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Best नूतन Shayari, Status, Quotes, Stories

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Dr Nutan Sharma Naval

Blue Moon ग़ज़ल
रिश्ता गया था टूट,फिर से जोड़ना पड़ा।
धागा उलझ गया था,तो वो तोड़ना  पड़ा।

मेरी समझ न आया लोगों का कुछ मिजाज़।
तो खुद का रास्ता ही मुझे मोड़ना  पड़ा।

अकेली थी मैं और आगे काफिले मिले।
सभी निकले दगाबाज उनको छोड़ना पड़ा।

जो सोचा नहीं कभी,वही हर बार हुआ है।
सबकी पसंद से ही खुद को जोड़ना पड़ा।

चाहा जो जिंदगी में,वो मिला कभी नहीं।
ना चाहते हुए भी दिल को तोड़ना पड़ा।

जब झुक गई हर बार मैं रिश्तों के नाम पर।
तो अपनी ख्वाहिशों को मुझे छोड़ना पड़ा।

©Dr Nutan Sharma Naval #ग़ज़ल#रिश्ता#नूतन नवल

D Anand Singer

#नूतन वर्ष की पहली महा आरतीsunrisesunset #समाज

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Amit Singhal "Aseemit"

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Anupama Jha

नई सुबह,नया भोर
जाती रही रात्रि घनघोर
नव दिवा का स्वागत
कर लो पुरज़ोर..
रहे हृदय स्पंदित
मन हो न कुंठित
है ईश का आगमन
ये श्वासों का आवागमन
नित नूतन,नित नवीन
यह जीवन बने प्रवीण... #नया#नूतन#नवीन#yqdidi#yqbaba

Ganesh Din Pal

#नूतन वर्ष

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🌹सूर्य संवेदना पुष्पे:, दीप्ति कारुण्यगंधने|
🌹लब्ध्वा शुभम् नववर्षेअस्मिन् कुर्यात्सर्वस्य मंगलम् ||
जिस तरह सूर्य प्रकाश देता है, संवेदना करुणा को जन्म देती है, पुष्प सदैव महकता रहता है, उसी तरह यह नववर्ष 2023 आप एवं आपके परिवार के लिए हर दिन, हर पल मंगलमय हो।
🌹मान-सम्मान
🌹यश
🌹अच्छा स्वास्थ्य
🌹 संयम
🌹कीर्ति
🌹सुख-शांति
🌹समृद्धि
🌹संपन्नता  
🌹खुशी 
🌹उमंग 
🌹उत्साह 
🌹सफलता 
🌹सौहार्द 
🌹प्रेम आदि छककर मिले । इन्हीं मंगलकामनाओं के साथ नववर्ष 2023 की हार्दिक बधाई व अनंत शुभकामनाएं ।
🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹
 जी डी पाल 
🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹

©Ganesh Din Pal #नूतन वर्ष

kumarउमेश

#नूतन वर्ष की शुभकामनाएं।# #विचार

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Arjit bansal

हर रात के बाद जो एक नया सवेरा निकलता है उसे ही नई ज़िन्दगी का नया आग़ाज़ कहते है जनाब।।

©Arjit bansal #Forest #नई #ज़िंदगी#सकारात्मक#उर्जा#नूतन#रोशनी

Raghuvanshi

🇮🇳🙏🇮🇳जरूर पढ़ें 🇮🇳🙏🇮🇳 🚩भारतीय संस्कृति का नव संवत् ही नया साल है.... जब ब्रह्माण्ड से लेकर सूर्य चाँद की दिशा, मौसम, फसल, कक्षा, नक्षत्र, पौधों की नई पत्तिया, किसान की नई फसल, विद्यार्थी की नई कक्षा, मनुष्य में नया रक्त संचरण आदि परिवर्तन होते है जो विज्ञान आधारित है और चैत्र नवरात्रि का पहला दिन होने के कारण घर, मन्दिर, गली, दुकान सभी जगह पूजा-पाठ व भक्ति का पवित्र वातावरण होता है । 🚩अतः #हिन्दुस्तानी अपनी मानसिकता को बदले, विज्ञान आधारित भारतीय काल गणना को पहचाने और #चैत्री #शुक्ल पक्ष प्र #वर्ष #मनाये #नूतन #प्रतिपदा

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आप सभी मित्रों से मेरा सर्व निवेदन है,
कृपया मुझे अंग्रेजी न्यू ईयर की बधाई ना दे।
 क्योंकि मेरी संस्कृति सनातन संस्कृति है,
और मेरा मन इसे मनाने की आज्ञा नहीं देता।।
🇮🇳🙏🇮🇳जय हिंद जय भारत 🇮🇳🙏🇮🇳 🇮🇳🙏🇮🇳जरूर पढ़ें 🇮🇳🙏🇮🇳
🚩भारतीय संस्कृति का नव संवत्  ही नया साल है.... जब ब्रह्माण्ड से लेकर सूर्य चाँद की  दिशा, मौसम, फसल, कक्षा, नक्षत्र, पौधों की नई पत्तिया, किसान की नई फसल, विद्यार्थी की नई कक्षा, मनुष्य में नया रक्त संचरण आदि परिवर्तन होते है जो विज्ञान आधारित है और चैत्र नवरात्रि का पहला दिन होने के कारण घर, मन्दिर, गली, दुकान सभी जगह पूजा-पाठ व भक्ति का पवित्र वातावरण होता है ।

🚩अतः #हिन्दुस्तानी अपनी मानसिकता को बदले, विज्ञान आधारित भारतीय काल गणना को पहचाने और #चैत्री #शुक्ल पक्ष #प्र

Mahendra Singh Chundawat

उठो धरा के अमर सपूतो

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कली-कली खिल रही इधर 
वह फूल-फूल मुस्काया है। 
धरती माँ की आज हो रही 
नई सुनहरी काया है। 
नूतन मंगलमय ध्वनियों से 
गुंजित जग-उद्यान करो। 

सरस्वती का पावन मंदिर 
यह संपत्ति तुम्हारी है। 
तुम में से हर बालक इसका 
रक्षक और पुजारी है। 
कली-कली खिल रही इधर 
वह फूल-फूल मुस्काया है। 
धरती माँ की आज हो रही 
नई सुनहरी काया है। 
नूतन मंगलमय ध्वनियों से 
गुंजित जग-उद्यान करो। 

सरस्वती का पावन मंदिर 
यह संपत्ति तुम्हारी है। 
तुम में से हर बालक इसका 
रक्षक और पुजारी है। 
शत-शत दीपक जला ज्ञान के 
नवयुग का आह्वान करो। 

उठो धरा के अमर सपूतो, 
पुनः नया निर्माण करो। उठो धरा के अमर सपूतो

रजनीश "स्वच्छंद"

पथिक।।। चलो अब घर को जाएं।। रात काली हो चुकी है, रवि भी पड़ा है स्याह, झींगुरों के स्वर अनवरत, चलो अब घर को जाएं।। गांव की टूटी पगडंडिया, करते पांव टिकाने का प्रयास, रौंदता हरियाली को,

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पथिक।।।
चलो अब घर को जाएं।।

रात काली हो चुकी है, रवि भी पड़ा है स्याह,
झींगुरों के स्वर अनवरत, चलो अब घर को जाएं।।
गांव की टूटी पगडंडिया,
करते पांव टिकाने का प्रयास,
रौंदता हरियाली को,
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