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Ramnik
White जख्म का बोझ उठाए चल रहे थे बहुत सख्त है ये दिखावा कर रहे थे दिल को पत्थर बना बच रहे थे पर तेरी मुस्कराहट से ना छिप सके तूने क्या जादू किया हम फिर पिघल गए सोचा ना था इश्क की गली से रूबरू होंगे तुम बिन बताए इस का हमसफर कर गए.... ©Ramnik #हस्ता _दिल#
हार्दिक कुमार झा
तोहफ़े मै एक छोटा सा गुलदस्ता लाया था महंगा नहीं था बड़ा सस्ता लाया था दौलतवाले फिर भी बड़े हैरत में थे के टूटकर भी कैसे चेहरा हस्ता लाया था.. ©हार्दिक कुमार झा #गुलदस्ता #सस्ता #हस्ता #दौलतवाले चेहरा कैसे हस्त लाया था..!
Saurav Das
मैं रोता हूं, भागता हूं, चिल्लाता हूं, हस्ता भी हूं! इस दुनियां के भिड़ में,मैं बहुत सस्ता भी हूं!! ©Saurav Das #रोता #भागता #चिल्लाता #हस्ता #दुनियां #भिड़ #सस्ता #HandsOn
हार्दिक कुमार झा
मेरे चेहरे को देखो तो हस्ता मिले इक भरोसा ही जग मै तो सस्ता मिले तू फिरती चपल चांदनी मै कहीं मेरे कांधे पे यादों का बस्ता मिले... हार्दिक_झा #हस्ता #भरोसा #याद #चेहरा
Arpit jha
Pyar Karke Jana sorry यार मुझे नहीं चाहिए तुम्हारा प्यार मैं हसने खेलने वाला लड़का हूं plz plz Mera hasta khelta Dil वापस कर दो (Arpit झा) #हस्ता खेलता दिल
Aarif Butt
सोचता हूं तो हस्ता हु और इतना हस्ता हु की रो पड़ता हु F______M Maha Khan Soumya Jain $häh ßäßä Kumari Rinu Munesh Kumari
Saurabh Jain
मैं रोज़ गमों के दलदल में धस्ता जाता हूं, मैं रोज़ गमों के दलदल में धस्ता जाता हूं, तेरा नाम ना आए जुबां पर मेरी, इसलिए हस्ता जाता हूं।। #हस्ता जाता हूं।।
Gatish Sain
हस्ता है तू, ना जाने किस कारण से, रोता है कोई बादल, जब अपने आंगन में। इस सवेरे में भी आज कल अंधेरा-सा लगता है, बंजर पड़ी एक ज़मीन पे भी, जन्नत का बसेरा-सा दिखता है, दोश नज़रो का है या बदलती सोच का, ये तो मालूम नही, मगर हस्ता हुआ आज कल तू, चांदनी-सा झलकता है। शोलो सा जलता नही तू, पानी पे चेहैकता है, मौसम की पहचान करके, तू अपने आप मे महकता है, खुशबू की क्या तारीफ करू मैं, जब तू खुद ही खुदमे मदहोश-सा टहलता है। आशा करता हूं मैं, कि सदा ऐसे ही मुस्कान बसें तेरे हसीन चेहरे पे, दुनिया की असलियत तुझे ना करे उदास कभी, एक नए कल के नए सवेरे पे। ©_bold_
uruva vadher(UV)
*हस्ता खेलता मेरा बचपन था* न किसी को पाने की आश थी न किसी को खोने का डर था इसी लिए तो हस्ता खेलता मेरा बचपन था न दुनिया की खबर थी न समाज का डर था इसी लिए तो हस्ता खेलता मेरा बचपन था न तो किसी से इर्षा थी न तो किसी से दुश्मनी थी इसी लिए तो हस्ता खेलता मेरा बचपन था सपने तो लाखों थे उन आँखों में पर पेसो के पीछे लगानी पड़ती ओ दौड़ न थी इसी लिए तो हस्ता खेलता मेरा बचपन था ओ नन्हे कंधो पर ज़िमेदारी का बोझ न था इसी लिए तो खेलता कूदता मेरा बचपन था इसी लिए तो हस्ता खेलता मेरा बचपन था मेरा बचपन था। translet मेरा बचपन #poetry
प्रDeeP परमार
क्यों फिक्र करू इस ज़माने की जब किसी का घर बस्ता है उसे देख ये जमाना हस्ता है. कोई बून्द -बून्द को तरसता है उसे देख ये जमाना हस्ता है. किसी ज़ालिम का केहर बरसता है उसे देख ये जमाना हस्ता है. #R_I_P #जमाना.