेखक ब्रायन ने भारत में व्यापक रूप से फैंलें भष्टाचार पर एक लेख लिखा है। ये लेख सोशल मीडि़या पर काफी वायरल हो रहा है। लेख की लोकप्रियता और प्रभाव को देखते हुए विनोद कुमार जी ने इसे हिन्दी भाषीय पाठ़कों के लिए अनुवादित किया है। –

न्यूजीलैंड से एक बेहद तल्ख आर्टिकिल।

भारतीय लोग  होब्स विचारधारा वाले है (सिर्फ अनियंत्रित असभ्य स्वार्थ की संस्कृति वाले)

भारत मे भ्रष्टाचार का एक कल्चरल पहलू है। भारतीय भ्रष्टाचार मे बिलकुल असहज नही होते, भ्रष्टाचार यहाँ बेहद व्यापक है। भारतीय भ्रष्ट व्यक्ति का विरोध करने के बजाय उसे सहन करते है। कोई भी नस्ल इतनी जन्मजात भ्रष्ट नही होती

ये जानने के लिये कि भारतीय इतने भ्रष्ट क्यो होते हैं उनके जीवनपद्धति और परम्पराये देखिये।

भारत मे धर्म लेनेदेन वाले व्यवसाय जैसा है। भारतीय लोग भगवान को भी पैसा देते हैं इस उम्मीद मे कि वो बदले मे दूसरे के तुलना मे इन्हे वरीयता देकर फल देंगे। ये तर्क इस बात को दिमाग मे बिठाते हैं कि अयोग्य लोग को इच्छित चीज पाने के लिये कुछ देना पडता है। मंदिर चहारदीवारी के बाहर हम इसी लेनदेन को भ्रष्टाचार कहते हैं। धनी भारतीय कैश के बजाय स्वर्ण और अन्य आभूषण आदि देता है। वो अपने गिफ्ट गरीब को नही देता, भगवान को देता है। वो सोचता है कि किसी जरूरतमंद को देने से धन बरबाद होता है।

जून 2009 मे द हिंदू ने कर्नाटक मंत्री जी जनार्दन रेड्डी द्वारा स्वर्ण और हीरो के 45 करोड मूल्य के आभूषण तिरुपति को चढाने की खबर छापी थी। भारत के मंदिर इतना ज्यादा धन प्राप्त कर लेते हैं कि वो ये भी नही जानते कि इसका करे क्या। अरबो की सम्पत्ति मंदिरो मे व्यर्थ पडी है।

जब यूरोपियन इंडिया आये तो उन्होने यहाँ स्कूल बनवाये। जब भारतीय यूरोप और अमेरिका जाते हैं तो वो वहाँ मंदिर बनाते हैं।

भारतीयो को लगता है कि अगर भगवान कुछ देने के लिये धन चाहते हैं तो फिर वही काम करने मे कुछ कुछ गलत नही है। इसीलिये भारतीय इतनी आसानी से भ्रष्ट बन जाते हैं।

भारतीय कल्चर इसीलिये इस तरह के व्यवहार को आसानी से आत्मसात कर लेती है, क्योंकि

1 नैतिक तौर पर इसमे कोई नैतिक दाग नही आता। एक अति भ्रष्ट नेता जयललिता दुबारा सत्ता मे आ जाती है, जो आप पश्चिमी देशो मे सोच भी नही सकते ।

2 भारतीयो की भ्रष्टाचार के प्रति संशयात्मक स्थिति इतिहास मे स्पष्ट है। भारतीय इतिहास बताता है कि कई शहर और राजधानियो को रक्षको को गेट खोलने के लिये और कमांडरो को सरेंडर करने के लिये घूस देकर जीता गया। ये सिर्फ भारत मे है

भारतीयो के भ्रष्ट चरित्र का परिणाम है कि भारतीय उपमहाद्वीप मे बेहद सीमित युद्ध हुये। ये चकित करने वाला है कि भारतीयो ने प्राचीन यूनान और माडर्न यूरोप की तुलना मे कितने कम युद्ध लडे। नादिरशाह का तुर्को से युद्ध तो बेहद तीव्र और अंतिम सांस तक लडा गया था। भारत मे तो युद्ध की जरूरत ही नही थी, घूस देना ही ही सेना को रास्ते से हटाने के लिये काफी था।  कोई भी आक्रमणकारी जो पैसे खर्च करना चाहे भारतीय राजा को, चाहे उसके सेना मे लाखो सैनिक हो, हटा सकता था।

प्लासी के युद्ध मे भी भारतीय सैनिको ने मुश्किल से कोई मुकाबला किया। क्लाइव ने मीर जाफर को पैसे दिये और पूरी बंगाल सेना 3000 मे सिमट गई। भारतीय किलो को जीतने मे हमेशा पैसो के लेनदेन का प्रयोग हुआ। गोलकुंडा का किला 1687 मे पीछे का गुप्त द्वार खुलवाकर जीता गया। मुगलो ने मराठो और राजपूतो को मूलतः रिश्वत से जीता श्रीनगर के राजा ने दारा के पुत्र सुलेमान को औरंगजेब को पैसे के बदले सौंप दिया। ऐसे कई केसेज हैं जहाँ भारतीयो ने सिर्फ रिश्वत के लिये बडे पैमाने पर गद्दारी की।

सवाल है कि भारतीयो मे सौदेबाजी का ऐसा कल्चर क्यो है जबकि जहाँ तमाम सभ्य देशो मे ये  सौदेबाजी का कल्चर नही है

3- भारतीय इस सिद्धांत मे विश्वास नही करते कि यदि वो सब नैतिक रूप से व्यवहार करेंगे तो सभी तरक्की करेंगे क्योंकि उनका “विश्वास/धर्म” ये शिक्षा नही देता।  उनका कास्ट सिस्टम उन्हे बांटता है। वो ये हरगिज नही मानते कि हर इंसान समान है। इसकी वजह से वो आपस मे बंटे और दूसरे धर्मो मे भी गये। कई हिंदुओ ने अपना अलग धर्म चलाया जैसे सिख, जैन बुद्ध, और कई लोग इसाई और इस्लाम अपनाये। परिणामतः भारतीय एक दूसरे पर विश्वास नही करते।  भारत मे कोई भारतीय नही है, वो हिंदू ईसाई मुस्लिम आदि हैं। भारतीय भूल चुके हैं कि 1400 साल पहले वो एक ही धर्म के थे। इस बंटवारे ने एक बीमार कल्चर को जन्म दिया। ये असमानता एक भ्रष्ट समाज मे परिणित हुई, जिसमे हर भारतीय दूसरे भारतीय के विरुद्ध है, सिवाय भगवान के जो उनके विश्वास मे खुद रिश्वतखोर है 

लेखक-ब्रायन,
गाडजोन न्यूजीलैंड

 ( समाज की बंद आँखों को खोलने के लिए इस मैसेज  को जितने लोगो तक भेज
#tarun_kumar_vimal सकते हैं भेजने का कष्ट करें ।) #indian #politics #tarun_kumar_vimal

✍️ रोहित

Baba ji ka thullu #चौकीदार! भ्रष्ट कांग्रेस का क्या हुआ?

हर रोज भाषणों में कांग्रेस भ्रष्ट बोल,
आज तक भक्तों को ये मूरख बना रहा।
कांग्रेसियों ने सारा देश लूट खा लिया है,
सारी रैलियों में यही जुमला चला रहा।
भक्त सुन-सुन के मगन हुए घूम रहे,
छप्पन इंच का प्रभाव दुनियाँ में छा रहा।
पाँच साल हो गई हैं, किन्तु सभी बाहर हैं, 
चौकीदार किसी को न जेल भिजवा रहा।। #NojotoQuote

Beparvah96

राम को नहीं अब रावण को पुजते है, इस कलयुग में सत्य को छोड़कर असत्य को अपनाते हैं, भुल जाते हैं की राम तो अनंत है पर रावन बनकर खुद का अंत पातें है, अब बुरे कर्म से नही डरते हैं अच्छे कर्मों को छोड़ देते हैं, यह राम को नहीं अब रावण को भगवान मानते हैं! कोई नारी अब कहा सुरक्षित है कोई कृष्ण बनने कहा तैयार है,द्रौपदी का वस्त्र हरन होता अब सरेआम है, मन अब भुल गये हैं तन पर इसको अभिमान है, सादगी नहीं रहती यहां अब शर्म रास्तों पर नीलाम है,भक्ति का नशा नहीं चढता हैं अब नशे में पुरी रात रहते #Poetry #story #Thoughts #Hindi #feelings #writer #Shayari #poems #nojotoenglish #hindinojoto #indianwriters #twolinethoughts

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राम नहीं अब रावण ही इनका भगवान है! 
Read in caption...  #NojotoQuote राम को नहीं अब रावण को पुजते है, इस कलयुग में सत्य को छोड़कर असत्य को अपनाते हैं, भुल जाते हैं की राम तो अनंत है पर रावन बनकर खुद का अंत पातें है, अब बुरे कर्म से नही डरते हैं अच्छे कर्मों को छोड़ देते हैं, यह राम को नहीं अब रावण को भगवान मानते हैं! 
             कोई नारी अब कहा सुरक्षित है कोई कृष्ण बनने कहा तैयार है,द्रौपदी का वस्त्र हरन होता अब सरेआम है, मन अब भुल गये हैं तन पर इसको
अभिमान है, सादगी नहीं रहती यहां अब शर्म रास्तों पर नीलाम है,भक्ति का नशा नहीं चढता हैं अब नशे में पुरी रात रहते
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