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Pradeep Kumar
सुनो! ज़रा मेरी बेताबी का इश्तिहार निकाल दो, पहली मोहबत्त की मुलाकात है उनसे, मेरे धड़कनों की गूँज पे एक किताब निकाल दो। उसके दीदार कि बेताब है आँखे मेरी, खुद से बगावत कर रही, इस दिल की उस दिल में अहसास करा दो, तूफान मचा है जो तस्व्वुर में उस बेताबी पे एक एक नया फसाना लिख दो। ज़रा मेरी बेताबी पे इश्तिहार निकल दो। आहटे उसकी तन मन को झकझोर रही , अब और आहिस्ता चलने की न जोर डालो, थोड़ा और वक्त की रफ़्तार तेज़ कर दो। जितना मै बेताब हु उसके लिए, उतना ही उसे बेताब कर दो। ज़रा मेरी बेताबी पे इस्तिहार निकाल दो। #प्रदीप सरगम# #MeriBetaabi #Nojoto #flyhigh nilesh singh solanki Saeed Yousafzai RohiT SingH BagheL Uttrakshi Guddu Sen Guddu Sen
Pradeep Kumar
सुनो! ज़रा मेरी बेताबी का इश्तिहार निकाल दो, पहली मोहबत्त की मुलाकात है उनसे, मेरे धड़कनों की गूँज पे एक किताब निकाल दो। उसके दीदार कि बेताब है आँखे मेरी, खुद से बगावत कर रही, इस दिल की उस दिल में अहसास करा दो, तूफान मचा है जो तस्व्वुर में उस बेताबी पे एक एक नया फसाना लिख दो। ज़रा मेरी बेताबी पे इश्तिहार निकल दो। आहटे उसकी तन मन को झकझोर रही , अब और आहिस्ता चलने की न जोर डालो, थोड़ा और वक्त की रफ़्तार तेज़ कर दो। जितना मै बेताब हु उसके लिए, उतना ही उसे बेताब कर दो। ज़रा मेरी बेताबी पे इस्तिहार निकाल दो। #प्रदीप सरगम# #MeriBetaabi #nojotohindi #Nojoto Abdullah Qureshi neel Anjan@anu (Anurag Sharma) siyaaa🖤 Haquikat
Pradeep Kumar
जाहि छू के गुजरे पवन पुरवइया, उड़ जाएं मोरी धानी री चुनरिया, तन मन भई सखी री बावरिया। मोसे न पूछो, जियरा के हाल, श्याम रंग पियवा के दरश से भई निहाल, सखी मोहे सुध न रही तन मन की, जोगी संग लागी सखी पिरितिया के ड़ोर री। बिसरत न सुरतिया, मन भई चितचोर री, चारौ पहरी सुध रही पियवा की, विरहा की रतिया, निदिया न आवै मोहे, नयना ताके सारी रात अंजोरिया री। नयना ढूढे ल्य श्याम सावरिया, पपीहा जैसे तरसे सावन की बरिसिया, मनवा में आग जले जैसे जेठ के दुपहरिया, शीतल छैया के तरसे बदनवा, मन मोरी भई सखी री बावरिया।, #प्रदीप सरगम# #Nojoto #AwadhiBhasha #Hindi #PoetryOnline #LookingDeep Pragati Jain Adv.Renu Saxena Vasudha Uttam Meghna kapoor(Rajput) Jass Bajwa Anshu writer
Pradeep Kumar
बहुत हसींन है ये शाम, ज़रा जी भर के देख लेनो दो, सिंदूरी आँचल फैलाये, ज़रा आसमाँ को मुस्कुरा लेने दो, शांतचित है तरुवर, सावधान पर्वत भी है, ज़रा मौसम को मुस्कुरा लेने दो। दीदार कर लो इस पल को, फिर तनहा रात ही मुकम्मल होगी, आएगी रुस्वाइया जरूर, फिर से खुद को सम्हाल लेने दो, टूटेगा जो साथ इस पल का, अश्क भी न दिल को सम्हाल पायेगा। ज़रा मेरी जान को फिर से अंजान हो जाने दो। बहुत हसीन है ये शाम, ज़रा जी भर के देख लेने दो। #प्रदीप सरगम# #Nojoto #nojotonews #PoetryOnline #Trending #EscapeEvening
Pradeep Kumar
मुकद्दर से तो सारा जहां जीत जाओगे, लेकिन खुद में सिकन्दर जगा पाओगे क्या, हज़ारों दर्द सीने में रखकर, नम आँखों से अश्क बहाकर, लबो पे बेवजह मुस्कान ला पाओगे क्या? मोहबत्त करना बहुत आसान है साहब, लेकिन बेसबब वफ़ा निभा पाओगे क्या। ठोकरे देकर गिराएंगे लोग बार बार, जीना मुश्किल करके, खुद के घर से करेगे तलबगार, लेकिन फिर से तुम खुद को खड़ा कर पाओगे क्या। मतलब से इंसान साँस भी लेता है, मुश्किलो में अपनों को याद भी करता है, बिना मतलब के प्यार का रिश्ता निभा पाओगे क्या। अपनों के दर्द को अपना दर्द समझ पाओगे क्या। रुस्वाइयो को हँस के गले लगा पाओगे क्या। खुद में सिकन्दर जगा पाओगे क्या? #प्रदीप सरगम# #Nojoto #nojotonews #Hindi #PoetryOnline #Love #pradeepsargam #BoneFire Anshu writer 🌷ASMA KHAN🌷 Darshana निdhi🖤 Baibhav Kumar
Pradeep Kumar
अहसास के तराजू में तोला था तुझे एक दिन, थोड़ी चालाकी , थोड़ी मासूमियत दिखी थी उस दिन, परदे में रहकर तू खूबसूरत तो दिखती थी, तन से भी शीतल ही लगती थी, अहंकार था मुझे, तेरी काबिलियत पे, कुछ उमीदें भी जगा रही थी तेरी हैसियत पे, लेकिन तूने इसका तनिक भी न ख्याल रखा, वक्त की आंधी में खुद को न सम्हाल रखा, भूल के मंजिल को, मोहबत्त को चरम पे रखा, झूठ और बहाने का दामन हमेसा पलको पे सज़ा रखा, सब जानने के बावजूद, अनजाना बना था, चल रही थी तू जिस पथ पे, उसको भांप चूका था। खुद सम्हल जायेगी ठोकर खाकर एक दिन, बढ़ाएगी कदम सितरो की ओर, मुश्किलो की दीवार गिराकर, लेकिन अब सहा नही जाता, रोक टोक का रास्ता नही भांता, छोड़ देता तुझे, तेरी राह में, पर खुद से कुछ वादे किये मैंने जस्बात में, चौखट से शिखर तक का राह दिखाना है, हौसले का दीपक तुझमे जलना है। #प्रदीप सरगम# #Nojoto #Hindi #Love #PoetryOnline #poem #India #NightPath siyaaa🖤 unom Kaju Gautam ਚੰਦਰ ਬਾਬੂ ਸ਼ਿਵਮ(Jassi) sk. manjur
Pradeep Kumar
तुम नीर क्षीर सी कोमल हो, नयन तुमहारे मधुशाले, गुलशन सी मुस्कान तुमहारी, होठो पे लफ्ज रसीले, परि हो या अप्सरा , जो धरा को शोभायमान किये, लज़्ज़ा का आँचल ओढ़े, संध्या सी शर्माती हो, धर्म कर्म का आचरण बसा कर, प्रकृति को भी हर्षाती हो, तुम अविरल धारा सी मन में बहती हो, फ़ाज़िल बनकर कुञ्ज में, नेक राह दिखाती हो, तुम नीर क्षीर सी कोमल हो, शीतल छाया बन, हृदय को सुख देती हो, तुम चंद्रमुख सी अलबेली लगती हो। प्रभात रूपी दर्शन तुम्हरा, प्रकृति भांति सवंरती हो, तुम नीर क्षीर सी कोमल लगती हो। #प्रदीप सरगम# #LightsInHand #Hindi #Love #PoetryOnline #poem #India #kavishala #nojotonews #followers #Following Mahima Kashyap Somesh Jha Nirmal Nirala Yadav Aishwarya Lath Mohd Sadique
Pradeep Kumar
चिरागो की रौशनी ज़रा कम कर दो, मेरा दम घुटता है इनसे, अँधेरे में रहने कीआदत सी हो गयी है मुझे, थोड़ा और सुकून तलाश लेने दो मुझे, दिल में जैसे नफरत बस गयी है, उजाले की झूठी शान से, शमा के नाम से अब और न परवाना बनाओ मुझे, लहरों से कह दो, बीच दरिया से साहिल पे न लाये मुझे, अब और वफ़ा का आँचल न ओढाए मुझे, इश्क परिस्त नही रहा अब मै, जफा की नसीहत न बताओ मुझे, अल्फाज़ो के तुरीन ज़रा काम कर दो, खामोशियो से रुस्वा करो न मुझे, तूफान जो मचा है जिस्म में मेरे, दिल को जो भाए सदा मेरे, वो मोहबत्त का अहसास ज़रा काम कर दो, कुछ पल इश्क का गुनाह झेल लेने दो मुझे। चिरागो की रौशनी ज़रा काम कर दो, मेरा दम घुटता है इनसे। ##प्रदीप सरगम## #StreetNight #Nojoto #nojotonews #Hindi #Poetry सुुमन कवयित्री SAYARI STAR AMIT YADAV Radhika sweety 🌷ASMA KHAN🌷 mangal biswas
Pradeep Kumar
सोचा न था कि मुझे भी इश्क हो जयेगा, कुछ पल मुस्कुरा के आसुओ मे बदल जयेगा , सुकून से सोता था रत भर, सुबह भी देर से उठता था, लेकिन सोचा न था रात करवट में बदल जायेगा। अहसास के मीठे पल में खो जाऊंगा, होश में गर आया तो खुद को यादो के साहिल पे पाउँगा, सोचा न था मुझे भी इश्क हो जयेगा, वफ़ा करके भी बेवफा बन जाऊँगा, सब कुछ छोड़ दिया जिसके लिए, उन्ही के लिए अजनबी बन जाऊंगा। वक्त-बे-वक्त तू चली आती है याद बनके जेहन में, पलको पे आंसू, दिल में तलबगार लेके, सोचा न था घर का सबसे समझदार बावला हो जयेगा। सबको समझने वाला खुद नासमझ हो जयेगा। सोचा न था मुझे भी इश्क हो जयेगा। ##प्रदीप सरगम## #dilbechara Krishna dwivedi ruchi Jass Bajwa vkcareerguru Shivpratap singh