Find the Best हल्ला Shayari, Status, Quotes from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about हल्ला कहां है, नजरेने हो तो हल्ला, हल्ला करने का तरीका, हल्ला हो, शोरगुल हो हल्ला,
Avinash Jha
bench हल्ला बोल चमड़ी रगड़ करता है दमड़ी रंग भरता है भाव महंग करता है, अपनी मन मानी करता है अफ़सर उसकी चाकरी करता है बाकी सब घुन की तरह पिसता है, तेरे साथ को जो वो आतुर था हाथ जोड़, शीश नवा वो खड़ा था वादों का पिटारा लिए वो बैठा था, आशीन अब हुआ जो गद्दी पर मर रहा आम दे दे कर कर बिगड़ा बजट हर घर, मूंद लिए उसने अब निज आंखे नहीं सुनाई देती उसको अब आंहे ख़ास संग होती अब उसकी बातें, कब तल्क़ तुम ये बैठे रहोगे मायूसी की चादर तले बैठोगे भाग्य को अपने तुम कोसोगे, अब तो मानुस तू हल्ला बोल बुद्धि को तुम अब खोल जुठी वादों की खोल तू पोल, स्वागत उनका अबकी हम करेंगे वादों का नही कर्म का हिसाब करेंगे झूठे ख़्वाब नही हक़ीक़त कहेंगे. ©Avinash Jha #हल्ला बोल
vibrant.writer
अर्धसत्य सुनकर अंधा विरोध करना जिंदगीकी सबसे बड़ी मूर्खता है। जिस बातका विरोध करना हो उसे सही तरीके से जाने समझे और फिर लगे कि विरोध करने जैसा है, तब सही तरीका चुनकर विरोध करे। हमेशा हल्ला मचाना ही विरोध नहीं होता। #अर्धसत्य सुनकर #अंधाविरोध करना जिंदगीकी सबसे बड़ी मूर्खता है। जिस बातका #विरोध करना हो उसे सही तरीके से जाने समझे और फिर लगे कि विरोध करने जैसा है, तब सही तरीका चुनकर विरोध करे। हमेशा #हल्ला मचाना ही
Rashmi Vats
हल्ला मचा बड़ा इस बार । आखिर किसकी बनेगी सरकार? अखाड़े में उतरे थे कई दिग्गज, पर कमल खिल उठा फिर एक बार। रश्मि वत्स..। ©Rashmi Vats #सरकार#हल्ला बोल #Sarkaar
#maxicandragon
||4बीवी3तलाक17हलालाफिरभीपाक 72हूरेदर्जनबापचपटीधरतीमादरजात|| ||लूलालंगडाटूटेदांतबालउखाडेओकेसजात ओलाऊबरहैचिल्लातबहराघंटीसुननहीपात|| ||भेडबकरियांपेलतजातभूखलगेतोखालेकाट केशमूंछहैसुन्नसपाटबढालिएहैबाकीझांट|| ||भरीगांडपरइत्रलगातनैनसूरमालिएसजात खुदकीऔरतढकपंडालदूसरीपरहैनजरगडात|| ||हाथलिएहैबमतलवारशांतीदूतहैस्वयंकहात हल्लाहलकटमूंहमेरागनरपिशाचकीलगीजमात|| ||लिएघूमतेसभीखुरानराहखोलतीआतंकवाद पढलेगीताबनइंसानबनेकलामहैकुछअपवाद|| #ओलाऊबर #हल्ला #टोपी #खुरान #हूरें #आतंकवाद #पंचरपुत्र #हलाला #तलाक #नरपिशाच #बलात्कार #Sadharanmanushya ©#maxicandragon ||4बीवी3तलाक17हलालाफिरभीपाक 72हूरेदर्जनबापचपटीधरतीमादरजात|| ||लूलालंगडाटूटेदांतबालउखाडेओकेसजात ओलाऊबरहैचिल्लातबहराघंटीसुननहीपात|| ||भेडबकरियांपेलतजातभूखलगेतोखालेकाट केशमूंछहैसुन्नसपाटबढालिएहैबाकीझांट||
maihar rankaj chaurasia
छोटी गली बड़ा मोहल्ला होता हर त्यौहार का हल्ला जिसे कहते लोग चौरसिया मोहल्ला ©maihar rankaj chaurasia #छोटी #गली बड़ा #मोहल्ला होता हर #त्यौहार का #हल्ला जिसे कहते लोग #चौरसिया #मोहल्ला #MomentOfTime
Shweta Singh
डर के फ़ुरसत यहां, नहीं आती है अब हाय! बेचैनी करती है हल्ला बड़ा!!! #NojotoQuote #हल्ला #nojoto #nojotohindi
Patel_ki_Kalam
#Accident (आगे की कहानी जानने के लिए लाइक, कॉमेंट जरुर करे) 👇👇👇👇 एक दिन शाम को मै जल्दी सो गया था। मेरी एक साल से तबीयत कुछ सही नहीं रहती तो मां तो हमेशा 7 बजे सुबह जगाती थी लेकिन जब अगली सुबह हुई तो मां 8 बजे सुबह जगाया और बोली दिनभर सोता रहता है मैं ना होऊ तो ये खुद से जागे भी ना। उस दिन हल्ला करते हुए बोली जा ताजा होले और जाकर पीपल में पानी देकर आ तुझे तो कोई फिकर ही ना रहती है। हमेशा की तरह नहाने के बाद पास के लोहरो के घर के पास पीपल में जल देने को चल दिए। घर के आगे टेलर के दुकान के पास पहुंचे ही थे जो दुकान में बुध्दि आजी बोल पड़ी नाती आज बहुत देर कर दी।
Aditya Ans [Aditya Raj Chhatrapati]
मकर संक्रांति कविता विशेष - मकर सक्रांति :- कटी पतंग बची डोर हर तरफ हल्ला हैं ये ही, हर तरफ ये ही शोर। तिल के लड्डू खाने में, कटी पतंग बची डोर।। सक्रांति त्यौहार हैं मित्रों, दान धर्म उपकार का रहे ना कोई जन वंचित, खुशियों से इस संसार का। पर सेवा ही परम धर्म हैं, शुभ हो जाए हर भोर तिल के लड्डू खाने में, कटी पतंग बची डोर।१। ओढ़ाने और पहनाने का, इस पर्व पर हैं रिवाज छू के चरण बुजुर्गों के, करते हम खुद पर नाज। मिट जाती हैं सब दुख पीड़ा, होती खुशियाँ चहुँओर तिल के लड्डू खाने में, कटी पतंग बची डोर।२। देने से कुछ कम नहीं होता, बढ़ जाते हैं कोष खुशियाँ गम आते रहते हैं, नहीं किसी का दोष। सब की गाड़ी वो ही हाँके, चले ना 'अंस' का जोर तिल के लड्डू खाने में, कटी पतंग बची डोर।३। हर तरफ हल्ला हैं ये ही, हर तरफ ये ही शोर। तिल के लड्डू खाने में, कटी पतंग बची डोर।। #NojotoQuote #Mypoetry149 #makarsankranti #मकरसंक्रांति #उत्तरायण #nojotolife #nojotojaipur #nojotofamily #nojotoapp #Nojoto #nojotoofficial #nojotohindi
Aditya Ans [Aditya Raj Chhatrapati]
मकर संक्रांति कविता विशेष - मकर सक्रांति :- कटी पतंग बची डोर हर तरफ हल्ला हैं ये ही, हर तरफ ये ही शोर। तिल के लड्डू खाने में, कटी पतंग बची डोर।। सक्रांति त्यौहार हैं मित्रों, दान धर्म उपकार का रहे ना कोई जन वंचित, खुशियों से इस संसार का। पर सेवा ही परम धर्म हैं, शुभ हो जाए हर भोर तिल के लड्डू खाने में, कटी पतंग बची डोर।१। ओढ़ाने और पहनाने का, इस पर्व पर हैं रिवाज छू के चरण बुजुर्गों के, करते हम खुद पर नाज। मिट जाती हैं सब दुख पीड़ा, होती खुशियाँ चहुँओर तिल के लड्डू खाने में, कटी पतंग बची डोर।२। देने से कुछ कम नहीं होता, बढ़ जाते हैं कोष खुशियाँ गम आते रहते हैं, नहीं किसी का दोष। सब की गाड़ी वो ही हाँके, चले ना 'अंस' का जोर तिल के लड्डू खाने में, कटी पतंग बची डोर।३। हर तरफ हल्ला हैं ये ही, हर तरफ ये ही शोर। तिल के लड्डू खाने में, कटी पतंग बची डोर।। #NojotoQuote #Mypoetry149 #makarsankranti #मकरसंक्रांति #उत्तरायण #nojotolife #nojotojaipur #nojotofamily #nojotoapp #Nojoto #nojotoofficial #nojotohindi
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