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Krish Vj

Urdu_Word_Collab_Challenge_ Collab करें मेरे साथ 👉 Urdu_Hindi Poetry आज का लफ्ज़ है "मलाल" अब पहले की तरह एक विजेता नहीं बल्कि 3 विजेता चुना जाएगा,, जो सबसे विजेता होगा उनको testimonial दिया जाएगा ! और दूसरे और तीसरे नंबर वाले विजेता को 'हाइलाइट' किया जाएगा। #regret #YourQuoteAndMine #खेद #aamirshaikh #पश्चात्ताप

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मलाल इतना सा है बस कुछ कर नहीं पा रहा हूँ 
ज़िन्दगी का सफ़र..चल रहा ज़िंदगी की मर्ज़ी से...!! Urdu_Word_Collab_Challenge_
Collab करें मेरे साथ 👉 Urdu_Hindi Poetry
आज का लफ्ज़ है "मलाल"

अब पहले की तरह एक विजेता नहीं बल्कि 3 विजेता चुना जाएगा,,
जो सबसे विजेता होगा उनको testimonial दिया जाएगा !
और दूसरे और तीसरे नंबर वाले विजेता को 'हाइलाइट' किया जाएगा।

Anita Saini

जो ना मिला उस पर मलाल कर ज़िंदगी से ना सवाल कीजिए जो ख़ुशी के लम्हात आएँ उनका दिल से इस्तक़बाल कीजिए! Urdu_Word_Collab_Challenge_ Collab करें मेरे साथ 👉 Urdu_Hindi Poetry आज का लफ्ज़ है "मलाल" अब पहले की तरह एक विजेता नहीं बल्कि 3 विजेता चुना जाएगा,, #regret #YourQuoteAndMine #खेद #aamirshaikh #पश्चात्ताप

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जो ना मिला उस पर मलाल कर ज़िंदगी से ना सवाल कीजिए
जो ख़ुशी के लम्हात आएँ उनका दिल से इस्तक़बाल कीजिए! जो ना मिला उस पर मलाल कर ज़िंदगी से ना सवाल कीजिए
जो ख़ुशी के लम्हात आएँ उनका दिल से इस्तक़बाल कीजिए!

Urdu_Word_Collab_Challenge_
Collab करें मेरे साथ 👉 Urdu_Hindi Poetry
आज का लफ्ज़ है "मलाल"

अब पहले की तरह एक विजेता नहीं बल्कि 3 विजेता चुना जाएगा,,

कुलदीप कुमार शब्द

Urdu_Word_Collab_Challenge_ Collab करें मेरे साथ 👉 Urdu_Hindi Poetry आज का लफ्ज़ है "मलाल" अब पहले की तरह एक विजेता नहीं बल्कि 3 विजेता चुना जाएगा,, जो सबसे विजेता होगा उनको testimonial दिया जाएगा ! और दूसरे और तीसरे नंबर वाले विजेता को 'हाइलाइट' किया जाएगा। #regret #YourQuoteAndMine #खेद #aamirshaikh #पश्चात्ताप

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  क्या लिखा है? 
 कैसा लिखा है? 
 ये किसका सवाल है?     
 खुद को पढ़ नहीं पाया अब तक
  मुझे इस बात का मलाल है 

 Urdu_Word_Collab_Challenge_
Collab करें मेरे साथ 👉 Urdu_Hindi Poetry
आज का लफ्ज़ है "मलाल"

अब पहले की तरह एक विजेता नहीं बल्कि 3 विजेता चुना जाएगा,,
जो सबसे विजेता होगा उनको testimonial दिया जाएगा !
और दूसरे और तीसरे नंबर वाले विजेता को 'हाइलाइट' किया जाएगा।

Vibha Katare

#खेद #कोरोनाकाल #वर्तमानपरिदृश्य खेद है पतीले से उबलकर दूध के उफनने का, खेद है सेल के दाम पर छांटी हुई ड्रेस न मिलने का, खेद है पसंदीदा टीवी सीरियल छूट जाने का, खेद है दो मिनट से ट्रेन के चूक जाने का, खेद है रोज वही साग-रोटी खाने का, खेद है ब्लॉकबस्टर मूवी बड़े पर्दे पर न देख पाने का,

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खेद है !
बहुत खेद है !


क्या खेद है यह अनुशीर्षक में पढ़िए। #खेद #कोरोनाकाल #वर्तमानपरिदृश्य  

खेद है पतीले से उबलकर दूध के उफनने का,
खेद है सेल के दाम पर छांटी हुई ड्रेस न मिलने का,
खेद है पसंदीदा टीवी सीरियल छूट जाने का,
खेद है दो मिनट से ट्रेन के चूक जाने का,
खेद है रोज वही साग-रोटी खाने का,
खेद है ब्लॉकबस्टर मूवी बड़े पर्दे पर न देख पाने का,

Vikas Dhaundiyal

उसका आना और जाना कहाँ एक सा था 
अब पता चला उसका इरादा कहाँ नेक सा था 

उसके और मेरे बीच छुपा कोई भेद सा था 
इस बात का उसे कभी कहाँ कोई खेद सा था 

वो जान के रिश्तों में कर रहा छेद सा था 
पता चला तब जब हो गया मैं मटियामेट सा था #इरादा #नेक #खेद #भेद #

Anil Siwach

|| श्री हरि: || सांस्कृतिक कहानियां - 8 ।।श्री हरिः।। 2 – ग्रह-शान्ति 'मनुष्य अपने कर्म का फल तो भोगेगा ही। हम केवल निमित्त हैं उसके कर्म-भोग के और उसमें हमारे लिये खिन्न होने की कोई बात नहीं है।' आकाश में नहीं, देवलोक में ग्रहों के अधिदेवता एकत्र हुए थे। आकाश में केवल आठ ग्रह एकत्र हो सकते हैं। राहु और केतु एक शरीर के ही दो भाग हैं और दोनों अमर हैं। वे एकत्र होकर पुन: एक न हो जायें, इसलिये सृष्टिकर्ता ने उन्हें समानान्तर स्थापित करके समान गति दे दी है। आधिदैवत जगत में भी ग्रह आठ ही एकत्र होते

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|| श्री हरि: || सांस्कृतिक कहानियां - 8

।।श्री हरिः।।
2 – ग्रह-शान्ति

'मनुष्य अपने कर्म का फल तो भोगेगा ही। हम केवल निमित्त हैं उसके कर्म-भोग के और उसमें हमारे लिये खिन्न होने की कोई बात नहीं है।' आकाश में नहीं, देवलोक में ग्रहों के अधिदेवता एकत्र हुए थे। आकाश में केवल आठ ग्रह एकत्र हो सकते हैं। राहु और केतु एक शरीर के ही दो भाग हैं और दोनों अमर हैं। वे एकत्र होकर पुन: एक न हो जायें, इसलिये सृष्टिकर्ता ने उन्हें समानान्तर स्थापित करके समान गति दे दी है। आधिदैवत जगत में भी ग्रह आठ ही एकत्र होते

Krishnakant Borse

हमे खेद है ... वो अपनो से मिल लिए, वो गैरों से भी मिल लिए हमे खेद है, की हम तो उनके गैर में भी नही ।।

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हमे खेद है ...
वो अपनो से मिल लिए, वो गैरों से भी मिल लिए
हमे खेद है, की हम तो उनके गैर में भी नही ।।

Anil Siwach

|| श्री हरि: || सांस्कृतिक कहानियां - 8 ।।श्री हरिः।। 2 – ग्रह-शान्ति 'मनुष्य अपने कर्म का फल तो भोगेगा ही। हम केवल निमित्त हैं उसके कर्म-भोग के और उसमें हमारे लिये खिन्न होने की कोई बात नहीं है।' आकाश में नहीं, देवलोक में ग्रहों के अधिदेवता एकत्र हुए थे। आकाश में केवल आठ ग्रह एकत्र हो सकते हैं। राहु और केतु एक शरीर के ही दो भाग हैं और दोनों अमर हैं। वे एकत्र होकर पुन: एक न हो जायें, इसलिये सृष्टिकर्ता ने उन्हें समानान्तर स्थापित करके समान गति दे दी है। आधिदैवत जगत में भी ग्रह आठ ही एकत्र होते

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|| श्री हरि: || सांस्कृतिक कहानियां - 8

।।श्री हरिः।।
2 – ग्रह-शान्ति

'मनुष्य अपने कर्म का फल तो भोगेगा ही। हम केवल निमित्त हैं उसके कर्म-भोग के और उसमें हमारे लिये खिन्न होने की कोई बात नहीं है।' आकाश में नहीं, देवलोक में ग्रहों के अधिदेवता एकत्र हुए थे। आकाश में केवल आठ ग्रह एकत्र हो सकते हैं। राहु और केतु एक शरीर के ही दो भाग हैं और दोनों अमर हैं। वे एकत्र होकर पुन: एक न हो जायें, इसलिये सृष्टिकर्ता ने उन्हें समानान्तर स्थापित करके समान गति दे दी है। आधिदैवत जगत में भी ग्रह आठ ही एकत्र होते

Anil Siwach

|| श्री हरि: || 63 - मानद 'श्याम, मैं हार गया।' श्रीदाम इस कन्हैया के समान झंझटी नहीं है। बारबार खेल में वह जीतता है, एक बार हार ही गया तो क्या हुआ? उसे अपनी हार छिपानी नहीं है। 'कनू, मैं हार गया क्या?' यह तोक भी कूदता हुआ निर्णय लेने आ पहुंचा है । 'तू भी कहीं हारता है? तू तो जीत गया है।' सच्ची बात है तोक कभी हारता नहीं । वह चाहे जिस पक्ष में रहे, पक्ष हारे या जीते, तोक तो जीतेगा ही। नन्हें तोक को भला पराजित कौन कह सकता है। उसे सभी अपनी पीठ पर ढो देना चाहते हैं। #Books

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|| श्री हरि: ||
63 - मानद

'श्याम, मैं हार गया।' श्रीदाम इस कन्हैया के समान झंझटी नहीं है। बारबार खेल में वह जीतता है, एक बार हार ही गया तो क्या हुआ? उसे अपनी हार छिपानी नहीं है।

'कनू, मैं हार गया क्या?' यह तोक भी कूदता हुआ निर्णय लेने आ पहुंचा है ।

'तू भी कहीं हारता है? तू तो जीत गया है।' सच्ची बात है तोक कभी हारता नहीं । वह चाहे जिस पक्ष में रहे, पक्ष हारे या जीते, तोक तो जीतेगा ही। नन्हें तोक को भला पराजित कौन कह सकता है। उसे सभी अपनी पीठ पर ढो देना चाहते हैं।


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