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तुम्हारी खूबसूरती के चर्चे आम होने लगे! तुम्हारी

तुम्हारी खूबसूरती  के चर्चे आम होने लगे!
 तुम्हारी फिक्र में हम यूं ही बदनाम होने लगे !
यूहि लिख रहे थे  बस हम  हिंदी मे गजले--
अब महफिल मे रफाकत के जाम होने लगे।

कवि कुलदीप सिंह रुहेला
सहरानपुर

©Poet Kuldeep Singh Ruhela
  #relaxation तुम्हारी खूबसूरती  के चर्चे आम होने लगे!
 तुम्हारी फिक्र में हम यूं ही बदनाम होने लगे !
यूहि लिख रहे थे  बस हम  हिंदी मे गजले--
अब महफिल मे रफाकत के जाम होने लगे।

कवि कुलदीप सिंह रुहेला
सहरानपुर

#relaxation तुम्हारी खूबसूरती के चर्चे आम होने लगे! तुम्हारी फिक्र में हम यूं ही बदनाम होने लगे ! यूहि लिख रहे थे बस हम हिंदी मे गजले-- अब महफिल मे रफाकत के जाम होने लगे। कवि कुलदीप सिंह रुहेला सहरानपुर #शायरी

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