Find the Best सुन्न Shayari, Status, Quotes from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about आशिक़ुई २ सुन्न रहा है, सुन्न करने की दवा, सुन्न करने का स्प्रे, हाथो का सुन्न होना, सुन्न का अर्थ,
kalyani dhabale
हल्ली काही सुचत नाही, कुठली कविता लिहावी म्हंटली तर शब्द हळवे भेटत नाही,, भेटलेच शब्द कधी तर भावना ओल्या होत नाही खरंच हल्ली काही सुचत नाही,,,,,,,,, कोणाशी तरी बोलावं मोकळं होऊन असंही आता वाटत नाही, गर्दीत माणसांच्या मन आता रमत नाही, डोळे होतात ओले पण मन मात्र रडत नाही खरंच हल्ली काही सुचत नाही,,,,,,,,, बधिर झालंय मन हळवे हे,कोणासही पटत नाही हुंदके लपविते मीच माझे पण हसऱ्या चेहऱ्यास बघून कुणालाही वाटत नाही एकटी मी,एकटीची वाट ही माझी गरज तशी आता कुणाला भासत नाही,,,, खरंच हल्ली काही सुचत नाही,,,,,,,,, लोकं म्हणती अहंकार हा माझा पण दुखरी सल काळजातली कधीच कोणा दिसत नाही खरंच का मी दगड होतेय,,,, मग मला का ते उमगत नाही खरंच हल्ली काही सुचत नाही,,,,,,,, #दगड #सुन्न ©kalyani dhabale #TiTLi #me❤️ #me #heart #Stoneheart
Poonam Ritu Sen
होंठ उसका गहरे रंग का चाहत उसे सुकून के पल का कुछ धुँआ बाहर तो कुछ अंदर समेटे उंगलियों के बीच दबा हुआ वो खेल रहा अपनी ही जिंदगी से सुन्न दिमाग कर कड़वी यादों को भुला तृप्त मन लेकर उसकी धुंध में ही घिरा सिगरेट की लत में वो कुछ यूं डुबा #yqbaba #yqdidi #smoke #challenge #धुंआ #धुंध #होंठ #रंग #चाहत #सुकून #पल #सुन्न #दिमाग #कड़वी #याद #तृप्त #मन #सिगरेट #लत
Shitanshu Rajat
बिल्कुल सुन्न सा पड़ा था ये शहर इक रोज़, या यूँ कहूँ के सब अपने 'मतलब' में व्यस्त थे। Insensitivity #yqbaba #yqbhaijan #मतलब #सुन्न #yqdidi
Rushda Sadaf
अगर दिल सुने जाते तो दिल सन्न रह जाते..! ©Rushda Sadaf ❤️❤️❤️ #दिल #सुन्न #rushdasadaf #nojotohindi #Love #QuoteContest
gudiya
सुन्न पड़ गई ज़िन्दगी तमाचा वक़्त ने यूँ मारा राह भी सही चले रहे फिर ये मंज़िल जाने क्यूँ बेखबर रही एक हम ही नही अकेले हम जैसो के है और भी मेले इस सदी के जवानियों को जाने किसकी नज़र लगी वो दिवानगी वो मस्तानापन बेबाक- सी चंचल वो धड़कन खो गई वो कहानियाँ जी गई जो जवानियाँ अब मिलती हैं उसकी महज़ किताबों में ही निशानियाँ भ्रस्ट कुछ इस कदर हो रही मानसिकता भ्रस्टाचारी की शिकार जम के हो रही जवानियाँ खुशियों की कोई कल्पना करे भी तो कैसे करे आधार ही हमारी हीला रही कुछ ऐसी घटित हो रही कहानियाँ । ©gudiya #सुन्न पद गाई ज़िन्दगी #sunn #bharshataar #berozgari #Rose
आरिफ बुंदेलखंडवी
आरिफ बुंदेलखंडवी
Nilesh kushwaha
सुन्न रातों में तन्हाई, कुछ यूँ भुला देता हूं मैं चादर के गले लग, खुद को सुला लेता हूँ मैं। #NojotoQuote #सुन्न रातों में तन्हाई, कुछ यूँ भुला देता हूं मैं
Dilip Makwana
अहसास क्या होते है सिर्फ शब्दो मे सुने थे ! मगर एहसासों का अहसास जिसने करवाया वो अहसास हो तुम..... तुम्हे महसूस करने के लिए तुम्हारी आवाज जो बेशक कोयल सी मधुर होगी की जरूरत ही नही पड़ी मुझे, क्योंकि तुम्हारे चांद से चेहरे की कुछ खूबसूरत तस्वीरों ने तुम्हारी खूबसूरती की एक किताब छोड़ रखी थी मेरे दिल मे ! उस किताब के हर पन्ने का अल्फाज जैसे बडी वादियों में सफेद पहाड़ी के बीच गिरते झरने की कुछ बूंदों का उड़ती हवा के झरोखे के साथ चेहरे पर गिरना लगता था !! इस किताब पर हक जताना मेंरे दायरों से काफी परे था मगर चंद पन्नो से चंद अल्फाजो को पढ़ पाना ही मेरे नसीब में था.....मगर इतने ही अल्फाज काफी थे तुमसे करीब होने के...बहुत करीब होने के लिए !! एक खूबसूरत प्राकृतिक दृश्य से तुम्हारी खूबसूरती की तुलना करना शायद मेरी गुस्ताखी थी क्योंकि उस प्राकृतिक नजारे का तुम्हारे मुकाबले निरंतर बौना होना...मुझे देखा नही जा रहा था !! कभी कभी पूर्णिमा की रात में, चांद की हल्की सी रौशनी में,छत पर अकेला बैठ कर...सुन्न से पड़े मौहल्ले में....जहाँ सिर्फ पेड़ों के कुछ पत्तो के हिलने की आवाज महज मेरे कानों में स्पष्टत: आ रही थी और वही कुछ पक्षियों के चहचहाने की....... वहां उस नजारे में सिर्फ मैं ,मेरा सुन्न पड़ा मौहल्ला,पूर्णिमा की रात, हल्की सी चांदनी,पत्तो की आवाज,पक्षियों की चहचाहट और मेरी ""प्यारी सी कल्पना"""...... वहाँ खुली आँखों से कल्पना करना शायद मेरी ज़िंदगी के सबसे खूबसूरत लम्हो में से एक था !! "तुम्हारे अश्को से जब कुछ अश्रु भौहें को स्पर्श करते हुए गालों से चिपक कर सूखते होंगे तो मैं सफेद वादियों में दो पहाड़ी के बीच झरने से बह रहे पानी को महसूस कर लेता था ! ऐसी ही होगी उसकी अश्रुधारा.. ठीक इस खूबसूरत झरने की तरह !! "तुम जब चलती होगी तो तुम्हारे पैरों में बंधी पायल से निकली चन्न-चन्न की आवाज ठीक वैसी ही होगी जैसे किसी नन्ही सी जान का जन्म होते ही उसके मुख से पहली ही दफा निकली "खूबसूरत किलकारियां" जो पूरे प्राँगण में महक भर देती हो ! कल्पना ही कल्पना में जब रात मेरा साथ दे रही थी मगर स्पष्ट देख पा रहा था कि कही न कही से चाँद मुझे एकनजर से घूर रहा है ......पूछ रहा हो जैसे " कौन है वो जिस कारण तुम मुझे ही फीका महसूस कर रहे हो " मेने भी कह दिया " अच्छा है छुपी हुई है वो , वरना पूरी कायनात जुट जाएगी उसे तेरी जगह बिठाने को" !! तुम बोलती होगी तो कैसे बोलती होगी ? बड़ा उत्सुक हुए जा रहा था हर बार.....सोचता था कितने खुशनसीब होंगे वो अल्फाज जो तुम्हारी जिव्हा और होंठो को निहारते....निहारते निकलते होंगे ! कितनी खुशनसीब होगी वो मेहन्दी जो तुम्हारी हथेली पर सज कर उत्सुक हो रही होगी , और कितने खुशनसीब होंगे तुम्हारे वो हाथ जो किसी न किसी बहाने तुम्हारे गालों को चूमते होंगे !! कोसो दूर था मगर बहुत करीब आ गया था तुम्हारे, तुम्हे पाने के लिए बढ़ती रौशनी मेरा हौसला बढ़ाए जा रही थी ! मैं तुमसे कह भी देता कि "इस चाँद की रौशनी हमेशा के लिए मेरी हो" "पूरी ज़िंदगी इसी रौशनी के सामने बैठा गुजारूं" "सोच रहा था...ज़िन्दगी भर के लिए तुम्हारे अश्को को,तुम्हारे अल्फाजो को,तुम्हारे हाथों को छुट्टी पर भेज दु और ज़िन्दगी भर के लिए मैं मजदूर बन जाऊं तुम्हे निहारने के लिए" ! मगर ये सब आसान कहा था कह भी नही सकता था...."आत्मविश्वास "? आत्मविश्वास की कमी नही थी मुझमे मगर डर सा लग रहा था कि कही बहुत दूर न हो जाऊं तुमसे !! वो सब खो दूंगा जो महसूस करता हूँ ! जो सब गवा दूंगा जो सोचा भी नही हूं ! सोचता हूँ... कैसे बनाया होगा खुदा ने तुम्हे !! शायद नूर के बने तालाब में डुबोकर बाहर निकाला होगा ! खुदा की कलाकृति पर नाज है मुझे...यकीन नही हो रहा है, कोई कीसी को ऐसा कैसे बना सकता है ? यकीनन ऐसा बनाया है इसलिए तो खुदा कहते है तुझे !! मगर सुन लो खुदा.....तुम्हारे दी हुई इक इक खूबसूरती को संभाल रखा है मेरी उसने...... जितनी कशमकश खुदा ने तुझे बनाने में की है उतनी ही तूने उसे संभालने में की है ! इसलिए किसी शायर का एक शेर याद आ गया तुम्हारे लिए "मैं मानता हूँ तुम खुदा नही हो" "मगर खुदा से कम भी तो नही हो" तुम वो खूबसूरत पुष्प हो जिसके इर्द-गिर्द मेरे जैसे अनगिनत भँवरे गुनगुनाते फिरते है मगर खिलना,महकना तेरी फितरत है !! दिलीप मकवाना
Ajit Jadhav
शांतता... मुंग्याचेही लोंढे आले अन् निरव शांतता भंगून गेली... गावाकडची निरव शांतता धगाधगीत दबून राहिली... पिंपात मेले ओल्या उंदिर माना पडल्या, मुरगळल्याविण.. भंगून गेली निरव शांतता जगणे झाले, उदासविण... गिऱ्हाइकाची कदर राखणे; एवढेच माझ्या हाती उरले... सुख शांतीच्या शोधात माझे जीवन सगळे आता सरले... लाभे ना कधी निरव शांतता की ढिल्या गळा पंचम गहिरा... आठवून मग तो गाव माझा गात्रावरती या निघे शहारा... सुन्न झाले मन, सुन्न भावना लाभली ना कधी रे शांतता.. अस्थाईवर स्थाईक झाल्याशी लाभेल एकदाची चिर निद्रिता.... *''''''''''''''''''''अजित*