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आसमां कि बुलंदियों में एक मुकाम कि मुझे तलाश है म

आसमां कि बुलंदियों में एक मुकाम कि मुझे तलाश है

मझधार में खड़ा हु मैं,साहिल कि मुझे तलाश है

वक्त के समंदर में कुछ लम्हे खो गए है
उन गुजरें हुए हसिन  लम्हों कि मुझे तलाश है 

जिंदगी कि पथरिली राहों में अगर लड़खड़ा जाऊं, संभाल ले जो मुझको ,
उस हमसफ़र कि मुझे तलाश हैं।

©Amit Sir KUMAR
  #boat आसमां कि बुलंदियों में....

#boat आसमां कि बुलंदियों में.... #शायरी

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