#Thinking
कभी चाह थी गले लगाने की,
गैर मुझे अब ग़ैर जताने लगे हैं।
राज़ इश्क़ का सबको बताने लगे हैं,
अब मुझे कितना सताने लगे हैं।
जिनके इश्क़ की गहरी नींद में था, #कविता
Ak.writer_2.0
#sad_poetry {** श्री....,, **} Andy Mann Sircastic Saurabh Surbhi Awasthi Munni Kshitija #SAD