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**लाचारी ** वो बूढा थके क़दमों से , धीरे ध

 **लाचारी **
वो  बूढा  थके   क़दमों   से ,   धीरे धीरे  चल रहा था ,
सूर्य भी उसकी बेबसी पर ,और तेजी से जल रहा था,

घर मे दो लाचार जीव थे ,जिनकी भूख की चिंता थी,
बीमार पत्नी और भूखे पोते को खिलाना,यही उसकी मंशा थी,

जवान बेटा और बहु  महामारी की भेंट चढ़ गए थे ,
तभी से उस मृतप्राय से जर्जर जिस्म के कर्तव्य बढ़ गए थे,

सूर्य के तेज को देख , उसके क़दमों में तेजी आ गई,
उसके जिस्म के आधे हिस्से को तो ,जिम्मेदारी खा गई,

फिर भी अपनी जिम्मेदारी ,वह बखूबी निभा रहा था,
परिवार की रोटी का जुगाड़ कर ,वह अपनी भूख को खा रहा था,

रात   तक   थके   क़दमों  से , वह लड़खड़ा कर गिर पड़ा,
अब चाँद    उसकी   लाचारी पर ,खिलखिला कर हँस पड़ा ।।
                                              पूनम आत्रेय

©poonam atrey
  #लाचारी  Navash2411 Deepiitd भारत सोनी _इलेक्ट्रिशियन Bhardwaj Only Budana Rajesh Arora  दिनेश कुशभुवनपुरी खामोशी और दस्तक Kamlesh Kandpal Anonymous Mahi  Utkrisht Kalakaari Urvashi Kapoor Saloni Khanna Ashutosh Mishra Richa Mishra  Puja Udeshi डॉ मनोज सिंह,बोकारो स्टील सिटी,झारखंड। (कवि,संपादक,अंकशास्त्री,हस्तरेखा विशेषज्ञ 7004349313) Rakesh Srivastava कवि संतोष बड़कुर Poonam Suyal  Bhavana kmishra Badal Singh Kalamgar Raj Guru एक अजनबी Anshu writer  शीतल चौधरी(मेरे शब्द संकलन ) Aditya kumar prasad Lalit Saxena R K Mishra " सूर्य " Sunita Pathania  तन्हा शायर Praveen Jain "पल्लव" Sethi Ji @Dil_E_Nadan Kirti Pandey  narendra bhakuni प्रज्ञा काव्यार्पण Raju ....... अदनासा-  Ranjit Kumar पथिक.. Shilpi Singh Deepti Garg हिमांशु Kulshreshtha