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writervinayazad
✍️✍️ धृतराष्ट्र का वध कोई नहीं करता उसे तो स्वयं ही मरना होता है ©writervinayazad ✍️✍️ धृतराष्ट्र का वध कोई नहीं करता उसे तो स्वयं ही मरना होता है #विनय_आजाद #writervinayazad #धृतराष्ट्र #वध #मरना #स्वयं
अद्वैतवेदान्तसमीक्षा
क्यों मनाते हैं नवरात्र? नवरात्र के पीछे कई कथाएं प्रचलित हैं, पर निम्न दो कथाएं सर्वाधिक तार्किक एवं प्रचलित हैं। पहली कथा है- ब्रह्माजी ने श्रीराम से रावण का वध करने के लिए चण्डी देवी की उपासना कर उन्हें प्रसन्न करने के लिए कहा था। चण्डी पाठ एवं हवन के लिए दुर्लभ नीलकमल की भी व्यवस्था स्वयं ब्रह्माजी ने कर दी। वहीं दूसरी ओर रावण ने भी अमरत्व के लिए चण्डी पाठ शुरू कर दिया। यह बात पवन के माध्यम से इन्द्र ने श्रीराम तक पहुंचा दी। इधर रावण ने राम की पूजा बाधित करने के लिए मायावी तरीके से पूजा-स्थल से एक नीलकमल गायब कर दिया। तभी श्रीराम को स्मरण हुआ कि उन्हें ‘नवकंजलोचन’ (कमलनयन) भी कहा जाता है। श्रीराम ने अपने एक नेत्र को मां की आराधना में समर्पित करने के उद्देश्य से जैसे ही तुणीर से बाण निकाल कर अपने नेत्र में चलाना चाहा, वैसे ही मां दुर्गा ने श्रीराम के भक्ति भाव से प्रसन्न होकर उन्हें विजयश्री का आशीर्वाद प्रदान कर किया। इस प्रकार रावण का वध हुआ और तब से मां दुर्गा की उपासना का पर्व ‘नवरात्र’ मनाया जाने लगा। दूसरी कथा है- महिषासुर की उपासना से प्रसन्न होकर देवताओं ने उसे अजेय होने का वरदान दिया। महिषासुर ने इसका दुरुपयोग शुरू कर दिया। वह सूर्य, चन्द्र, इन्द्र आदि देवताओं के अधिकार छीन स्वयं स्वर्गलोक का मालिक बन बैठा। उसके भय से पीड़ित देवताओं को स्वर्गलोक छोड़ कर मत्र्यलोक में रहना पड़ा। तब महिषासुर का नाश करने के लिए देवताओं ने मां दुर्गा की रचना की। देवताओं ने मां दुर्गा को बल प्रदान करने के लिए सभी अस्त्र-शस्त्र उन्हें प्रदान कर दिए। अंत में महिषासुर का वध कर मां दुर्गा ‘महिषासुरमर्दिनी’ कहलाईं। इस प्रकार नवरात्र का त्योहार प्रारंभ हुआ। नवरात्रि मनाने के 2 शास्त्रीय कारण
Pnkj Dixit
#OpenPoetry 🇮🇳पं• चंद्रशेखर आजाद🇮🇳 🇮🇳चन्द्रशेखर आजाद 🇮🇳 पण्डित चन्द्रशेखर 'आजाद' (२३ जुलाई १९०६ - २७ फ़रवरी १९३१) ऐतिहासिक दृष्टि से भारतीय स्वतन्त्रता संग्राम के स्वतंत्रता सेनानी थे। वे पण्डित राम प्रसाद बिस्मिल व सरदार भगत सिंह सरीखे क्रान्तिकारियों के अनन्यतम साथियों में से थे। सन् १९२२ में गाँधीजी द्वारा असहयोग आन्दोलन को अचानक बन्द कर देने के कारण उनकी विचारधारा में बदलाव आया और वे क्रान्तिकारी गतिविधियों से जुड़ कर हिन्दुस्तान रिपब्लिकन एसोसियेशन के सक्रिय सदस्य बन गये। इस संस्था के माध्यम से उन्होंने राम प्रसाद बिस्मिल क
अभिसार शुक्ल
"अर्जुन की युद्ध चिंता" अभय हृदय अशांत है, क्यों रक्त ये अधीर है । (पूरी कविता कैप्शन देखे) #NojotoQuote for #astitva "अर्जुन की युद्ध चिंता" अभय ह्रदय अशांत है, क्यों ये रक्त अधीर है, क्यों ये विरक्ति तेज़ है , क्यों मृत्यु का अभिषेक है , क्यूँ समय का अभाव है ,
अरफ़ान भोपाली
एक रावण मेरे अंदर भी है कोई इसका भी वध कर दो #रावण #वध #दिल #इश्क़ #शायरी #कविता #writer #hindiwriter #poetry #hindipoetry #shayri #lovewriter #gazal #hindipoetry #nojotolove #nojoto
Satyam Bhushan
हर साल मेरा प्रतिमा बनाकर उसका वध करने से रामराज्य का स्थापना नहीं हो सकता । अगर सही मायने मे रामराज्य स्थापित करना है तो पहले हमें अपने अंदर छिपे बुराइयों को अथार्त अपने अंदर के रावण का वध करना होगा ।। #Nojoto #Nojotohindi #satyam #Ravan #नवरात्रि #love #festival #thought #new Satyaprem Anushka Verma Internet Jockey Shivansh Mishra Anant Dr Ashish_Vats
Sagar Kumar
Shasak Singh Sengar
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