इत्तु सा पैग़ाम रबड़ के नाम।
रबड़ को मैने सम्भाल कर रखा , पेंसिल की गलतियों को मेहनत से मिटाया , जोड़ कर रखा रबड़ के धागों को, सुधारा जिसने पेंसिल की गलतियों को। उन धागों को जोड़ जोड़ कर फिर रबड़ बना लिया पर वो पहले जैसा ना रहा , धोखे की ठोकरें खा खा कर रबड़ ने सम्भलना सीख लिया। सीख लिया पेंसिल की मद्दत करना, सीख लिया प्यार से दूर रहना।
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